चीन की हुकूमत ने उइगरवंशियों के लिए स्थापित किए उत्पीड़न शिविरों के नए सबूत – चीनी कार्यकर्ता ने सार्वजनिक किया वीडियो

छळछावण्यांचे

बीजिंग – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने उइगरवंशियों का नरसंहार करने के नए सबुत सामने आए हैं| चीन के ‘गुआन गुआन’ नामक एक कार्यकर्ता ने आठ शहरों में स्थापीत १८ उत्पीड़न शिविरों के वीडियो बनाकर सार्वजनिक किया हैं| इसमें कुछ नए शुरू किए गए शिविरों का भी समावेश हैं| इस वीडियो में शिविरों के लिए बनाई उंची दिवारें, इमारतें, वॉच टॉवर्स एवं सुरक्षा रक्षक दिखाई दे रहे हैं| इस नए वीडियो की वजह से उइगरवंशियों पर हो रहें अत्याचारों के मुद्दे पर चीन अधिक मुश्किलों से घिर सकता हैं, ऐसा कहा जा रहा हैं|

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‘गुआन गुआन’ चीन का एक युवा हैं और ताइवान में शिक्षा प्राप्त कर रहा हैं, ऐसा कहा जा रहा है| कुछ वर्ष पहले पर्यटक बनकर उसने चीन के झिंजियांग प्रांत से सफर किया था| इसके बाद एक विदेशी वेबसाईट पर झिंजियांग में स्थित उइगरों के उत्पीड़न शिविरों से संबंधित एक लेख उसने पड़ा था| इस लेख में ‘सैटेलाईट से प्राप्त मैप्स’ के फोटो प्रसिद्ध किए गए थे| साथ ही लेख में प्रसिद्ध किए गए नक्शों के फोटों पर गौर करके वहां पर पुख्ता कितनें शिविर हैं और वह कैसें दिखाई देते हैं, इसका अध्ययन करने के लिए वर्ष २०२० में फिर से झिंजियांग की यात्रा करने का बयान गुआन ने किया हैं|

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वाहन एवं पीठ पर रखी बैग में छुपाए कैमरे से इन शिविरों की फिल्म उतारने की जानकारी गुआन ने प्रदान की| फिल्माए गए शिविरों में झिंजियांग की राजधानी उरुम्की समेत कुमुल, मोरी, फुकांग, कोर्ला और युंकी में स्थित शिविरों का समावेश हैं| पर्यटक बनकर घुमते समय स्थानीय नागरिकों ने यह कहा कि, इन शिविरों में जबरन भेजा जा रहा हैं, ऐसा गुआन ने वीडियो में कहा है| उरुम्की में स्थापीत शिविरों पर ‘रिफॉर्म थ्रू लेबर, कल्चरल रिफॉर्म’ लिखे हुए?बोर्ड में देखें गए हैं| चीन की हुकूमत द्वारा उइगरवंशियों का हो रहा उत्पीड़न कल्पना से भी अधिक खतरनाक होने का दावा भी गुआन ने किया|

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गुआन के वीडियो को ‘यू ट्यूब’ पर प्रचंड़ मात्रा में रिस्पान्स प्राप्त हुआ हैं और लाखों लोगों ने यह वीड़ियो देखा एवं शेअर किया हैं| विदेशों में सक्रिय उइगरवंशी गुट एवं कार्यकर्ताओं ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करना भी शुरू किया हैं| इसके बाद अब अंतरराष्ट्रीय प्रसारमाध्यमों ने भी इसका संज्ञान लेना शुरू किया हैं| आनेवाले कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी गूँज सुनाई देगी, यह दावा विश्‍लेषकों ने किया हैं|

कुछ वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्रसंगठन की एक रपट से चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने ११ लाख से भी अधिक उइगरवंशियों को उत्पीड़न शिविरों में कैद रखने की बात सामने आयी थी| इसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने आक्रामकता से उइगरवंशियों का मुद्दा?उठाया और चीन को लगातार लक्ष्य किया जा रहा हैं| अमरीका ने उइगरवंशियों पर हो रहें अत्याचार यानी नरसंहार होने की भूमिका अपनाई हैं और अन्य देशों ने भी यही भूमिका स्वीकारना शुरू किया हैं| इस नरसंहार के मुद्दे पर अगले वर्ष चीन में आयोजित होनेवाले ‘विंटर ऑलिम्पिक’ पर बहिष्कार करने की मॉंग जोर पकड़ रही हैं|

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