अफ़गान सेना की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई – तालिबान के ४५५ आतंकियों का किया खात्मा

काबुल – अफ़गानिस्तान में जारी संघर्ष का पलड़ा अब घूमने लगा है और अफ़गानिस्तान की सेना की कार्रवाई में मारे गए तालिबानी आतंकियों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। अफ़गान सेना ने २४ घंटों के दौरान १५ प्रांतों में कार्रवाई करके तालिबान के ४५५ आतंकियों को ढ़ेर किया है। इसी बीच अफ़गानिस्तान में स्थित अमरिकी दूतावास ने यह आरोप लगाया है कि, तालिबान ने प्रतिशोध के लिए नरसंहार किया है। स्पिन बोल्दाक में अफ़गान सरकार और पश्‍चिमी सेना का समर्थन करनेवालों को मारकर तालिबान प्रतिशोध ले रही है, ऐसा बयान अमरिकी दूतावास ने किया है।

अफ़गान सेना की

तालिबान के आतंकी कंदहार, हेल्मंड़ और हेरात प्रांतों की राजधानियों पर कब्ज़ा करने की तैयारी में होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इस मोर्चे पर तालिबान को कामयाबी हासिल हो रही है, यह दावा कुछ वृत्तसंस्थाएं कर रही हैं। तभी, अफ़गानिस्तान की सेना ने भी तालिबान पर अपनी कार्रवाई तीव्र की है, ऐसा कुछ विश्‍लेषकों का कहना है। इसी बीच अफ़गान रक्षा मंत्रालय ने अफ़गान सेना के लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर्स ने तालिबान के ठिकानों पर रॉकेटस्‌ की बौछार करने का वीडियो सार्वजनिक करके यह स्पष्ट किया कि, तालिबान को बक्शा नहीं ४५५ आतंकियोंजाएगा।

अफ़गान सेना की

अफ़गान रक्षा मंत्रालय ने सोमवार की सुबह प्रसिद्ध की हुई जानकारी के अनुसार बीते २४ घंटों के दौरान तालिबान के ४५५ आतंकी मारे गए हैं और २३२ घायल हुए हैं। तालिबान ने हेल्मंड़ प्रांत की राजधानी लश्‍करगह के कारागृह पर हमला करके अपने साथियों को रिहा करने की नाकाम कोशिश की। इस दौरान अफ़गान सेना की कार्रवाई में ३८ तालिबानी वारदात की जगह पर ही मारे गए। अफ़गान सेना को स्थानियों का सहयोग प्राप्त होने से तालिबान के हमले नाकाम करने में सफलता हासिल होने का दावा किया जा रहा है।

अफ़गान सेना की

अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने तालिबान के इन बढ़ते हमलों की आलोचना की। अफ़गानिस्तान की जनता ने २० वर्ष पहले जिस तालिबान को देखा था, इसकी तुलना में मौजूदा तालिबान अधिक क्रूर है, यह इशारा राष्ट्राध्यक्ष गनी ने दिया। बीते दो दशकों में तालिबान पूरी तरह से बदल चुकी है और इसके आतंकी अब अधिक निर्दयी, अमानुष बने हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष गनी ने कहा है। ‘मौजूदा संघर्ष में पूरी तरह से पराजित हुए बगैर तालिबान में बदलाव होने की संभावना नहीं है और इसके लिए अफ़गान जनता को एकजूट करके तालिबान को पराजित करना होगा’, यह निवेदन भी अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

इसके साथ ही अफ़गानिस्तान की मौजूदा स्थिति को अमरीका की अनपेक्षित वापसी ज़िम्मेदार होने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष गनी ने लगाया। ‘यकायक वापसी करने का असर अफ़गानिस्तान की सुरक्षा पर होगा, इस बात का अहसास अमरीका को कराया गया था’, ऐसी आलोचना गनी ने की। फिर भी अमरीका ने हमें पूरी सहायता प्रदान करने का ऐलान किया है और अगले छह महीनों में स्थिति में बदलाव आएगा, यह विश्‍वास गनी ने व्यक्त किया।

इसी बीच, राजधानी काबुल में स्थित अमरीका के दूतावास ने तालिबान को अफ़गानिस्तान में जारी नरसंहार के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। प्रतिशोध की आग से भड़क उठी तालिबान ने कंदहार के स्पिन बोल्दाक में अफ़गान नागरिकों का नरसंहार किया, यह आरोप अमरीका ने लगाया। तालिबान का नेतृत्व इस हत्याकांड़ के लिए ज़िम्मेदार है और उनके खिलाफ युद्ध अपराध के मामले दर्ज़ करने की माँग अमरिकी दूतावास ने की है। साथ ही तालिबान का नेतृत्व अपने सहयोगियों को रोकने की क्षमता नहीं रखता है तो वे प्रशासन चला नहीं सकते, यह इशारा अमरिकी दूतावास ने सोशल मीडियो के ज़रिये दिया है।
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