काबुल – अमरीका और अफगानिस्तान के लष्कर ने किए हवाई हमलों में पिछले २४ घंटों में ५७९ तालिबानी आतंकी ढेर हुए। हवाई हमलों में मारे जानेवाले तालिबानियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती चली जा रही होकर, इस पर तालिबान ने गुस्सा ज़ाहिर करना शुरू किया है। खाड़ी क्षेत्र के एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता ने, इन हवाई हमलों को लेकर अमरीका और अफगानिस्तान की सरकार को धमकियाँ दीं। इन हवाई हमलों में बड़ी जीवित हानि सहनी पड़ रही है, इसकी अप्रत्यक्ष रूप में कबूली ही इन धमकियों के द्वारा तालिबान ने दी है।
अमरीका के ‘बी-५२ स्ट्रॅटोफोर्टेस’ इस बॉम्बर विमान ने दो दिन पहले शेबेरघन शहर में किए हवाई हमले में तालिबान के २०० से अधिक आतंकी ढेर हुए। उसी के साथ, बड़े शस्त्रास्त्रों समेत तालिबान के १०० से भी अधिक वाहन नष्ट हुए। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फवाद अमन ने यह जानकारी दी। पिछले हफ्ते में तालिबान ने अफगानिस्तान के जोवझान इस उत्तरी प्रांत की राजधानी शेबेरघन पर कब्ज़ा किया था। लेकिन अमरीका की इस कार्रवाई से तालिबान गुस्सा हुआ दिख रहा है।
अमरीका और अफगानी लष्कर के इन हवाई हमलों में कितने आतंकी मारे गए, इसकी जानकारी तालिबान के प्रवक्ता ने नहीं बताई। लेकिन हमलों के द्वारा अमरीका अफगानिस्तान के अंदरूनी मामले में दखलअंदाजी कर रही होने का आरोप तालिबान ने किया। साथ ही, राष्ट्राध्यक्ष गनी की सरकार के साथ तालिबान का संघर्ष विराम नहीं हुआ था, यह बताकर तालिबान के प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में हमले बढ़ाने की धमकी दी। साथ ही, पंद्रह से अधिक प्रांतों में हवाई हमले करनेवाली अफगानिस्तान की सरकार यहाँ तनाव बढ़ा रही होने की आलोचना भी तालिबान के प्रवक्ता ने की।
तालिबान की इस धमकी को अमरीका और अफगानिस्तान की सरकार ने जवाब नहीं दिया है। लेकिन पिछले २४ घंटों में अमरीका और अफगानी लष्कर ने तालिबान पर हमले तीव्र करने की खबरें आ रहीं हैं। अफगानिस्तान के बलख और तखर इन दो उत्तरी प्रांतों में तालिबान और लष्कर के बीच जोरदार संघर्ष जारी है। वहीं, तालिबान के स्थानों पर हमले करने के लिए अमरीका ने ‘बी-५२’ बॉम्बर्स, ‘एसी१३०’ गनशिप के साथ ‘एफ-१५’ और ‘एफ-१६’ इन लड़ाकू विमानों का भी इस्तेमाल करने का दावा किया जाता है।
अमरीका ने तालिबान पर शुरू किए इन हवाई हमलों की पाकिस्तान से आलोचना हो रही है। अमरीका तालिबान पर हवाई हमले करके दोहा समझौते का उल्लंघन कर रही होने का आरोप पाकिस्तान के राजनीतिक अधिकारी और पत्रकार कर रहे हैं। तालिबान में बड़ा बदलाव आया होकर, अमरीका और अफगानिस्तान की सरकार उनकी छवि मलिन करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा प्रचार पाकिस्तानी माध्यमों ने शुरू किया। वहीं, अमरीका के विमान तालिबान पर हमले करने के लिए किस हवाई सीमा का इस्तेमाल करते हैं? ऐसा सवाल कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों ने पूछा है।
इसी बीच, अफगानिस्तान के शहर और जिलों पर कब्जा करने वाले तालिबान के आतंकी पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता इनकी निर्मम हत्या कर रहे हैं। पाकतिया घग इस रेडिओ स्टेशन के संपादक तुफान ओमारी की हत्या की गई। वहीं, नैमातुल्ला हेमात इस पत्रकार का तालिबान ने अपहरण किया है। इन सब बातों से अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को यकीन हुआ है कि पाकिस्तान चाहे कितनी भी कोशिश करें, फिर भी तालिबान यह आतंकवादी संगठन ही है।
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