यूक्रेन युद्ध में अमरीका और ब्रिटेन के ‘स्पेशल फोर्सेस’ का योगदान स्पष्ट हुआ

वॉशिंग्टन/लंदन – यूक्रेन युद्ध में अमरीका के साथ नाटो का योगदान होने का आरोप रशिया ने शुरू से लगाया था। कुछ दिन पहले सार्वजनिक हुए ‘पेंटॅगॉन लीक’ ने इन आरोपों की पुष्टि की है। अमरिकी रक्षा विभाग के गोपनीय दस्तावेज़ों में ब्रिटेन, अमरीका और नाटो देशों के ‘स्पेशल फोर्सेस’ का ज़िक्र है और इन सैनिक की यूक्रेन संघर्ष में शामिल होने की जानकारी भी सामने आ रही है। इसी पृष्ठभूमि पर अमरीका ने पोलैण्ड में स्थित स्थायी रक्षा अड्डे के साथ अतिरिक्त सैन्य तैनाती को मंजूरी देने का दावा पोलैण्ड के प्रधानमंत्री ने किया।

‘स्पेशल फोर्सेस’

पिछले वर्ष रशिया के यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद अमरीका के साथ अन्य पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को भारी मात्रा में सहायता प्रदान करना शुरू किया था। इसमें हथियार एवं आर्थिक सहायता का समावेश था। लेकिन, हथियारों के साथ ही पश्चिमी देशों की गुप्तचर यंत्रणा एवं सैन्य दल भी यूक्रेन में सक्रिय होने के दावे रशिया ने किए थे। लेकिन, अमरीका एवं नाटो ने केवल सलाह एवं प्रशिक्षण देने के लिए अस्थायि तौर पर अपने सैन्य दल भेजने का खुलासा किया था।

‘स्पेशल फोर्सेस’

लेकिन, पेंटॅगॉन लीक में सामने आए दस्तावेज़ों में अमरीका के साथ नाटो सदस्य देशों के ‘स्पेशल फोर्सेस’ की तैनाती का ज़िक्र है। ‘स्पेशल फोर्सेस’ के दल यूक्रेनी दलों के साथ तैनात होने की बात इसमें कही गई है। इन दस्तावेज़ों में अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स, लाटविया और नेदरलैण्डस्‌ के स्पेशल फोर्सेस का वहां समावेश होने की बात कही गई है। ब्रिटेन के ‘स्पेशल फोर्सेस’ के सबसे अधिक सैनिक यूक्रेन में होने की बात स्पष्ट हुई है। ब्रिटेन के पूर्व अधिकारियों ने माध्यमों को दिए हुए साक्षात्कार में इसकी कबूली है।

‘स्पेशल फोर्सेस’

यूक्रेन युद्ध में अमरीका और नाटो का योगदान स्पष्ट हो रहा है और तभी यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैण्ड ने अमरीका का रक्षा अड्डा और सैन्य तैनाती का दायरा बढ़ाने की गतिविधियां शुरू की हैं। पोलैण्ड के प्रधानमंत्री मैत्युस्झ मोराविकी ने हाल ही में अमरीका का दौरा किया। इस दौरान हुई चर्चा में अमरीका ने पोलैण्ड द्वारा स्थायि रक्षा अड्डे की एवं वहां तैनाती का दायरा बढ़ाने को मंजूरी देने का दावा प्रधानमंत्री मोराविकी ने किया।

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