पैरिस/इस्तंबूल – तुर्की की हरकतों की वजह से तनाव में बढ़ोतरी होने पर अब फ्रान्स ने भूमध्य सागरी क्षेत्र में अपनी लष्करी तैनाती बढ़ाने का निर्णय किया है। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने इस नई तैनाती की बढोतरी का ऐलान किया। फ्रान्स ने भूमध्य सागरी क्षेत्र में अपने ‘ला फाएत’ विध्वंसक के साथ रफायल विमानों की तैनाती की है। गुरूवार के दिन तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने भूमध्य सागर में जारी गतिविधियों पर ग्रीस को धमकाया था। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष की इसी धमकी पर प्रत्युत्तर देने में फ्रान्स ने यह नई तैनाती की हुई दिख रही है। इसी पृष्ठभूमि पर अमरिकी संसद में तुर्की की हरकतें रोकने के लिए प्रतिबंध लगाने की आक्रामक माँग की गई है।
कुछ दिन पहले ही तुर्की ने ‘नॅवटेक्स अलर्ट’ जारी करने अपना ‘ओरूक रेईस’ नामक ‘रिसर्च शिप’ दो जहाज़ों के साथ भूमध्य सागरी क्षेत्र में ग्रीस के कैस्टेलोरिज़ो द्विप के करीब खोज कार्य करने के लिए दाखिल होने का एक तरफा ऐलान किया था। तुर्की के इस ऐलान पर ग्रीस के साथ यूरोपिय देश और नाटो ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। ग्रीस ने अपने रक्षाबलों के लिए हाय अलर्ट जारी करके तुर्की की हरकतों पर नज़र रखना शुरू किया था। यूरोपिय महासंघ का अध्यक्ष पद संभाल रहे जर्मनी ने तुर्की की समुद्री मुहीम गलत संदेश देनेवाली होने का बयान करके तुर्की को फटकार लगाई थी। ग्रीस और यूरोपिय देशों की इस आक्रामक भूमिका के बाद भी तुर्की ने अपना हट छोड़ा नहीं है, यही बात राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के धमकाने से स्पष्ट हो रही है।
ग्रीस ने यदि तुर्की के ‘ओरूक रेईस’ जहाज़ पर हमला किया तो उसे बड़ी कीमत चुकानी पडेगी। ग्रीस को पहला झटका भी लगेगा, इन शब्दों में तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने धमकाया था। तुर्की के विदेशमंत्री ने इसी मुद्दे पर यूरोपिय महासंघ को खत दिया है और इसमें यूरोपिय देश तुर्की के विरोध में अविचारी निर्णय ना करे, यह इशारा भी दिया है। तुर्की के बयान के बाद फ्रान्स ने कड़ी प्रतिक्रिया भी दर्ज़ की है।
भूमध्य सागर के पूर्वी क्षेत्र में स्थिति प्रति दिन और भी बिगड़ रही है। इंधन खनन के मुद्दे पर तुर्की ने एकतरफा किया निर्णय इस क्षेत्र के तनाव में बढ़ोतरी कर रहा है। यह तनाव ख़त्म होना ज़रूरी है। इसके लिए फ्रान्स ने भूमध्य समुद्री क्षेत्र में अपनी रक्षा तैनाती बढ़ाने का निर्णय किया है। इसके लिए ग्रीस के साथ अन्य यूरोपिय साझेदार देशों की भी सहायता प्राप्त करने के संकेत देकर फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने अतिरिक्त लष्करी तैनाती का ऐलान किया। इस क्षेत्र में ‘ला फाएत’ विध्वंसक और रफायल विमान तैनात करके फ्रान्स ने अपनी तैनाती और भी मज़बूत की है।
इसी बीच, तुर्की के हरकतों पर प्रत्युत्तर देने के लिए अमरीका में भी गतिविधियां शुरू हुई हैं। अमरिकी वरिष्ठ सिनेटर्स ने तुर्की पर कड़े प्रतिबंध लगाने की माँग की है। अमरिकी संसद की ‘सिनेट फॉरेन रिलेशन्स कमिटी’ के वरिष्ठ सदस्य बॉब मैनेडेज़ और क्रिस व्हैन हॉलेन ने विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ को खत देने की बात भी सामने आयी है। अमरीका ने तुर्की पर इस क्षेत्र में तैनात जहाज़ हटाने के लिए दबाव बनाना होगा। साथ ही यूरोयि महासंघ भी तुर्की के खिलाफ़ नए प्रतिबंध लगाए, इसके लिए भूमिका अपनानी होगी, यह माँग इस खत में की गई है। तुर्की ने भूमध्य समुद्री क्षेत्र की गतिविधियां जारी रखी तो तुर्की की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका लगेगा ऐसे प्रतिबंध लगाने की सिफारीश भी इस खत में की गई है।
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