जिनेवा – कोरोना वायरस का उद्गम चीन के वुहान स्थित लैब में नहीं हुआ है, यह कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी, ऐसा दावा ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन’ (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रॉस घेब्रेस्यूस ने किया है। इस दौरान उन्होंने यह माँग भी की है कि, चीन अधिक पारदर्शिता और खुलेपन से इस महामारी के शुरू के दौर का ‘रॉ डेटा’ संगठन को प्रदान करे। ‘डब्ल्यूएचओ’ और घेब्रेस्यूस ने आरंभिक दौर में ‘वुहान लैब थिअरी’ को पूरी तरह से ठुकराया था। इस वजह से उनका यह बयान ध्यान आकर्षित कर रहा है।
वर्ष २०१९ में कोरोना का संक्रमण शुरू होने के साथ ही चीन की इससे संबंधित भूमिका संदिग्ध रही है। अपने खिलाफ आरोपों से बचने के लिए चीन ने कोरोना वायरस की जानकारी लगातार छुपाकर रखी। साथ ही इस वायरस का निर्माण अन्य देशों में होने के खोखले दावे भी प्रसिद्ध किए। कोरोना की महामारी के मुद्दे पर बयान करनेवाले चीनी वैज्ञानिकों की जुबान बंद की गई थी। कई पत्रकारों को भी गायब किया गया था।
लेकिन, चीन की जारी इन कोशिशों की पृष्ठभूमि पर अमरीका और यूरोपिय देशों के साथ विश्व के प्रमुख देशों ने कोरोना वायरस का निर्माण एवं इस महामारी का उद्गम चीन से ही होने का आरोप लगाया था। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष ही यह आरोप लगाया था कि, कोरोना वायरस का फैलाव चीन के वुहान लैब से ही हुआ। इसके बाद अमरीका के कई वरिष्ठ नेता, अधिकारी एवं वैज्ञानिकों ने वुहान लैब की ओर ही इशारा किया था। चीन से बाहर निकली एक वैज्ञानिक ने भी इससे संबंधित सबूत उसके पास होने का ऐलान किया था। इसके बाद अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अमरिकी यंत्रणाओं को ‘वुहान लैब लीक’ की जाँच करके रपट पेश करने के आदेश दिए थे।
इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘वुहान लैब लीक थिअरी’ का मुद्दा उठा है। अमरीका और यूरोप के साथ विश्व के कई देशों ने वुहान लैब लीक थिअरी को अहमियत देना शुरू किया है और इस मुद्दे की अलग अलग जानकारियां सामने आ रही हैं। बीते कुछ दिनों के दौरान ही अमरिकी लैब एवं यूरोपियन वैज्ञानिकों की रिपोर्ट्स प्रसिद्ध हुई हैं और इसमें कोरोना वायरस का निर्माण वुहान लैब में ही होने के दावों की पुष्टी करनेवाली जानकारी दर्ज़ है। इस पृष्ठभूमि पर ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख ने किया हुआ ‘यू टर्न’ अहमियत रखता है।
‘डब्ल्यूएचओ’ ने कुछ महीने पहले पेश की हुई रपट में ‘वुहान लैब’ से इसके संबंधों से इन्कार किया था। उस समय ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख टेड्रॉस घेब्रेस्यूस ने भी इसका समर्थन किया था। इस रपट से पहले भी वे लगातार चीन का समर्थन करते दिखाई दिए थे। लेकिन, अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव बढ़ने से ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख ‘वुहान लैब लीक थिअरी’ का समर्थन करके इससे संबंधित जानकारी की माँग चीन से करने के लिए मज़बूर हैं। यह बात चीन को अधिक मुश्किलों में ड़ालनेवाली साबित हो सकती है।
चीन कोरोना के उद्गम की जाँच करने की अनुमति प्रदान करे – जर्मन स्वास्थ्यमंत्री की माँग
कोरोना की महामारी का उद्गम पुख्ता कहां से हुआ चीन इसकी अधिक गहराई से जाँच करने की अनुमति प्रदान करे, ऐसी माँग जर्मनी के स्वास्थ्यमंत्री जेन्स स्पैह्न ने की है। कोरोना वायरस की जड़े खंगालने के लिए अधिक जानकारी आवश्यक होने से चीन सहयोग करे, ऐसा बयान जर्मन स्वास्थ्यमंत्री ने किया है। जर्मनी की यह माँग कोरोना की महामारी के मामले में चीन पर पड़ा अंतरराष्ट्रीय दबाव अधिक बढ़ने के संकेत दे रही है।
इसी बीच, जर्मनी के विदेशमंत्री हैको मास ने चीन की हुकूमत कोरोना की वैक्सीन की आपूर्ति करते समय खुलेआम राजनीतिक माँगें कर रही हैं, यह आरोप भी लगाया। मास ने चीन के साथ ही रशिया भी इसी तरह की कोशिश में जुटी होने का दावा किया है। बीते कुछ महीनों में विश्व के कई देशों ने चीन की वैक्सीन स्वीकारने से इन्कार करने की खबरें सामने आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर जर्मनी का यह आरोप ध्यान आकर्षित कर रहा है।
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