अंकारा – दस दिन पहले इस्रायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हुआ ऐतिहासिक शांति समझौता, सहयोग ईरान के खिलाफ़ होने की बात कही जा रही है। इस सहयोग से इस्रायल और अरब देशों का ईरान के खिलाफ़ बड़ा मोर्चा खड़ा होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, इस्रायल और यूएई का यह सहयोग ईरान नहीं बल्कि तुर्की के खिलाफ़ है। इस सहयोग से इस्रायल, यूएई और अन्य अरब देशों ने तुर्की को ‘टार्गेट’ किया है और यह समझौता तुर्की की सुरक्षा के लिए खतरा होने का दावा तुर्की के शीर्ष समाचार पत्र ने किया है।
इस्रायल और यूएई का यह सहयोग ईरान के लिए चेतावनी होने की बात पश्चिमी माध्यमों ने कही थी। ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी और रिवोल्युशनरी गार्डस् ने इस पर यूएई को धमकाया भी था। इस्रायल के साथ सहयोग करने के गंभीर परिणाम अगले दौर में यूएई को भुगतने पडेंगे, यह इशारा ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया था। लेकिन, ‘यूएई’ ने इस पर स्वतंत्र भूमिका अपनाकर इस सहयोग से ईरान के लिए किसी भी तरह का संदेश ना होने की बात यूएई के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट की थी। तुर्की के ‘डेलि सबाह’ इस अख़बार ने यूएई के इस बयान का दाखिला देकर उपरोक्त दावा किया है।
यह सहयोग ईरान के खिलाफ़ ना होने की बात कह रहे यूएई ने तुर्की को लेकर ऐसी भूमिका स्वीकारी ना होने की आलोचना इस समाचार पत्र ने की। बल्कि अरब देशों के कारोबार में तुर्की दखलअंदाज़ी ना करे, यह कहकर यूएई के विदेशमंत्री ने तुर्की को फटकार लगाई थी, इस बात की याद भी तुर्की के समाचार पत्र ने ताजा की है। इससे पहले सीरिया, लीबिया एवं खाड़ी या भूमध्य समुद्र में तुर्की के प्रभाव के खिलाफ़ सौदी अरब, यूएई एवं अरब मित्रदेश और फ्रान्स एवं ग्रीस का मोर्चा काम कर रहा था। लेकिन, इस्रायल और यूएई के बीच बना नया सहयोग इसके आगे खाड़ी एवं भूमध्य समुद्र में तुर्की के प्रभाव के खिलाफ़ काम करनेवाला होगा। यह नया मोर्चा तुर्की को चुनौती देनेवाला साबित होगा, यह दावा इस समाचार पत्र ने किया है।
तभी इस्रायल के साथ किए इस सहयोग से यूएई और अन्य अरब देशों ने पैलेस्टाईन को लेकर किया डील तुर्की ने अब तक की हुई कोशिशों को चुनौती देने की साज़िश है, यह आरोप भी इस समाचार पत्र ने किया है। कुल मिलाकर यूएई ने इस्रायल के साथ किया यह समझौता तुर्की के खिलाफ़ होने का आरोप इस समाचार पत्र ने किया। लेकिन, इस्रायल और यूएई का यह सहयोग बढ़ने के दौरान तुर्की भी शांत नहीं रहेगा, यह बात भी इस अख़बार ने कही है। लीबिया में तुर्की ने अपने विरोधकों को प्रत्युत्तर दिया है, इसका एहसास भी इस अख़बार ने कराया है।
इसी बीच, गाजा के आतंकी हमास संगठन के वरिष्ठ नेता तुर्की पहुँचे हैं। इनमें हमास का प्रमुख इस्माईल हनिया एवं सालेह अल-अरुरी और माहेर सलाह का समावेश है। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने हमास के इन नेताओं से भेंट करने की जानकारी भी सामने आयी है। कुछ दिन पहले ही तुर्की ने हमास के आतंकियों को आश्रय देने की ख़बर प्रसिद्ध हुई थी।
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