ब्रिटेन अपने रक्षाबलों के लिए ३२ अरब डॉलर्स का निवेश करेगा – प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन का ऐलान

ब्रिटेन अपने रक्षाबलों के लिए ३२ अरब डॉलर्स का निवेश करेगा – प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन का ऐलान

लंदन – भविष्य के अलग अलग खतरों का मुकाबला करने के लिए और आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रिटेन का प्रभाव बढ़ाने के लिए रक्षाबलों का आधुनिकीकरण करने की आवश्‍यकता होने का निर्धार व्यक्त करके, प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने इस कार्य के लिए ३२ अरब डॉलर्स से भी अधिक रकम का निवेश करने का ऐलान किया। अगले चार वर्षों में यह निवेश किया जाएगा और इस माध्यम से ‘स्पेस कमांड’, नैशनल सायबर फोर्स एवं लेज़र वेपन्स और आर्टिफिशियल इंटेजिलन्स के क्षेत्र में निवेश होगा, यह बयान प्रधानमंत्री जॉन्सन ने किया है। रक्षाखर्च में कटौती करने का दौर अब खत्म हुआ है, ऐसा सूचक बयान भी ब्रिटीश प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया। शीतयुद्ध के बाद पहली बार ब्रिटेन इतनी बड़ी मात्रा में रक्षा क्षेत्र के लिए निवेश कर रहा है।

३२ अरब डॉलर्स

‘बीते कई वर्षों से ब्रिटीश सरकार रक्षाखर्च में लगातार कटौती करती रही है। यही नीति आगे जारी रही, तो ब्रिटेन के रक्षाबल शत्रु के सामने खड़े रहने की कम से कम क्षमता भी खो बैठेंगे, यह ड़र है। यदि यह क्षमता खोई, तो उसे दोबारा प्राप्त करना संभव नहीं होगा। ब्रिटीश जनता की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है। इस वजह से आन्तर्राष्ट्रीय स्थिति और देश की विदेशी नीति के आधार पर ही, रक्षाखर्च में कटौती करने का दौर खत्म करने का निर्णय किया गया है। अगले चार वर्षों में ब्रिटेन रक्षाखर्च में २४ अरब पौंड से भी अधिक बढ़ोतरी करेगा’, इन शब्दों में प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने रक्षाबलों के आधुनिकीकरण का ऐलान किया।

मौजूदा दौर शीतयुद्ध के बाद का सबसे खतरनाक दौर है और भारी मात्रा में होड़ निर्माण हुई है, इसकी ओर प्रधानमंत्री जॉन्सन ने ग़ौर फ़रमाया। ब्रिटन समेत विश्‍व के हर एक देश का रोजमर्रा का कारोबार आन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर निर्भर है और इसे अनदेखा करके उसका ज़िम्मा अन्य सहयोगी देशों पर धकेलना संभव नहीं होगा, इस बात का कड़ा एहसास प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने ब्रिटेन की संसद को कराया। ब्रिटेन के हितसंबंधों एवं मूल्यों का जतन करना और उसी समय, जागतिक स्तर पर दबाव बनाए रखना भी अहम है, यह बयान करके, रक्षाबलों का आधुनिकीकरण करना भी उसी की नींव साबित होती है, इन शब्दों में उन्होंने रक्षाखर्च की बढ़ोतरी का समर्थन किया।

३२ अरब डॉलर्स

पहले ब्रिटेन विश्‍वभर में समुद्री लहरों पर हुकूमत करता था, इसकी याद दिलाकर, ‘अगले दिनों में ब्रिटेन को युरोप में सबसे ताकतवर नौसेना का निर्माण करना है, यही रक्षाक्षेत्र में हो रहें निवेश का प्रमुख उद्देश्‍य रहेगा’ यह बात ब्रिटीश प्रधानमंत्री ने ड़टकर रखी। वर्ष २०२३ तक ब्रिटेन के दोनों विमानवाहक युद्धपोत कार्यरत होंगे, यह दावा भी उन्होंने इस दौरान किया। साथ ही, अगले कुछ वर्षों में ब्रिटीश नौसेना में १३ विध्वंसक, सपोर्ट शिप्स, ‘मल्टिरोल रिसर्च व्हेसल्स’ और प्रगत युद्धपोतों का समावेश किया जाएगा, यह बयान भी प्रधानमंत्री जॉन्सन ने किया।

अगले चार वर्षों में ब्रिटेन ‘स्पेस कमांड’, ‘नैशनल सायबर फोर्स’ एवं ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स सेंटर’ सक्रिय करेगा और ब्रिटीश युद्धपोतों पर ‘लेज़र वेपन्स’ की तैनाती होगी, यह वादा जॉन्सन ने किया। ब्रिटेन का विमानवाहक युद्धपोत ‘एचएमएस एलिझाबेथ’ अगले वर्ष हिंद महासागर एवं पूर्वीय एशिया की महत्त्वाकांक्षी मुहिम पुरा करेगा, यह बयान भी उन्होंने इस दौरान किया। कोरोना की महामारी फैल रही होने के बावजूद भी, देश की सुरक्षा को दुय्यम स्थान नहीं दिया जा सकता, इसे ध्यान में रखकर रक्षाक्षेत्र में यह निवेश करने का निर्णय किया गया है, ऐसा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने आखिर में जताया।

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