वॉशिंग्टन/मॉस्को – अमरीका के वित्त एवं व्यापार विभागों के कॉम्प्युटर नेटवर्क पर बड़ा सायबरहमला हुआ होने की जानकारी सामने आयी है। अंतर्गत सुरक्षा विभाग (होमलँड सिक्युरिटी) तथा ‘फेडरल ब्युरो ऑफ इन्व्हेस्टिगेशन’ (एफबीआय) ने इसकी तहकिक़ात शुरू की होकर, हमले के पीछे रशिया की हाथ होने का शक़ विशेषज्ञों ने ज़ाहिर किया है। पिछले ही हफ़्ते में अमरीका की अग्रसर सायबरसुरक्षा कंपनी होनेवाली ‘फायर आय’ पर बड़ा सायबरहमला हुआ होने की बात सामने आयी थी। सरकारी विभागों पर हुआ हमला उसी मुहिम का भाग माना जाता है। रशिया ने ये आरोप ठुकराये हैं।
अमरीका की ‘सायबरसिक्युरिटी ऍण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्युरिटी एजन्सी’ (सीआयएसए) ने रविवार को सायबरहमलों की जानकारी सार्वजनिक की। उसमें वित्त एवं व्यापार विभागों के नेटवर्क्स पर हमला हुआ, ऐसा बताया गया है। ‘सीआयएसए’ के साथ ही ‘होमलँड सिक्युरिटी’, ‘एफबीआय’ तथा ‘नॅशनल सिक्युरिटी एजन्सी’ हमले की तहकिक़ात कर रहे हैं, ऐसा बताया गया है। कई महीनों से यह सायबरहमला जारी था, ऐसा भी सामने आया है। अमरिकी माध्यम एवं विशेषज्ञों ने, इस हमले के पीछे रशिया का हाथ बताकर, पिछले कुछ सालों में यह सबसे बड़ा सायबरहमला साबित होने का दावा किया है।
सायबरहमले के लिए ‘सोलरविंड्स’ इस ‘सर्व्हर सॉफ्टवेअर’ का इस्तेमाल किया होने की बात सामने आयी है। पिछले हफ़्ते ‘फायर आय’ पर हुए हमले में भी इसीका इस्तेमाल किया गया होने की बात का पता चला था। अमरीका के प्रमुख सरकारी विभाग एवं ‘फॉर्च्युन ५००’ सूचि की कई अग्रसर कंपनियों द्वारा इस सॉफ्टवेअर का इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण सायबरहमले की व्याप्ति अधिक बढ़ सकती है, ऐसे संकेत भी अमरिकी यंत्रणाओं द्वारा दिये गए हैं। इस सायबरहमलों के मुद्दे पर अमरीका में ‘नॅशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ की बैठक हुई होने की जानकारी भी दी गयी।
सायबरहमले के सहभाग को लेकर किये गए आरोप रशिया ने स्पष्ट शब्दों में ठुकराये हैं। ‘रशिया उसपर हुए आरोप स्पष्ट शब्दों में ठुकरा रहा है। इससे पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने ही अमरीका के साथ सायबरसुरक्षा समझौता करने के लिए पहल की थी। उसे अमरीका ने प्रतिसाद दिया नहीं था। विद्यमान सायबरहमलें कई महीनों से जारी हैं ऐसा बताया जाता है और अमरीका उसके बारे में कुछ नहीं कर सकी है। इस कारण ऐसे हमलों का दोष रशिया पर थोंपना भी शायद उचित नहीं होगा। वैसे भी रशिया का इन हमलों से कोई भी संबंध नहीं है’, ऐसा रशियन राष्ट्राध्यक्ष के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव्ह ने कहा।
अमरीका में पिछले महीने हुए राष्ट्राध्यक्षपद एवं संसद के चुनाव, उनके नतीजें और सत्तांतर की प्रक्रिया इस पृष्ठभूमि पर, एक के बाद एक बड़े सायबरहमलें होना ग़ौरतलब साबित होता है। सन २०१६ में हुए चुनावों की पृष्ठभूमि पर भी अमरीका पर सायबरहमलें हुए थे। उस समय हुए सायबरहमलों के पीछे भी रशिया का हाथ होने के आरोप हुए थे। ये हमलें डोनाल्ड ट्रम्प को चुनकर लाने के लिए कराये गए होने का आरोप ‘डेमोक्रॅट्स’ पार्टी तथा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया था।
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