नौसेना का वर्चस्व स्थापित करके अमरीका ने चीन को उकसाना नहीं चाहिए – चीन की चेतावनी

नौसेना का वर्चस्व स्थापित करके अमरीका ने चीन को उकसाना नहीं चाहिए  – चीन की चेतावनी

बीजिंग/वॉशिंग्टन – अमेरिकी युद्धपोत ने पैरासेल द्विप के क्षेत्र में की हुई गश्‍त वर्चस्व स्थापित करके उकसाने की कोशिश है, यह आरोप चीन ने लगाया है। साथ ही अमरीका ऐसी कोशिश दुबारा ना करे, यह इशारा चीन के रक्षाबल ने दिया है। शुक्रवार को अमरीका की प्रगत ‘यूएसएस जॉन मैक्केन’ ने साउथ चायना सी के पैरासेल द्विप के काफी करीबी इलाके से गश्‍त की थी। बीते कुछ महीनों में अमरीका ने साउथ चायना सी के मुद्दे पर चीन पर दबाव बढ़ाना शुरू किया है। इसके लिए अमरीका और मित्र देशों ने साउथ चायना सी क्षेत्र में लगातार युद्धपोतों की गश्‍त जारी रखी है। कुछ दिन पहले ही कनाड़ा के युद्धपोत ने भी साउथ चायना क्षेत्र से सफर किया था।

वर्चस्व स्थापित

अमरिकी विध्वंसक ने चीन की अनुमति प्राप्त किए बिना समुद्री सीमा में प्रवेश करने की घटना नौसेना के सामर्थ्य के जोर पर एक तरफा वर्चस्व दिखानेवाली बात साबित होती है। यह खुलेआम उकसानेवाली लष्करी हरकत है। ऐसी हरकतें अमरीका ने तुरंत बंद करनी चाहिए। अमरीका की ऐसी हरकतों की वजह से इस क्षेत्र में दुर्घटना हो सकती है। इससे साउथ चायना सी के समुद्री एवं हवाई सीमा में लष्करी मुहिम पर अमरीका नियंत्रण लगाए, यह इशारा चीन के पिपल्स लिब्रेशन आर्मी के प्रवक्ता कर्नल झैंग नान्डाँग ने दिया है। अमरीका की मु्हिम चीन की संप्रभुता और हितसंबंधों का उल्लंघन करनेवाली है और इसके विरोध में ची्न उचित कदम उठाएगा, यह इशारा भी चीन के प्रवक्ता ने दिया है।

बीते कुछ महीनों में साउथ चायना सी के क्षेत्र में चीन ने जोरदार गतिविधियां शुरू की हैं। पड़ोसी देशों के जहाज़ डुबोना, समुद्री क्षेत्र में घुसपैठ करना, लष्करी ताकत के बल पर धमकाने जैसी हरकतें चीन ने लगातार जारी रखी हैं। चीन ने अपने समुद्री परिवहन से संबंधित नियमों में बदलाव किए हैं। इसके अनुसार चीन के हैनान प्रांत से साउथ चायना सी के पैरासेल आयलैंड़ तक का क्षेत्र आगे चीन का तटीय (कोस्टल) क्षेत्र के हिस्से के तौर पर जाना जाएगा। साउथ चाना सी क्षेत्र पर अपना ही हक जताने की चीन की यह नई कोशिश समझी जा रही है। इससे पहले अप्रैल के शुरू में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने ‘साउथ चायना सी’ क्षेत्र के करीबन ८० ठिकानों को चीनी नाम देकर वह अपना क्षेत्र होने का दिखावा किया था। इसके साथ ही चीन की पिपल्स लिब्रेशन आर्मी के सदर्न, नॉर्दन एवं इस्टर्न कमांड़ ने लड़ाकू विमानों के साथ बॉम्बर्स, फ्यूल टैंकर्स, गश्‍त विमान और अर्ली वॉर्निंग एअरक्राफ्टस्‌ के साथ लगातार युद्धाभ्यास भी जारी रखा है।

वर्चस्व स्थापित

चीन की आक्रामक गतिविधियां जारी होने के दौरान अमरीका ने भी तेज़ कदम उठाना शुरू किया है। साउथ चायना सी क्षेत्र में अमरीका के गश्‍त और लड़ाकू विमानों के साथ ड्रोन्स के उड़ानों की संख्या बढ़ने की बात भी सामने आयी है। बीते पांच महीनों में अमरीका ने साउथ चायना सी क्षेत्र में कम से कम चार बार विमान वाहक युद्धपोत और कैरियर स्ट्राईक ग्रूप की तैनाती की थी। उसी के साथ फ्री ऐण्ड ओपन इंडो-पैसिफिक और फ्रीड़म ऑफ नैविगेशन नीति के अनुसार अमरिकी नौसेना के युद्धपोत लगातार साउथ चायना सी में गश्‍त भी कर रहे हैं। शुक्रवार के दिन अमरिकी नौसेना की ‘यूएसएस जॉन मैक्केन’ विध्वंसक ने लगाई हुई गश्‍त भी उसी का हिस्सा साबित होता है। चीन ने लगातार हमले की धमकियां और इशारे देना जारी रखा है और इसे ठुकराकर अमरीका अपनी रक्षा तैनाती बढ़ाने के साथ ही चीन को स्पष्ट सामरिक संदेश दे रही है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

वर्चस्व स्थापित

इसी बीच अमरीका अपने प्रगत ‘एफ-३५’ लड़ाकू विमान तैवान को प्रदान करे, यह सलाह अमरीका के पूर्व रक्षा अधिकारी ने प्रदान की है। बीते कुछ दिनों में चीन तैवान के करीबी क्षेत्र में अपनी लष्करी ताकत का आक्रामकता से प्रदर्शन कर रहा है। चीन के पूर्व अधिकारी और विश्‍लेषक और प्रसारमाध्यम लगातार तैवान पर हमले करने की धमकियां भी दे रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर चीन को प्रत्युत्तर देने के लिए ‘एफ-३५’ जैसे ‘पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ’ लड़ाकू विमान निर्णायक साबित होंगे, यह दावा पेंटॅगॉन के अधिकारी स्टिफन ब्रिएन ने किया है। चीन के बेड़े में भी प्रगत लड़ाकू विमान और बॉम्बर्स मौजूद हैं और इस पर प्रत्युत्तर देकर चीन पर हमला करने के लिए आवश्‍यक प्रगत विमानों की तैवान में कमी होने की बात ब्रिएन ने कही है। तैवान के लिए अमरीका ‘एफ-३५’ के समावेश के साथ ‘स्टैण्डबाय फोर्स’ तैयार रख सकती है या यह विमान तैवान को लीज पर दिए जा सकते हैं, यह सलाह उन्होंने प्रदान की है। तैवान के बेड़े में फिलहाल अमरीका ने प्रदान किए ‘एफ-१६’ और एफ-५’ एवं लड़ाकू मिराज २००० विमान मौजूद हैं।

अमरीका ने तैवान की रक्षा तैयारी बढ़ाने की कोशिश शुरू की है और तभी चीन ने शुक्रवार के दिन दुबारा तैवान की हवाई सीमा में घुसपैठ करने की बात सामने आयी है। शनिवार के दिन तैवान अपना नैशनल डे मना रहा है और इस पृष्ठभूमि पर घुसपैठ करके चीन ने तैवान को धमकाने की कोशिश की है, ऐसा समझा जा रहा है। चीन ने ‘वाय-८’ और ‘वाय-९’ यह ऐंटी सबमरीन एअरक्राफ्ट रवाना करने की जानकारी भी तैवान के रक्षा विभाग ने साझा की है।

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