जेरुसलेम/वॉशिंग्टन – चीन में बने इन्स्टिट्युट की कुछ प्रयोगशाला जैविक हथियारों की निर्माण में शामिल हो सकती है| जैविक हथियारों का निर्माण नागरी एवं लष्करी इस प्रकार के दोहरे हेतू से इस्तेमाल हो रहे खोज केंद्रों का हिस्सा हो सकता है, यह कहकर चीन के ‘वुहान कोरोना व्हायरस’ यह चीन से हो रही जैविक युद्ध की तैयारी का हिस्सा हो सकता है, ऐसा सनसनीखेज दावा इस्रायल के भूतपूर्व गुप्तचर अधिकार ‘डॅनी शोहाम’ ने किया है|
कुछ दिन पहले प्रसार माध्यमों को दी मुलाकात में इस्रायली अफसर ने यह दावा किया| ‘मेडिकल मायक्रो बायोलॉजी’ में डाक्टरेट प्राप्त करनेवाले शोहाम ने वर्ष १९७० से १९९१ के दोरान इस्रायल के ‘मिलिटरी इंटेलिजन्स’ में बतौर अफसर काम किया है| उन्होंने साझा की जानकारी के अनुसार चीन ने वर्ष १९९३ में ‘वुहान इन्स्टिट्युट ऑफ बायोलॉजिकल प्रॉडक्टस्’ यह उपक्रम जैविक युद्ध के लिए जरूरी खोजकार्य के लिए होने की बात स्पष्ट की थी|
अमरिका के प्रमुख निवेशक ‘कायले बास’ ने भी ‘वुहान कोरोना व्हायरस’ का संबंध जैविक युद्ध से होेने का दिखानेवाला बयान किया है| बास ने कनाडा की प्रगत जैविग प्रयोगशाला का जिक्र करके इसमें काम कर रहे चीनी वंश के वैज्ञानिकों ने लगातार चीन की यात्रा करने की बात पर ध्यान आकर्षित किया|
कनाडा की प्रयोगशाला और चीन में स्थित प्रगत प्रयोग शाला ‘एबोला’, ‘सार्स’ एवं ‘कोरोना व्हायरस’ प्रकार के विषाणुं का अध्ययन करनेवाली थी, इसका एहसास भी बास ने कराया है|
वुहान कोरोना व्हायरस का उदय चीन की ‘बायोलॉजिकल प्रोग्राम’ से हुआ – अमरिकी सिनेटर टॉम कॉटन ने रखा आरोप
वॉशिंग्टन – चीन के वुहान शहर की प्रगत जैविक प्रयोगशाला ‘वुहान कोरोना व्हायरस’ का उगम हुए ‘सीफूड मार्केट’ से कुछ ही मील दूरी पर है| ऐसे में यह सभी गतिविधियों की शुरूआत कहां से हुई, यह संवाल सभी लोगों के सामने है| इसा जवाब सबुतों के साथ देने की जिम्मेदारी चीन की यंत्रणा एवं शासक कम्युनिस्ट दल पर है’, इन सीधे शब्दों में अमरिका के सिनेटर टॉम कॉटन ने ‘वुहान कोरोना व्हायरस’ की बिमारी के लिए चीन की हुकूमत और वह चला रहे ‘बायोलॉजिकल प्रोग्राम’ जिम्मेदार होने का आरोप रखा है|
‘वुहान कोरोना व्हायरस’ की शुरूआत होने के बाद पीछले महीने से चीन की भूमिका लगातार संदिग्ध रही है| करीबन डेढ महीना होने के बावजूद भी चीन को वुहान कोरोना व्हायरस के विषाणु की पुरी जानकारी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखना संभव नही हुआ है| साथ ही काफी बडा आर्थिक नीधि एवं मनुष्यबल हाथ में होने के बावजूद चीन को?यह बिमारी नियंत्रण में रखना संभव नही हुआ है| इस वजह से अब चीन पर खुलेआम आलोचना हो रही है और कॉटन ने रखा आरोप इसी आलोचना का हिस्सा है|
टॉम कॉटन ने पिछले महीने में चीन की भूमिका पर आशंका व्यक्त करनेवाला बयान किया था| इसपर अमरिका में नियुक्त चीन के राजदूत ने प्रतिक्रिया भी दर्ज की है| उन्होंने अमरिकी सांसद का बयान आशंका एवं अफवाह फैलानेवाला है और इससे द्वेषभावना बढेगी, यह दावा किया था| साथ ही चीन सभी प्रकार की सहायता प्रदान कर रहा है, यह दावा भी उन्होंने किया था| पर, कॉटन ने इस पर फिर एक बाद जवाब देकर चीन को लक्ष्य किया है|
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