चीन के साथ के संबंध पूरी तरह तोड़ देंगे – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष की धमकी

चीन के साथ के संबंध पूरी तरह तोड़ देंगे – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष की धमकी

वॉशिंग्टन – कोरोना महामारी के मुद्दे पर चीन ने अपनायी भूमिका के कारण अपना प्रचंड अपेक्षाभंग हुआ होकर, अमरीका चीन के साथ के संबंध पूरी तरह तोड़ देगी, ऐसी धमकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दिखायी आक्रमकता को अमरिकी नेता और संसद सदस्यों ने ज़बरदस्त समर्थन दिया है। अमरीका के सिनेटर ने, चीन को अलगथलग करके आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसकी घेराबंदी करने के लिए ‘१८ पॉईंट प्लॅन’ सादर किया। उसमें भारत, जापान और तैवान को अमरीका चीन के विरोध में अधिक ताकत सप्लाई करें, ऐसा मशवरा दिया गया है।

कोरोनावायरस यह चीन का जैविक शस्त्र होकर, चीन ने सारी दुनिया पर इसका प्रयोग किया है, ऐसे ठेंठ आरोप शुरू हुए हैं। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने इससे पहले ही खुले आम वैसे संकेत दिये थे। अमरीका के साथ ही ब्रिटन, जापान, ऑस्ट्रेलिया इन् जैसे देशों ने भी इस मुद्दे पर चीन पर का दबाव बढ़ाया होकर, राजनयिक स्तर पर संघर्ष शुरू किया है। चीन के साथ के संबंध पूरी तरह तोड़ देने की धमकी देकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने इस संघर्ष को चरमसीमा तक पहुँचाया दिख रहा है।
राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने संबंध तोड़ने की धमकी देते समय ही, इससे अमरीका का नुकसान नहीं, बल्कि ५०० अरब डॉलर्स की बचत ही होगी, ऐसा ताना मारा है। कोरोना महामारी के मुद्दे पर चीन को पुन: एक बार खरी खरी सुनाकर ट्रम्प ने, चीन की हुक़ूमत ने जानबूझकर यह संक्रमण फ़ैलाया, ऐसा आरोप किया। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने चीन के ख़िलाफ़ शुरू की आक्रमक मुहिम को सहकर्मी नेता और संसद सदस्यों द्वारा ज़बरदस्त समर्थन मिलने लगा है। पिछले कुछ दिनों में अमरीका की संसद में पाँच से अधिक चीनविरोधी प्रस्ताव रखे गये हैं।

फ्लोरिडा के सिनेटर थोम टिलिस ने, ट्रम्प की संबंध तोड़ने की धमकी से भी एक कदम आगे जाकर, चीन को अलगथलग करने का प्लॅन ही प्रस्तुत किया है। चीन को कोरोना महामारी के लिए ज़िम्मेदार क़रार देकर अमरीका की अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य तथा राष्ट्रीय सुरक्षा का ख़याल रखना यह अपनी योजना का मुख्य लक्ष्य होने की बात सिनेटर टिलिस ने स्पष्ट की।

अपनी १७ पन्नों की योजना में, सिनेटर टिलिस ने, शुरू में ही चीन ने कोरोना महामारी के मुद्दे पर अमरीका और दुनिया को किस प्रकार अन्धेरे में रखा, इसका विवरण दिया है। उसके बाद पाँच भागों में चीन के बढ़ते प्रभाव को और महत्त्वाकांक्षा को कैसे झटके दिये जा सकते हैं, इसकी योजना प्रस्तुत की है। इन भागों में, अमरीका की अर्थव्यवस्था को चीन से सुरक्षित रखना, चीन पर निर्बंध लगाना, चीन के कारनामों की तहकिक़ात करना और चीन की पोल खोलना इनका समावेश है।

उसीके साथ, चीन को रोकने के लिए अमरीका एशिया में अपने लष्करी सामर्थ्य को बढ़ायें, ऐसा भी टिलिस ने अपनी योजना में कहा है। इसमें उन्होंने, ‘पॅसिफिक डिटरन्स इनिशिएटिव्ह’ का ज़िक्र किया होकर, उसमें भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, तैवान तथा व्हिएतनाम के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की और कार्य बढ़ाने की तथा इन देशों को लष्करी दृष्टि से अधिक सामर्थ्यशाली बनाने की सिफ़ारिश की है। इसके लिए २० अरब डॉलर्स निधि का प्रावधान की जायें, ऐसा भी इस प्रस्ताव में कहा गया है।

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी हुई धमकी और सिनेटर टिलिस के साथ अन्य अमरिकी सदस्यों द्वारा प्रस्तुत किये जानेवाले प्रस्ताव, अमरीका ने चीन के विरोध में राजनैतिक युद्ध नये स्तर पर ले जाने की तैयारी की होने के स्पष्ट संकेत साबित होते हैं। अमरीका के अलावा युरोप और एशियाई देश भी फिलहाल कोरोना के मुद्दे को लेकर चीन पर बहुत ही भड़के हुए हैं। इस कारण, अमरीका को चीनविरोधी संघर्ष में जागतिक स्तर पर भी अच्छा सहयोग मिल रहा है। यह बात चीन के लिए घातक साबित होनेवाली होकर, वर्चस्व स्थापित करने के चीन के ईरादे जल्द ही मिट्टी में मिलें दिखायी दे सकते हैं।

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