लंबे समय से चल रहे युद्ध की वजह से यूक्रेन पश्चिमी देशों का समर्थन खो सकता है

- विश्लेषकों का दावा

युद्ध की वजह

मास्को/किव – रशिया के साथ लंबे समय से चल रहे युद्ध की वजह से यूक्रेन को पश्चिमी देशों से मिल रहा समर्थन और सहायता कम हो सकते हैं, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया है। रशिया-यूक्रेन युद्ध की बड़ी आर्थिक कीमत चुका रहे यूरोपिय देशों में अपनी समस्याओं ने सिर उठाना शुरू किया है और यूरोपियन जनता अधिक समय तक युद्ध का परिणाम सह नहीं सकेगी, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। कुछ दिन पहले यूक्रेन केराष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने भी बयान किया था कि, पश्चिमी समूदाय युद्ध से तंग होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसी बीच, रशिया विरोधि युद्ध में यूक्रेन ने अब तक १० हज़ार सैनिक खोने की जानकारी वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।

रशिया-यूक्रेन युद्ध के १०० से अधिक दिवस बीते हैं। युद्ध के शुरू में पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार और आर्थिक सहायता देने का वादा किया था। इसके अनुसार यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार और आर्थिक निधि प्राप्त होने की बात सामने आयी है। इस सहायता के आधार पर यूक्रेन ने रशियन सेना को कई शहरों से पीछे हटने के लिए मज़बूर भी किया था। रशिया की वापसी के बाद यूक्रेन रशिया पर जीत हासिल करेगा, ऐसी डींगें भी मारी गयी थीं। लेकिन, रशिया ने सैन्य अभियान का दूसरा चरण शुरू करने के बाद यह चित्र बड़ी मात्रा में बदलना शुरू हुआ।

डोन्बास क्षेत्र में रशिया ने जोरदार मोर्चा खोला है और पिछले कुछ हफ्तों में यह पूरा हिस्सा रशिया के नियंत्रण में आने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही यूक्रेन के अधिकारी युद्ध में मारे गए सैनिक और हर दिन हो रही जीवित हानि एवं हथियारों की कमी पर बयान कर रहे हैं। यूरोपिय देशों से रशिया को लेकर किए गए कुछ बयानों पर यूक्रेन ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। यूक्रेन का नेतृत्व और यूरोपियन नेतृत्व में कुछ मुद्दों पर भेद होने की खबरें भी सामने आ रही हैं। युद्ध का उद्देश्य क्या होना चाहिये, इस पर यूक्रेन और पश्चिमी देशों में विवाद छिडने की बात सामने आयी है। यह घटनाक्रम पश्चिमी देश उसमें भी खास तौर पर यूरोपिय देश लंबे समय से चल रहे रशिया-यूक्रेन युद्ध से तंग होने के संकेत दे रहे हैं, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं। यूक्रेन के मुद्दे पर रशिया पर लगाए गए प्रतिबंध भी यूरोपिय देशों को बेचैन करनेवाला मुद्दा बना है। कुछ देश प्रतिबंधों का कर रहे विरोध उसी का दर्शक होने की बात इटालियन विश्लेषक मैटिओ विला ने कही।

इसी बीच, रशिया ने यूक्रेन के चॉर्टकिव शहर में स्थित विदेशी हथियारों के भंड़ारण का अड्डा तबाह करने का दावा किया। इस अड्डे पर मिसाइल, तोप एवं रॉकेट सिस्टम्स तैनात थे, ऐसा रशियन सूत्र ने कहा। यूक्रेन की सेना हथियारों की कमी महसूस होने की शिकायत कर रही है और तभी रशियन सेना का यह हमला ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस हमले में २२ लोगों के मारे जाने की जानकारी है। रशिया ने पिछले महीने से भारी मात्रा में विदेशी हथियारों का भंड़ार नष्ट किया है और पश्चिमी देशों में कान्ट्रैक्ट सैनिकों की मौजूदगी के ठिकानों को भी लक्ष्य किया है। इसके लिए रशिया प्रगत क्रूझ मिसाइल इस्तेमाल कर रही है, ऐसा कहा जा रहा है।

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