अमरीका तैवान को 66 प्रगत ‘एफ-16’ लड़ाकू विमान प्रदान करेगी – शुक्रवार के दिन हुआ समझौते का ऐलान

अमरीका तैवान को 66 प्रगत ‘एफ-16’ लड़ाकू विमान प्रदान करेगी – शुक्रवार के दिन हुआ समझौते का ऐलान

वॉशिंग्टन/ताइपेई – चीन से बढ़ रहे खतरे की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने तैवान को 88 प्रगत ‘एफ-16’ लड़ाकू विमान प्रदान करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष तैवान को प्रगत लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अमरिकी स्वास्थ्यमंत्री केतैवान दौरे की पृष्ठभूमि पर इस समझौते का ऐलान करके अमरीका ने चीन को और एक जोरदार झटका दिया है। अमरीका की इस घोषणा पर चीनी प्रसारमाध्यम और विश्‍लेषकों ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और यह समझौता यानी उकसाने की और एक कोशिश होने का आरोप किया गया है।

कोरोना की पृष्ठभूमि पर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत साउथ चायना सी क्षेत्र के कई हिस्सों पर कब्ज़ा करने की कोशिश करेगी, यह इशारा अमरीका के वरिष्ठ सेना अधिकारियों ने कुछ महीने पहले दिया था। इससे पहले एवं बाद के समय में चीन ने तैवान के खिलाफ़ अपनी गतिविधियों में बढ़ोतरी की हुई दिखाई दे रही है। मई महीने के अन्त में चीन में हुई एक बैठक में कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता ने एवं लष्करी अधिकारियों ने तैवान पर हमला करने के लिए यही उचित समय होने की भूमिका रखी थी। चीन की तैवान के विरुद्ध जारी गतिविधियां और भी आक्रामक होने की शुरूआत होने की बात बीते कुछ सप्ताहों में सामने आ रही है।

दो दिन पहले ही चीन के रक्षाबलों ने तैवान की खाड़ी में बड़े युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। संप्रभुता की सुरक्षा और लगातार हो रही उकसाने की कोशिशों के खिलाफ तैयारी करने के उद्देश्‍य से इस युद्धाभ्यास का आयोजन होने की जानकारी चीन के प्रवक्ता ने साझा की थी। बीते महीने से चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी ने तैवान की सीमा के करीब आयोजित किया हुआ यह चौथा बड़ा युद्धाभ्यास समझा जा रहा है। यह युद्धाभ्यास यानी तैवान पर हमला करने की रिहर्सल होने का दावा भी चीन के माध्यमों ने किया है। तैवान ने भी इसकी पुष्टी की है और चीन अब तैवान पर हमला करने की तैयारी में जुटा होने की चिंता तैवान के मंत्री एवं अधिकारियों ने व्यक्त की।

चीन ने तैवान के विरोध में शुरू की हुई आक्रामक गतिविधियों पर प्रत्युत्तर देने के लिए अमरीका ने भी जोरदार तैयारी शुरू की है और ‘एफ-16 वी’ विमान तैवान को देना इस तैयारी की पुष्टी कर रही है। इससे पहले वर्ष 1992 में अमरीका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष एच.डब्ल्यू.बुश ने तैवान को 150 ‘एफ-16’ विमान प्रदान करने के लिए मंजूरी दी थी। इसके बाद हुआ यह सबसे बड़ा समझौता है और इस समझौते के तहत आठ से दस अरब डॉलर्स का व्यवहार होगा, ऐसा कहा जा रहा है। अगले पांच से दस वर्षों में तैवान को यह प्रगत विमान प्राप्त होंगे, यह कहा जा रहा है। फिलहाल तैवान ने अपनी वायुसेना में कार्यरत अमरिकी लड़ाकू विमानों के आधुनिकीकरण के लिए भी मंजूरी दी है।

बीते कुछ महीनों में अमरीका ने तैवान को बड़ी मात्रा में रक्षा सामग्री की आपूर्ति करना शुरू किया है। इसमें लड़ाकू विमानों के साथ ‘हार्पून’ मिसाइल्स, पैट्रिऑट मिसाइल सिस्टिम एवं टोर्पेडो का समावेश है। साथ ही अमरीका ने अपनी विमान वाहक युद्धपोतों के साथ विध्वंसक, बॉम्बर्स, ड्रोन्स और गश्‍ती विमानों की तैनाती और मौजूदगी भी बढ़ाई है। तैवान पर होनेवाले संभावित हमले के विरोध में अमरीका को लष्करी कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान करनेवाला ‘तैवान इन्वेशन प्रिवेंशन ऐक्ट’ अमरिकी संसद में रखा गया है। कुछ दिन पहले अमरिकी स्वास्थ्यमंत्री ऐलेक्स अज़ार के तैवान दौरे की शुरूआत हुई। वर्ष 1979 में तैवान से राजनीतिक संबंध तोड़ने के बाद अमरीका से इस देश पहुँचे अज़ार अमरीका की सर्वोच्च राजनीतिक अधिकारी एवं नेता हैं।

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