इस्रायल की चेतावनियाँ ईरान अधिक गंभीरता से लें – इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा मोसाद के पूर्व प्रमुख

इस्रायल की चेतावनियाँ ईरान अधिक गंभीरता से लें – इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा मोसाद के पूर्व प्रमुख

तेल अविव – कुछ दिन पहले निवृत्त हुए इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा ‘मोसाद’ के पूर्व प्रमुख योसी कोहेन ने स्थानीय न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में सनसनीखेज बात कही। कोहेन ने इंटरव्यूवर्स को, अगर संभव हुआ, तो ईरान के नातांझ न्यूक्लिअर प्लांट के अंडरग्राउंड तहखाने की सफर करवाने का चौंकानेवाला ऑफर दिया। साथ ही, ‘ईरान को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध होने नहीं देंगे, यह इस्रायल की चेतावनी ईरान ने अधिक गंभीरतापूर्वक लेनी चाहिए थी’ ऐसा बताकर, ईरान के नातांझ न्यूक्लियर प्लांट में हुए विस्फोट के लिए इस्रायल जिम्मेदार होने के संकेत दिए। उसी के साथ, ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीझादेह की हत्या करवाई होने की कबुली भी कोहेन ने इस इंटरव्यू में दी।

इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा, मोसाद

पिछले महीने में योसी कोहेन का, मोसाद के प्रमुख पद का कार्यकाल पूरा हुआ। पिछले पाँच सालों से इस्रायल की गुप्तचर यंत्रणा का नेतृत्व करनेवाले कोहेन, मोसाद के बहुत ही साहसी निदेशक के रूप में जाने जाते हैं। उनके कार्यकाल में मोसाद ने, ईरान में घुसकर तथा अन्य देशों में भी ज़बरदस्त कारनामे किए थे। इनमें इस्रायल की सुरक्षा के लिए ख़तरा साबित होनेवाले ईरान, हिजबुल्लाह के नेता और आतंकवादियों को रास्ते से हटानेवालीं मुहिमों का समावेश था। इस्रायली न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत करते समय कोहेन ने, मोसाद के कुछ कारनामों की सूचक शब्दों में जानकारी दी।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संदर्भ में सबूत, नातांझ न्यूक्लियर प्लांट में हुआ विस्फोट, फखरीझादेह की हत्या, हिजबुल्लाह में मोसाद के एजेंट और यूएई के साथ सहयोग इन विषयों को कोहेन ने उजागर किया। ‘ईरान के न्यूक्लियर प्लांट्स से मैं भली-भाँति परिचित हूँ और अगर मौका मिला, तो आपको भी मैं नातांझ न्यूक्लियर प्लांट की सफर करवा सकता हूँ। साथ ही, जिस अंडरग्राउंड तहखाने में सेंट्रीफ्यूजेस पर काम चलता था, वह भी आपको दिखा देंगे’, ऐसा कोहेन ने इंटरव्यू लेनेवाली महिला पत्रकारों से कहा। उसी समय, नातांझ में सेंट्रिफ्यूजेस का काम पहले जैसा नहीं चल रहा, यह महत्वपूर्ण जानकारी भी इस समय कोहेन ने दी।

कोहेन ने खुलेआम नातांझ में विस्फोट की जिम्मेदारी का स्वीकार नहीं किया है, ऐसा इंटरव्यूअर इलाना डायन ने स्पष्ट किया। लेकिन ‘ईरान को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध होने नहीं देंगे, यह इस्रायल की चेतावनी ईरान ने अधिक गंभीरतापूर्वक लेनी चाहिए थी’, यह बताकर कोहेन ने अप्रत्यक्ष रूप में, नातांझ में हुए विस्फोट की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किया दिख रहा है। इस्रायल की विख्यात खोजपत्रकार और इंटरव्यूवर इलाना डायन ने भी इस इंटरव्यू के दौरान, नातांझ न्यूक्लियर प्लांट में किस तरह विस्फोट करवाया, इसका विवरण ही बताया।

इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा, मोसाद

नातांझ न्यूक्लियर प्लांट में सेंट्रिफ्यूजेस रखें संगमरमर के प्लेटफॉर्म के नीचे बड़े पैमाने पर विस्फोटक बिछाए हुए थे। विस्फोटकों से सुसज्जित होनेवाला संगमरमर नातांज़ के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, इसका ख्याल बहुत पहले से ही रखा गया था। इससे यही बात सामने आ रही है कि ईरान के न्यूक्लियर प्लांट पर बहुत पहले से काम चालू था। मोसाद के पूर्व प्रमुख ने भी, ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर काम करनेवाले फखरीझादेह पर पिछले कई सालों से नजर थी, यह स्पष्ट किया । पिछले साल नवंबर महीने में फखरीझादेह की हत्या करवाने से पहले, मोसाद के एजंट्स कई बार उनके नजदीक पहुँचे थे, ऐसी जानकारी कोहेन ने दी।

‘इस्रायल की सुरक्षा के लिए ख़तरनाक साबित होने वाले हर एक शत्रु को मारा नहीं जाता। कुछ घटनाओं में, अगर यह शत्रु अपनी भूमिका में बदलाव करने के लिए तैयार है, तो फिर उसे जीवनदान दिया जाता है और उनका इस्तेमाल किया जाता है’, ऐसा कोहेन ने कहा। इसके अलावा ‘जनवरी २०१८ में ईरान की राजधानी तेहरान के गोदाम से परमाणु कार्यक्रम के संदर्भ में ५० हज़ार दस्तावेज और १६३ डिस्क हासिल करने का काम ७ घंटे शुरू था। इसके लिए ३२ तिज़ोरिया फोड़ीं गईं। मध्यरात्रि को की इस कार्रवाई की जानकारी सुबह ईरान की यंत्रणाओं के पास पहुँचने तक सारे दस्तावेज डिजिटली मोसाद के मुख्यालय में पहुंच चुके थे। इसमें इस्रायल के बाहर के २० एजेंट्स सहभागी थे। ये सभी एजेंट्स आज भी सुरक्षित हैं’, ऐसा कोहेन ने कहा।

वहीं, गाजा को प्रदान की जानेवाली आर्थिक सहायता के बारे में अपना अनुमान गलत निकला, यह कबूली कोहेन ने दी। ‘गाजा के फिलिस्तीनियों को अगर अच्छा जीवनमान प्राप्त हुआ, तो इस्रायल के विरोध में उनका विद्वेष कम होगा, वे युद्ध की भाषा छोड़ देंगे, ऐसा मुझे लग रहा था। इसलिए मैंने कतार के ज़रिए गाजा की फिलिस्तीनियों को अर्थसहायता प्रदान करने की कोशिश की। लेकिन गाजा को अर्थसहायता प्रदान करने का मेरा फैसला गलत साबित हुआ’, यह कोहेन ने प्रामाणिक रूप से मान्य किया। इस इंटरव्यू में कोहेेन ने, इस्रायल के विद्यमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की नीतियों का समर्थन किया।

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