मिन्स्क – बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झांडर लुकाशेन्को के विरोध में प्रदर्शन करनेवाली नेता को पकड़ने के लिए यात्री विमान ‘हाईजैक’ किया जाने की सनसनीखेज घटना सामने आई है। रविवार को ग्रीस की राजधानी एथेंस से लिथुआनिया जानेवाला विमान जबरदस्ती से बेलारूस की राजधानी मिंस्क में उतारा गया। उसके बाद उसमें यात्रा करनेवाले ‘रोमन प्रोटासेविक’ इस पत्रकार को तथा उसकी सहकर्मी को गिरफ्तार किया गया। इस घटना पर अमरीका और युरोपीय महासंघ से तीव्र प्रतिक्रिया आई होकर, बेलारूस के विरोध में आक्रामक कार्रवाई के संकेत दिए जा रहे हैं। लेकिन रशिया ने इसका समर्थन किया है।
रविवार सुबह आयर्लंड की ‘रायनएअर’ इस कंपनी का विमान ग्रीस से लिथुआनिया के लिए निकला था। विमान बेलारूस की सीमा से लिथुआनिया की हवाई सीमा में प्रवेश करने से पहले कुछ मिनट पहले बेलारूस की यंत्रणाओं ने विमान को खतरा होने का अलर्ट दिया । अलर्ट देते समय ही, विमान नजदीक के यानी मिंस्क शहर के हवाई अड्डे पर उतारने के आदेश भी दिए। अगर विमान मिंस्क हवाई अड्डे पर ना उतारा गया, तो लड़ाकू विमान से इस विमान को उड़ा दिया जाएगा, ऐसी धमकी दी जाने का दावा विमान के प्रवासी तथा माध्यमों द्वारा किया गया है।
विमान बेलारुस की राजधानी की ओर मोड़ने के तथा उसके लिए ‘मिग-29’ लड़ाकू विमान भेजने के आदेश बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने देने की बात सामने आई है। बेलारूस में पिछले अगस्त महीने से राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को के विरोध में आंदोलन जारी है। इस आंदोलन में अहम भूमिका निभानेवाले पत्रकार रोमन प्रोटासेविक को गिरफ्तार करने के लिए विमान का अपहरण करने की योजना बनाई गई, यह बात सामने आ रही है। प्रोटासेविक के साथ ही उनकी सहकर्मी सोफिआ सॅपेगा को भी बेलारूस की यंत्रणा ने गिरफ्तार किया। मिंस्क हवाई अड्डे से रविवार शाम को विमान लिथुआनिया के लिए रवाना हुआ, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी।
रायनएअर इस कंपनी ने तथा ब्रिटेन ने भी, यह घटना यानी एक देश की हुकूमत से खुलेआम करवाया गया अपहरण है, ऐसी आलोचना की। अमरीका ने, यह घटना बहुत ही धक्कादायक है ऐसा बताकर, पूरे मामले की तहकिक़ात करने की माँग की है। युरोपीय महासंघ ने भी, बेलारूस का कृत्य यह अपहरण की घटना है, यह बता कर उसके विरोध में आक्रामक कार्रवाई की चेतावनी दी। नाटो ने भी बेलारूस के विरोध में कदम उठाने के संकेत दिए। उसका पड़ोसी देश होनेवाले लिथुआनिया ने भी, बेलारूस गए अपने नागरिकों को वह देश छोड़ने के निर्देश दिए हैं।
अमरीका और युरोप से तीव्र आलोचना हो रही है कि तभी रशिया ने बेलारूस का जोरदार समर्थन किया। ‘बेलारूस के विदेश विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि देश की सभी यंत्रणाएँ इस घटना के बारे में पारदर्शिता रखकर सहयोग करेंगी। यह उचित भूमिका है। अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय शांति से हालातों की जानकारी लें, ऐसा मुझे लगता है’, ऐसी प्रतिक्रिया रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने दी है। विमान में चार रशियन प्रवासी थे और वह विमान मिंस्क हवाई अड्डे पर उतरने के बाद वे लापता हुए, ऐसी जानकारी सामने आ रही है। ये प्रवासी रशियन गुप्तचर यंत्रणा के एजेंट होंगे और बेलारूस ने इस योजना को रशिया की सहायता से ही अंजाम दिया होगा, ऐसा दावा विश्लेषकों द्वारा किया जा रहा है। वरना अपने खुद के बल पर बेलारूस जैसे देश की सरकार इतना बड़ा फैसला करना संभव ही नहीं, ऐसी चर्चा माध्यमों में शुरू हुई है।
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