आदिस अबाबा – इथियोपिया के बेनिशंघुल-गुमुज प्रांत में किए गए वांशिक हत्याकांड़ में ८० से अधिक लोगों के मारे जाने का ड़र व्यक्त किया गया है। मंगलवार की सुबह दलेत्ती इलाके में हथियारे गिरोह ने सोए हुए नागरिकों पर हमला किया। मानव अधिकार आयोग ने इस हमले की जानकारी साझा की। इस हत्याकांड़ के बाद सेना ने विशेष सर्च मुहिम शुरू की है, लेकिन अभी किसी भी हमलावर को पकड़ने में कामयाबी ना मिलने की बात सूत्रों ने कही है। बीते छह महीनों में बेनिशंगुल-गुमुज प्रांत में हुआ यह पांचवा बड़ा हमला है।
मंगलवार सुबह छह से सात बजे के बीच में करीबन १०० से अधिक हमलावरों ने देलेत्ती में घरों पर हमला किया। हाथ में बंदूक और छुरे लेकर पहुँचे इन हमलावरों ने गांव में बड़ी मात्रा में आगजनी भी की। इस हमले में मारे गए लोगों में दो वर्ष के बच्चे से ४५ वर्ष की उम्र के व्यक्तियों का भी समावेश होने की जानकारी ‘इथियोपिया ह्युमन राईट्स कमिशन’ ने साझा की है। इस हमले की ज़िम्मेदारी अभी किसी भी गुट ने स्वीकारी नहीं है, फिर भी इसके पीछे ‘गुमूज मिलिशिया’ का हाथ होने का आरोप स्थानीय नेता कर रहे हैं।
इथियोपिया में ८० से अधिक वांशिक गुट मौजूद हैं और इनमें ‘ओरोमो’ और ‘अम्हारा’ गुट प्रमुख समझे जाते हैं। बेनिशंगुल-गुमुज प्रांत ‘अम्हारा’ वंशियों की प्रबलता वाले क्षेत्र से जुड़ा है। बीते कुछ वर्षों में अम्हारा वंशियों ने बेनिशंगुल-गुमुज प्रांत में घुसपैठ शुरू करने का दावा स्थानीय लोग कर रहे हैं। इस घुसपैठ को स्थानीय ‘गुमुज’ वंशियों का विरोध है और इसी से इन हमलों का सत्र शुरू हुआ होगा, ऐसा कहा जा रहा है।
इससे पहले, दिसंबर में हुए हमले में २०० से अधिक लोग मारे गए थे। इससे पहले नवंबर में हुए हमले में ५४ से अधिक लोग मारे गए थे। इन हमलों के बाद प्रधानमंत्री अबि अहमद ने इस क्षेत्र का दौरा भी किया था। उनके इस दौरे के बाद बेनिशंगुल-गुमुज प्रांत के क्षेत्र वाले ‘मेतेकल’ में अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई थी। लेकिन, इस तैनाती के बावजूद बड़ा हत्याकांड़ होने से बड़ी सनसनी फैली है।
ढ़ाई वर्ष पहले प्रधानमंत्री अहमद ने इथियोपिया का नियंत्रण हाथ में लिया था। इसके बाद पड़ोसी देश इरिट्रिया के साथ जारी संघर्ष बंद करने में उन्हें कामयाबी हासिल हुई थी। इस पर अहमद को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। लेकिन, पड़ोसी देशों के साथ शांति स्थापित करनेवाले प्रधानमंत्री देश में जारी वांशिक संघर्ष खत्म नहीं कर सके। नवंबर में प्रधानमंत्री अबि अहमद ने तिगरे प्रांत के विद्रोहियों के विरोध में निर्णायक लष्करी कार्रवाई शुरू की थी। इसे कामयाबी मिलने का दावा सरकार ने किया है, फिर भी तिगरे में जारी हिंसा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।
इसी बीच सूडान और इजिप्ट के साथ जारी तनाव में भी बढ़ोतरी होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। सूड़ान ने कुछ दिन पहले ही सरहदी क्षेत्र में कार्रवाई करके बड़े क्षेत्र पर कब्ज़ा करने का दावा किया था। इसके साथ ही इजिप्ट ने नाईल नदी पर बाँध बनाने के मुद्दे पर इथियोपिया को इशारा भी दिया था।
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