बर्लिन – अपना परमाणु कार्यक्रम यह नागरीक इस्तेमाल के लिए होने का दावा ईरान कर रहा है। लेकिन जर्मनी की गुप्तचर यंत्रणा ने ईरान के इस दावे का स्पष्ट शब्दों में खंडन किया है। वियना की बैठक में पश्चिमी देशों के साथ चर्चा कर रहा इरान, आज भी सर्वसंहारक शस्त्रों का अद्यतनीकरण और उनके विस्तार के लिए कोशिशें कर रहा है, ऐसा जर्मन गुप्तचर यंत्रणा ने कहा है। इसके लिए ईरान के एजेंट्स ने गत वर्ष में जर्मनी समेत युरोप की संबंधित कंपनियों के साथ संपर्क किया, ऐसा जर्मन गुप्तचर यंत्रणा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है।
पिछले हफ्ते में ‘बव्हेरियन ऑफिस फॉर दी प्रोटेक्शन ऑफ दी कॉन्स्टिट्युशन’ (बीएफव्ही) इस जर्मनी की अंतर्गत गुप्तचर यंत्रणा ने सुरक्षा के संदर्भ में रिपोर्ट जारी की। बीएफव्ही की जर्मन भाषा में लिखी इस रिपोर्ट में, सन २०२० में देश में हुई सुरक्षाविषयक गतिविधियों की जानकारी दी गई है। अमरीका के एक अग्रसर अखबार ने इस रिपोर्ट में ईरान के संदर्भ में होनेवाले मुद्दों का भाषांतर प्रकाशित किया। ईरान अपने सर्वसंहारक अस्त्रों के निर्माण में और अद्यतनीकरण में बढ़ोतरी कर रहा है, ऐसा बीएफव्ही ने अपनी रिपोर्ट में कहा है।
पिछले हफ्ते ईरान ने अपने न्यूक्लियर प्लांट में युरेनियम का संवर्धन ६० प्रतिशत तक पहुँचाया था। इस बारे में बात करते हुए ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने, यह संवर्धन ९० प्रतिशत तक ले जाने की क्षमता ईरान के पास है, ऐसा कहा था। लेकिन ईरान को परमाणु बम का निर्माण करने में दिलचस्पी ना होने का दावा राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने किया था। ईरान के राष्ट्राध्यक्ष के इस दावे का जर्मन यंत्रणा ने खंडन किया।
ईरान के एजेंट्स पिछले साल, इस क्षेत्र में उच्च दर्जे के तंत्रज्ञान में काम करनेवालीं जर्मनी की कंपनियों के साथ संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे, ऐसा बताकर बीएफव्ही ने, ईरान आँखों में धूल झोंक रहा होने का दावा किया। यह सामग्री हासिल करने के लिए ईरान, अमरीका और अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को अनदेखा कर रहा होने का आरोप भी बीएफव्ही ने किया। साथ ही, पिछले कुछ सालों में जर्मनी में ईरान के जासूसों की संख्या बढ़ी होने की बात पर बीएफव्ही ने गौर फरमाया। ईरान की हुकूमत के लिए खतरनाक होनेवाले गुटों के विरोध में भी ईरान के एजेंट्स काम कर रहे हैं, ऐसा जर्मन गुप्तचर यंत्रणा ने कहा है।
पिछले दो हफ्तों से अधिक समय वियना में ईरान और पश्चिमी देशों के बीच सन २०१५ के परमाणु समझौते पर चर्चा जारी है। इसी बीच, जर्मन गुप्तचर यंत्रणा की यह बहुत ही महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी हुई है, ऐसा अमरिकी अखबार का कहना है। लेकिन अमरीका के विदेश मंत्रालय ने ‘बीएफव्ही’ की इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देना टाला है, इसपर भी यह अमरिकी अखबार गौर फरमा रहा है। वहीं, जर्मनी की चॅन्सेलर अँजेला मर्केल भी, अपनी ही देश की गुप्तचर यंत्रणा ने जारी की इस रिपोर्ट के बाद ईरान के विरोध में भूमिका नहीं अपनाएगी, ऐसा अमरिकी अभ्यासगुट के विश्लेषक बेंजामिन वेंथॅल ने कहा है।
‘पिछले कुछ साल जर्मन गुप्तचर यंत्रणा लगातार ईरान परमाणु समझौते का कर रहा उल्लंघन, परमाणु अस्त्र निर्माण के लिए ईरान की कोशिशें, इनके बारे में चेतावनियाँ देनेवालीं रिपोर्ट्स जारी कर रही है। साथ ही, ईरान बैलिस्टिक क्षेपणास्त्रों की क्षमता में बढ़ोतरी कर रहा होने का दावा किया था। लेकिन जर्मनी की चॅन्सेलर मर्केल ने गुप्तचर यंत्रणा की रिपोर्ट्स को नज़रअंदाज करके, ईरान के साथ व्यापारिक संबंधों को अधिक अहमियत दी’, ऐसी आलोचना वेंथॅल ने की है।
इसी बीच, जर्मन गुप्तचर यंत्रणा ईरान के बारे में यह चेतावनी देते समय जर्मनी की सरकार, ईरान के परमाणु समझौते पर वियन्ना में जारी चर्चा को सफलता मिलें इसके लिए कोशिश कर रही है। ईरान सन २०१५ के परमाणु समझौते में शामिल हो और अमरीका ईरान पर लगाए प्रतिबंध शिथिल करें, यह इस चर्चा का उद्दिष्ट होने की घोषणा जर्मनी के विदेश मंत्री हैको मास ने की है।
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