यांगून – म्यानमार के लष्कर द्वारा लोकतंत्रवादी आंदोलकों के विरोध में जारी खूंख्वार कार्रवाई में एक ७ वर्षीय बच्ची की मौत हुई है। पुलिस और लष्कर के संयुक्त पथक ने घर में घुसकर ख्यिन मो चित तथा उसके पिताजी पर गोलियाँ चलाईं, ऐसी जानकारी परिवारवालों ने दी। इस घटना से म्यानमार की जनता में गुस्से की तीव्र लहर उठी होकर, आंदोलन अधिक तीव्र करने का निर्धार लोकतंत्रवादी गुटों ने ज़ाहिर किया है। इसी बीच, अमरीका और युरोपीय महासंघ ने म्यानमार के लष्कर पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
म्यानमार में पिछले डेढ़ महीने से भी अधिक समय से लष्करी बगावत के विरोध में जोरदार प्रदर्शन जारी हैं। लष्कर जबरदस्ती से कब्जे में ली सत्ता छोड़ें और लोकतंत्रवादी सरकार के हाथों में सत्ता की बागडोर सौंपे, इसके लिए व्यापक आंदोलन छेड़ा गया है। इस आंदोलन को देश के कोने कोने से प्रचंड समर्थन मिला होकर, बागी संगठन तथा प्रभावशाली धार्मिक गुड भी उसमें कूद पड़े हैं। आंदोलन की बढ़ती व्याप्ति को देखकर म्यानमार के लष्कर ने भी अपनी क्रूरता में अधिक ही बढ़ोतरी की होने की धक्कादायी बात पिछले कुछ दिनों की घटनाओं से सामने आ रही है ।
पिछले ही हफ्ते में म्यानमार के लष्कर ने की कार्रवाई में, महज़ २४ घंटों में ५५ से भी अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी। सड़कों पर उतरकर आंदोलन करनेवाले प्रदर्शनकारियों के साथ ही लष्कर ने अब, घर में होनेवाली मासूम म्यानमार की जनता पर भी कार्रवाई शुरू की है। केवल शक की बिनाह पर अलग-अलग घरों में घुसकर आम नागरिकों को कब्जे में किया जा रहा होकर, उन्हें बेतहाशा मारा भी जा रहा है। कुछ इलाकों में, सड़कों पर गश्ती करनेवाले लष्करी पथकों ने आसपास के घरों पर बेतहाशा गोलीबारी की होने की घटनाएँ भी सामने आईं हैं।
मंगलवार को हुई कार्रवाई इसी प्रकार की घटनाओं में से एक बताई जाती है। म्यानमार का दूसरे नंबर का शहर होनेवाले मंडालेस्थित ‘चॅन म्या थाजी टाऊनशिप’ में मंगलवार को पुलीस और लष्कर के पथक घुसे। इस समय तकरीबन ३० जवानों का पत्थर एक घर में घुसा और घर में बैठी ७ साल की बच्ची समेत उसके पिताजी पर गोलियाँ बरसाईं गईं। इस समय घर के कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया होने की जानकारी भी सूत्रों ने दी। कार्रवाई में ख्यिन मो चित इस सात साल की बच्ची के पेट में गोली लगी होकर, उसकी जगह पर ही मृत्यु हुई।
ख्यिन मो चित, यह अब तक की लष्कर की कार्रवाई में जान गई होनेवाली सबसे छोटी बच्ची है। अब तक म्यानमार के लष्कर ने की हुई खूंख्वार कार्रवाइयों में लगभग २० बच्चों की जान गई होकर, उनमें एक आठ साल के बच्चे का भी समावेश है। इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार का बयान करने से लष्करी सूत्रों ने इन्कार किया है। लेकिन ख्यिन मो चित की मृत्यु के बाद में म्यानमार की जनता में लष्कर के विरोध में गुस्से की लहर उठी होकर, लोकतंत्रवादी गुटों ने आंदोलन की तीव्रता अधिक बढ़ाने का निर्धार जाहिर किया है।
बुधवार को म्यानमार के कई शहरों में ‘सायलेंट स्ट्राईक’ का पालन किया गया। प्रमुख शहरों में सभी व्यवहार ठप पड़े होने का चित्र इस समय दिखाई दिया। लष्कर द्वारा, देश में सब कुछ आलबेल है, ऐसा दिखाने की कोशिश होते समय, ‘सायलेंट स्ट्राईक’ को मिली सफलता गौरतलब साबित हो रही है।
इसी बीच, आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर से म्यानमार के लष्कर पर दबाव बनाने की कोशिशें भी जारी हैं। अमरीका और युरोपीय महासंघ ने वरिष्ठ लष्करी अधिकारी तथा लष्करी पथकों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। वहीं, मलेशिया ने म्यानमार से अवैध रूप में दाखिल हुए नागरिकों को पुनः वापस भेजने के निर्णय को स्थगिती दी है। म्यानमार की लष्करी बगावत के मुद्दे पर ‘आसियन’ की बैठक होने तक यह स्थगिती रहेगी, ऐसा बताया गया।
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