अबू धाबी – ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (यूएई) ने इस्रायल के साथ किया हुआ ऐतिहासिक शांति समझौता सबसे बड़ी गलती है और आनेवाला समय ‘यूएई’ के लिए खतरनाक रहेगा, यह इशारा ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने दिया था। राष्ट्राध्यक्ष रोहानी के इस इशारे के बाद गुस्सा व्यक्त करके ‘यूएई’ ने ईरान के राजदूत को समन्स भेजे हैं। सौदी अरब में मुख्यालय वाले ‘गल्फ को-ऑपरेशन कौन्सिल’ (जीसीसी) ने भी ईरान ने ‘यूएई’ को दी हुई धमकी पर आपत्ति जताई है और अरब देशों के कारोबार में ईरान दखलअंदाज़ी ना करे, ऐसी फटकार भी लगाई है।
बीते सप्ताह में इस्रायल और यूएई में हुए ऐतिहासिक समझौते का विश्वभर में स्वागत हो रहा है। बीते कई वर्षों से इस्रायल के साथ सहयोग ना करनेवाले अरब-इस्लामी देश भी इस्रायल के साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक होने की प्रतिक्रिया दे रहे है। तभी, ईरान और तुर्की जैसे देशों ने इस समझौते पर आलोचना करके यूएई को इशारा दिया था। इनमें से ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी एवं रिवोल्युशनरी गार्डस् और ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह खामेनी से संबंधित माध्यमों ने यूएई को अलग शब्दों में धमकाया था। यह समझौता करके ‘यूएई’ ने काफी बड़ी गलती की है और इस भरोसा तोड़नेवाले निर्णय के बाद यूएई चौकन्ना रहे, यह बयान रोहानी ने किया था। तभी, इस शांति समझौते के गंभीर परिणाम ‘यूएई’ को भुगतने होंगे, यह धमकी रिवोल्युशनरी गार्ड्स ने दी थी। इसके अलावा खामेनी से जुड़े ‘कह्यान’ नामक ईरानी समाचार पत्र ने ‘यूएई’ अब आसानी से निशाने पर आने का इशारा दिया था।
ईरान ने दी हुई इन धमकियों के पर यूएई ने कड़े शब्दों में नाराज़गी व्यक्त की है। ‘ईरानी राष्ट्राध्यक्ष ने व्यक्त की हुई प्रतिक्रिया स्वीकारना कभी भी संभव नहीं होगा। इस प्रक्षोभक प्रतिक्रिया की वजह से खाड़ी क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है’, ऐसी फटकार यूएई के विदेश मंत्रालय ने लगाई है। इस्रायल के साथ समझौता करने का यह निर्णय यूएई का सार्वभौम अधिकार है और यह समझौता ईरान के विरोध में नहीं है, यह दावा भी विदेश मंत्रालय ने किया है। साथ ही तेहरान में स्थित ‘यूएई’ के दूतावास की सुरक्षा करना ईरान की ज़िम्मेदारी बनती है, यह भी स्पष्ट किया। दो दिन पहले तेहरान में स्थित ‘यूएई’ के दूतावास के सामने ईरानी चरमपंथियों ने आक्रामक प्रदर्शन किए थे। इस पृष्ठभूमि पर यूएई के विदेश मंत्रालय ने ईरान को ज़िम्मेदारी का एहसास दिलाया है। तभी ‘जीसीसी’ ने भी ईरान को संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों की याद दिलाकर अरब देशों के कारोबार में दखलअंदाज़ी ना करने का इशारा दिया है।
इसी बीच, ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स और समाचार पत्रों ने दिए इशारा ज्यादा गंभीर ना होने की बात अमरीका के एक विश्लेषक ने कही है। येमन में अपने समर्थकों की सहायता से ईरान ने सौदी अरब में पहले भी हमले किए थे। इससे ईरान ऐसा हमला ‘यूएई’ में भी कर सकता है, यह इशारा अमरीका के ‘गल्फ स्टेट एनालिटीक्स’ नामक अभ्यासगुट के विश्लेषक डॉ.थिओडर कैरासिक ने दिया है। ईरान के मिसाइल आठमिनिटों में ‘यूएई’ पर गिर सकते हैं, यह दावा भी कैरासिक ने किया है। इसी कारण ईरान की धमकियों को हलके में ना ले, यह बयान कैरासिक ने किया है। कुछ महीने पहल यूएई के समुद्री क्षेत्र में ईरान ने इंधन के एक टैंकर पर हमला किया था, यह आरोप हुआ था।
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