तैपेई – चीन के लड़ाकू एवं गश्ती विमानों ने बीते ९ दिनों में तैवान की हवाई सीमा में ४६ बार घुसपैठ की है, यह जानकारी तैवान के रक्षा विभाग ने प्रदान की है। यह चीन की उकसानेवाली हरकतें अधिक तीव्रता से बढ़ने के संकेत हैं, ऐसी आलोचना तैवान के रक्षा विभाग ने की है। चीन की इन हरकतों के सामने झुके बिना उस पर प्रत्युत्तर देने के लिए तैवान ने भी युद्ध के लिए तैयारी शुरू की है और इसी के लिए नया युद्धाभ्यास शुरू किया है। इस पृष्ठभूमि पर चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने तैवान को फिर एक बार युद्ध की धमकी देने की बात सामने आयी है।
बीते सप्ताह में ही अमरीकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी किथ क्रैथ ने तैवान की यात्रा की थी। क्रैक की इस यात्रा के दौरान भी चीन के लड़ाकू और गश्ती विमानों ने लगातार दो दिन तैवान की सीमा में ३७ बार घुसपैठ करने की बात स्पष्ट हुई थी। इसके बाद भी चीन ने तैवान की सीमा में घुसपैठ करना जारी रखा है, यह बात नई जानकारी से सामने आयी है। अमरीकी अधिकारियों की यात्रा से गुरूवार २४ सितंबर तक के नौं दिनों में चीन के विमानों ने ४६ बार तैवान की सीमा में घुसपैठ की। घुसपैठ करनेवाले इन विमानों में लड़ाकू, गश्ती एवं ऐंटी सबमरीन विमानों का समावेश था, ऐसी जानकारी तैवान के रक्षा विभाग ने साझा की। घुसपैठ की यह घटनाएं चीन की उकसानेवाली गतिविधियों की तीव्रता में बढ़ोतरी होने की बात दिख रही है, इन शब्दों में तैवान ने आलोचना की है।
विमानों की घुसपैठ के माध्यम से तैवान पर दबाव डालना जारी होते हुए चीन के माध्यमों ने भी धमकाने का रवैया कायम रखा है। चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने तैवान को दुबारा युद्ध की धमकी दी है। चीन के पिपल्स लिब्रेशन आर्मी ने हाल ही में तैवान के करीब किए युद्धाभ्यास में दो विमान वाहक युद्धपोतों का समावेश था और यह विमान वाहक युद्धपोत तैवान पर कब्ज़ा करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, यह इशारा ग्लोबल टाईम्प ने दिया है। साथ ही चीन के विमानों ने तैवान की सीमा के करीब उड़ान भरना तैवान के लिए इशारा है और यह विमान किसी भी क्षण अगला कदम उठा सकते हैं, ऐसा इशारा भी चीन के मुखपत्र ने दिया है।
चीन की जारी उकसानेवाली गतिविधियां और धमकाने की कोशिशों की पृष्ठभूमि पर तैवान ने भी अपनी तैयारी बढ़ाने की गतिविधियां शुरू की है। चीन की सीमा से करीबी मात्सु द्विप पर तैवान ने लाईव फायरिंग का युद्धाभ्यास शुरू किया है। इस युद्धाभ्यास में ऐंटी एअरक्राफ्ट गन्स, होवित्झर तोंप, मोर्टर्स का इस्तेमाल होने की जानकारी तैवान की रक्षा कमांड ने प्रदान की। इस युद्धाभ्यास में समुद्री तटीय क्षेत्र पर हमला करने के साथ जहाजों पर कार्रवाई एवं एअर डिफेन्स टार्गेट्स का समावेश होने की बात कही गई। मात्सु द्विप पर स्थित कमांड़ चीन के खिलाफ फ्रंटलाईन डिफेन्स का हिस्सा होने की बात समझी जाती है। इसी कारण यह युद्धाभ्यास ध्यान आकर्षित कर रहा है।
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