काबुल – अफगानी लष्कर ने पिछले चौबीस घंटों में की कार्रवाई में २१७ तालिबानियों को मार गिराने का ऐलान किया है। लेकिन इससे तालिबान के हमलों पर असर नहीं हुआ है। गुरुवार को तालिबान के आतंकवादियों ने गझनी प्रांत की राजधानी पर कब्जा किया। पिछले बारह दिनों में तालिबान ने दस प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा किया है। गजनी पर तालिबान का वर्चस्व यह राजधानी काबुल के लिए खतरनाक माना जाता है। उसी समय, हेल्मंड प्रांत की राजधानी लश्करगह स्थित पुलिस मुख्यालय पर भी तालिबान के आतंकियों ने कब्जा करने की खबरें आ रही हैं।
अगले ३० दिनों में तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की घेराबंदी करेगा और ९० दिनों में काबुल पर कब्ज़ा करेगा, ऐसी चेतावनी अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा ने कुछ घंटे पहले दी थी। गुरुवार को गझनी प्रांत की राजधानी गझनी पर कब्जा करके तालिबान ने अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा की चेतावनी सच करने की दिशा में कदम उठाए हैं। काबुल से १३० किलोमीटर की दूरी पर होनेवाला गझनी शहर, यह अफगानिस्तान की राजधानी से जुड़नेवाले महामार्ग के रूप में जाना जाता है। दो दशक पहले अमरीका और नाटो लष्कर ने अफगानिस्तान में छेड़ी मुहिम में, काबुल पर कब्ज़ा करने से पहले गझनी पर नियंत्रण प्राप्त किया था। इस कारण अब तालिबान गझनी पर कब्ज़ा करके काबुल की ओर रुख करेगा, ऐसी चिंता जाहिर की जाती है।
गजनी पर कब्जा करने से पहले तालिबान के आतंकियों ने लश्करगह स्थित पुलिस मुख्यालय पर कब्जा करने की खबर सामने आई। पिछले कुछ दिनों से अमेरिका हेल्मंड की राजधानी लश्करगह पर हवाई हमले कर रही है। इस कार्रवाई में तालिबान के आतंकवादी बड़ी संख्या में मारे जा रहे हैं और उनके शव सड़कों पर पड़े होने का दावा स्थानीय लोग कर रहे हैं । ऐसी परिस्थिति में, तालिबान ने पुलिस मुख्यालय पर कब्ज़ा करने के कारण स्थानीय लोगों में डर का माहौल फैला है। लश्करगह की तरह तालिबान ने हेरात प्रांत की राजधानी हेरात स्थित पुलिस मुख्यालय पर कब्जा करने की खबरें आ रही है। वही, लगभग छः शहरों की जेलों पर हमला करके तालिबान ने अपने एक हज़ार सहकर्मियों की रिहाई की।
ईरान से सटी सीमा भाग में भी तालिबान ज़ोरदार हमलें कर रहा है। दो ही दिन पहले ईरान ने सीमा भाग में हमलों की तीव्रता कम करने की सूचना तालिबान को की थी। लेकिन तालिबान किसी की भी सुनने की तैयारी में नहीं है ऐसा दिख रहा है। गुरुवार को तालिबान ने ईरान का निगरानी ड्रोन गिराया और उसकी फोटो जारी की। तालिबान का प्रवक्ता झबिहुल्ला मुजाहिद ने यह जानकारी साझा की। इस घटना के बाद ईरान ने मझार-ए-शरीफ में नियुक्त अपने राजनीतिक अधिकारियों को स्वदेश बुलाकर अस्थाई समय के लिए वहाँ का उच्चायुक्तालय बंद किया है।
इसी बीच, तालिबान के बढ़ते हमलों के कारण घबराई अफगानी जनता पड़ोसी देशों में आश्रय के लिए भाग रही है। लेकिन पाकिस्तान ने स्पिन बोल्दाक-चमन सीमा बंद की होने की फोटोग्राफ्स सामने आ रहीं हैं। पाकिस्तान अफगानी शरणार्थियों को अपने देश में आश्रय दें, ऐसी सूचना अमरीका ने की थी। लेकिन पाकिस्तान ने उसे अनदेखा करके अफगानी शरणार्थियों की मुश्किलें बढ़ाईं हैं।
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