कैरो – ‘परमाणुअस्त्र सिद्धता की दिशा में कदम उठाने वाला ईरान, इस देश के क्षेपणास्त्र और खाड़ी क्षेत्र के देशों में खून खराबा करानेवाले ईरान के आतंकी, इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ईरान का यह खतरा टालने के लिए खाड़ी क्षेत्र के देशों की सहायता करें’, ऐसा आवाहन सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल बिन फरहान ने किया। साथ ही, आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय, ईरान के साथ किसी भी प्रकार का समझौता करने से पहले, ईरान से असुरक्षित होने वाले देशों को इस चर्चा में सहभागी करें, ऐसी मांग सऊदी के विदेश मंत्री ने की है।
पिछले हफ्ते अमरीका के बायडेन प्रशासन ने, येमेन में युद्ध विराम करने के लिए, सऊदी अरब को दी जाने वाली लष्करी सहायता को रोका। साथ ही, ईरानसमर्थक हाउथी बागियों को आतंकवादी गुटों की सूचि से बाहर निकाला था। लेकिन बायडेन प्रशासन ने किए इस फैसले के चौबीस घंटों के भीतर ही हाउथी बागियों ने सऊदी के दक्षिण सीमा भाग में लगातार दो दिन ड्रोन हमले किए। सऊदी तथा अरब मित्रदेशों के मोरचे ने हाउथियों के ये ड्रोन हमले सफलतापूर्वक छेद दिए। उसके बाद हौथियों ने मरिब और जौफ इलाकों में किए क्षेपणास्त्र हमले में नागरिकों की जानें गई।
इस पृष्ठभूमि पर, इजिप्ट की राजधानी कैरो में अरब लीग की इमरजेंसी बैठक बुलाई गई। इस बैठक में सऊदी के विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल बिन फरहान अल सौद ने ईरान और ईरानसमर्थक आतंकवादी संगठनों की जमकर आलोचना की। ‘ ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र कार्यक्रम का विकास खाड़ी क्षेत्र को खतरे में डालने वाला है’, इसका एहसास ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए उत्सुक होने वाली अमरीका को प्रिन्स फैझल ने कराया।
‘आज अगर खाड़ी क्षेत्र को किसी से सर्वाधिक खतरा है, तो वह ईरान की हुकूमत है। ईरान की हुकूमत अपनी हरकतों से बार-बार आन्तर्राष्ट्रीय नियम, कानूनों का उल्लंघन करके खाड़ी क्षेत्र के देशों को धमका रही है, उनकी सुरक्षा और स्थिरता को खतरे में डाल रही है। उसी के साथ आतंकवादी संगठनों की सहायता से खाड़ी क्षेत्र के देशों में लष्करी दखलअंदाजी करके यहां पर अराजकता और विध्वंस मचा रही है’, ऐसा हमला सऊदी के विदेश मंत्री ने किया।
इस कारण ईरान के परमाणु कार्यक्रम से और ईरान समर्थक आतंकियों से सर्वाधिक असुरक्षित होने वाले देशों को, ईरान के साथ की किसी भी चर्चा में सहभागी किया जायें। इस क्षेत्र के देशों के सहभाग के बिना, ईरान के साथ की हुई कोई भी चर्चा सफल नहीं होगी, ऐसा प्रिन्स फैझल ने डटकर कहा है।
दो ही दिन पहले ईरान के विदेश मंत्री जावेद झरिफ ने, परमाणु समझौता करने के लिए अमरीका के पास दो हफ्तों की अर्थात २० फरवरी तक अवधि है, ऐसा धमकाया था। साथ ही, अमरीका ने ईरान पर लगाए सभी प्रतिबंध हटाए बिना किसी भी प्रकार की चर्चा संभव नहीं है, ऐसा ईरान ने डटकर कहा है। परमाणु समझौते से संबंधित चर्चा में अन्य किसी भी नए देश को सहभागी ना करें, ऐसा भी ईरान ने स्पष्ट किया है। उस पर सऊदी के विदेश मंत्री से यह प्रतिक्रिया आई है।
इसी बीच, अमरीका में बायडेन प्रशासन ने बागडोर संभालने के बाद हाउथी बागियों के हमलें बढ़े होकर, परमाणु कार्यक्रम चलानेवाले ईरान का आत्मविश्वास भी दोगुना हुआ होने का दावा किया जाता है।
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