‘कोरोना’ के कारण युरोप में शरणार्थियों के झुंड जा टकराएँगे – युरोपियन यंत्रणा की चेतावनी

‘कोरोना’ के कारण युरोप में शरणार्थियों के झुंड जा टकराएँगे – युरोपियन यंत्रणा की चेतावनी

ब्रुसेल्स – कोरोना की महामारी से खाड़ी देश एवं अफ्रीका में बनीं स्थिति और भी बिगड़ने की संभावना है और इन देशों से शरणार्थियों के नये झुंड युरोप में जा टकरा सकते हैं, ऐसी चेतावनी युरोपियन यंत्रणा ने दी है। इस महामारी पर नियंत्रण प्राप्त करने हेतु युरोपिय देशों में फ़िलहाल लॉकडाउन शुरू होने के कारण शरणार्थियों की संख्या में बड़ी मात्रा में कटौती हुई है। लेकिन अगले कुछ महीनों में यह स्थिति बदल सकती है, यह दावा ‘युरोपियन असायलम सपोर्ट ऑफ़िस’ (इएएसओ) ने किया है।

कोरोना की महामारी के कारण फ़िलहाल हर तरह की यातायात लगभग ठप हुई है। इस वज़ह से मार्च महीना और उसके बाद के दौर में शरणार्थियों की मात्रा में ५० प्रतिशत से भी अधिक कमी हुई है। लेकिन युरोप पहुँच रहें शरणार्थियों की जड़ें होनेवाले देशों में कोरोना की महामारी और उसके बाद के परिणामों का ख़तरा काफ़ी बड़ा है। इस वज़ह से युरोप में शरणार्थियों के झुंड फ़िर से जा टकरा सकते हैं, ऐसी चेतावनी ‘इएएसओ’ ने अपनी नई रिपोर्ट में दी है।

खाड़ी एवं अफ्रीकी देशों में कोरोना की महामारी ने भयंकर कोहराम मचाया है और इससे हज़ारों लोगों की मौत हुई है। इन देशों में स्वास्थ्य से संबंधित सुविधाओं की कमी होने के कारण और अर्थव्यवस्था में गिरावट होने के कारण अनाज़ की किल्लत, असुरक्षितता एवं अस्थिरता इन ज़ैसीं समस्याएँ और भी तीव्र हो सकती हैं। उसी समय, ‘आयएस’ ज़ैसे आतंकी गुट भी ताकतवर होने की संभावना है। इसका अंजाम इन देशों के नागरिक पुन: एक बार युरोप की ओर दौड़ लगाने में होगा, यह चिंता युरोपियन यंत्रणा ने व्यक्त की है।

सन २०१५ से युरोप में बड़ी मात्रा में शरणार्थियों के झुंड घुसपैंठ कर रहे हैं। इसपर नियंत्रण प्राप्त करने में युरोपिय देश स्पष्ट तौर पर असफ़ल हुए हैं। इस असफ़लता के काफ़ी बड़े सामाजिक एवं राजनयिक परिणाम युरोपिय देशों में दिखाई दिये हैं।

पिछले दो महीनों में कोरोना की महामारी को क़ाबू में लाने के लिए उलझे हुए युरोप को शरणार्थियों के झुंड की समस्या से फ़िलहाल राहत मिली थी। लेकिन, आनेवाले समय में शरणार्थियों की घुसपैठ का संकट अधिक ही तीव्र होगा, ऐसे संकेत नई रिपोर्ट से प्राप्त हो रहे हैं।

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