न्यूयॉर्क – ‘ईरान का परमाणु कार्यक्रम निर्णायक पड़ाव पर पहुँचा होकर, उसके साथ इस्रायल का संयम भी खत्म हो चुका है। परमाणु कार्यक्रम में चल रहे सेंट्रीफ्यूजेस के संवर्धन को खोखले शब्दों से रोका नहीं जा सकता। लेकिन चाहे कुछ भी हो, इस्रायल ईरान को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध होने नहीं देगा’, ऐसे निर्णायक शब्दों में इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने ईरान समेत अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को भी चेतावनी दी। इस्रायल के प्रधानमंत्री ने ईरान पर कार्रवाई करने के संकेत देने का दावा इस्रायली तथा पश्चिमी माध्यम कर रहे हैं। वहीं, इस्रायली प्रधानमंत्री का भाषण झूठे आरोपों पर आधारित था और इस्रायल पर ईरान विद्वेष हावी हो चुका है, ऐसी आलोचना संयुक्त राष्ट्र संघ में नियुक्त ईरान के राजदूत माजिद तख्त-रवांची ने की।
संयुक्त राष्ट्र संघ में किए अपने पहले भाषण में इस्रायल के प्रधानमंत्री ने ईरान का परमाणु कार्यक्रम तथा ईरान का समर्थन होनेवाले हिजबुल्लाह, हमास, हाउथी, इस्लामिक जिहाद इन आतंकवादी संगठनों का ज़िक्र किया। ‘परमाणु डर जताकर ईरान को इस क्षेत्र पर वर्चस्व जताना है और पिछले तीन दशकों से ईरान इस प्रकार से इस क्षेत्र का विनाश कर रहा है। लेबनान, इराक, सिरिया, येमन और गाज़ा के विनाश के लिए ईरान ज़िम्मेदार है’, ऐसा आरोप बेनेट ने किया। ईरान के नेता जिस देश को स्पर्श करते हैं, वह देश बर्बाद होता है, ऐसा दावा इस्रायल के प्रधानमंत्री ने किया।
वहीं, ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी के भूतकाल की याद प्रधानमंत्री बेनेट ने राष्ट्र संघ को करा दी। सन १९८८ में ईरान की हुकूमत ने लगभग ५००० राजनीतिक विरोधियों की सामूहिक हत्या के आदेश दिए थे। इन राजनीतिक विरोधियों को क्रेन पर लटकाकर फांसी पर चढ़ाया गया था। इस भीषण हत्याकांड के आदेश देनेवालों में ईरान के विद्यमान राष्ट्राध्यक्ष रईसी अग्रसर थे, इस पर प्रधानमंत्री बेनेट ने गौर फरमाया। इसके बाद इस्रायल के प्रधानमंत्री ने, ईरान का परमाणु कार्यक्रम और उस मामले में सामने आनेवाली जानकारी की आलोचना की।
‘ईरान का परमाणु कार्यक्रम इन दिनों गंभीर पड़ाव तक पहुँचा है। इस परमाणु कार्यक्रम के तहत ईरान ने सभी मर्यादाओं का उल्लंघन किया होकर, अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को अनुमति नकारी, उन पर ज़ुल्म किए। इस कारण ईरान की ओर उम्मीद से देखनेवाले मुँह के बल गिरे हैं’, ऐसा गंभीर आरोप प्रधानमंत्री बेनेट ने किया। ईरान ने अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के सभी नियम तोड़ दिए और युरेनियम का संवर्धन ६० प्रतिशत तक बढ़ाकर रखा होने की आलोचना इस्रायल के प्रधानमंत्री ने की। राजधानी तेहरान समेत तुरकूझाबाद, मारेवान में खुफिया न्यूक्लियर प्लांट शुरू करके ईरान ने परमाणु बम निर्माण के संदर्भ में अपने इरादे स्पष्ट किए होने का दोषारोपण प्रधानमंत्री बेनेट ने किया।
चाहे कुछ भी हो, इस्रायल ईरान को परमाणुअस्त्र निर्माण करने नहीं देगा, ऐसा बेनेट ने डटकर कहा। साथ ही, ईरान के साथ सन २०१५ का परमाणु समझौता नये से लागू करने की कोशिश कर रहे पश्चिमी देशों की आलोचना की। ईरान को रोकने के लिए अगर हमने गंभीरता से प्रयास किए, तो हमें उसमें यकीनन ही सफलता मिल सकती है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री बेनेट ने, जिनेवा में जारी बातचीत पर सवाल उपस्थित किये। इसके बाद अमरीका स्थित ज्यूधर्मियों के साथ इस्रायल को नए से संबंध स्थापित करने के लिए प्रयास करने पड़ेंगे, ऐसा प्रधानमंत्री बेनेट ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा।
इसी बीच, इस्रायली प्रधानमंत्री की इस चेतावनी की ईरान ने आलोचना की। सैकड़ों परमाणु अस्त्र बेड़े में होनेवाला इस्रायल, ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर झूठे आरोप कर रहा होने का दावा ईरान के राजदूत रवांनी ने किया है।
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