चीन में खेले जानेवाले ‘विंटर ऑलिम्पिक’ का बहिष्कार करने की गतिविधियों को गति

हिवाळी ऑलिंपिक, ‘विंटर ऑलिम्पिक’

वॉशिंग्टन/लंदन/बीजिंग – उइगरवंशियों के वांशिक संहार के साथ हॉंगकॉंग और तिब्बत में जारी मानव अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ चीन में आयोजित हो रहे ‘ऑलिम्पिक’ का बहिष्कार करने की गतिविधियॉं तेज़ हुई हैं| बीते हफ्ते अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने इस विषय पर बयान किया था| इसके बाद ब्रिटेन एवं कनाड़ा में भी राजनीतिक स्तर पर गतिविधियॉं शुरू हुई हैं और संबंधित देशों के अधिकारियों ने इसकी पुष्टी की है| इससे पहले जुलाई महीने में यूरोपिय संसद ने यूरोपिय महासंघ के सदस्य देश वर्ष २०२२ में आयोजित हो रहें ‘विंटर ऑलिम्पिक’ का न्यौता ना स्वीकारें, यह प्रस्ताव पारित किया?था|

अलगे वर्ष के फ़रवरी महीने में चीन में ‘विंटर ऑलिम्पिक’ का आयोजन हो रहा हैं| इस आयोजन की बड़ी जोरदार तैयारी हो रही हैं| कोरोना की पृष्ठभूमि पर इस स्पर्धा में विदेशी दर्शकों की मौजूदगी नही होगी, यह बात पहले ही स्पष्ट की गई है| इस स्पर्धा का चीन जागतिक स्तर पर अपना स्थान एवं प्रभाव अधिक मज़बूत करने के लिए करेगा, यह इशारा विश्‍लेषक एवं विशेषज्ञ दे रहे हैं| विश्‍व के प्रमुख देशों में चीन के इस ‘विंटर ऑलिम्पिक’ के विरोध मे असंतोष बढ़ने का चित्र भी देखा जा रहा है|

हिवाळी ऑलिंपिक, ‘विंटर ऑलिम्पिक’

इसके पीछे चीन द्वारा बीते कुछ वर्षों से हो रहें मानव अधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा अहम साबित हुआ है| चीन द्वारा झिंजियांग प्रांत में उइगरवंशियों पर अत्याचार हो रहे हैं, यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र संगठन ने कुछ वर्ष पहले सार्वजनिक की थी| इसके बाद इस विषय पर कई रपट सामने आए हैं और चीन ने लाखों उइगरवंशियों को उत्पीड़न शिविरों में कैद करने की एवं उन्हें गुलामों की तरह इस्तेमाल करने की बात स्पष्ट हुई हैं| चीन की ऐसी गतिविधियॉं नरसंहार होने की भूमिका जोर पकड़ रही हैं और अमरीका ने ऐसा ऐलान भी किया हैं| विश्‍व के अन्य देशों में भी उइगरवंशियों के खिलाफ जारी कार्रवाई को नरसंहार करार देने के लिए व्यापक मुहीम शुरू हुई हैं|

उइगरवंशियों के साथ ही हॉंगकॉंग पर थोंपा गया नया कानून एवं तिब्बतीयों पर हो रहें अत्याचारों का मुद्दा भी सामने आया हैं| इस पृष्ठभूमि पर चीन में आयोजित हो रहें ‘विंटर ऑलिम्पिक’ पर राजनीतिक बहिष्कार करने की मॉंग तीव्र हो रही है| बीते हफ्ते वॉशिंग्टन में हुई ‘थ्री ऐमिगोस समिट’ से पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने इस स्पर्धा का बहिष्कार करने से संबंधित सकारात्मक संकेत दिए थे| इसके बाद अमरीका के राजनीतिक दायरे में इस विषय पर प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई हैं|

हिवाळी ऑलिंपिक, ‘विंटर ऑलिम्पिक’

रिपब्लिकन पार्टी के सिनेटर टेड क्रूज़ एवं टॉम कॉटन ने बायडेन प्रशासन बहिष्कार के इस निर्णय का तुरंत ऐलान करें, यह मॉंग रखी है| अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने भी ट्विट करके चीन को सबक सिखाने के लिए यह बहिष्कार करने की ज़रूरत होने का इशारा दिया है|

अमरीका के साथ ही ब्रिटेन और कनाड़ा में भी इस बहिष्कार के मुद्दे पर राजनीतिक गतिविधियॉं तेज़ हुई हैं| ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने बहिष्कार के प्रस्ताव का समर्थन किया है और विदेशमंत्री लिझ ट्रूस ने भी इसपर तीव्र भूमिका अपनाई है| बीते कुछ दिनों से सांसद एवं मंत्रियों के बीच में भी इस विषय पर बातचीत जारी होने की जानकारी सूत्रों ने साझा की| कनाड़ा भी चीन के ‘विंटर ऑलिम्पिक’ पर बहिष्कार करने की तैयारी जुटा रहा हैं और सहयोगी देशौों के साथ चर्चा की जा रही हैं, यह बात विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सिरिन खोरी ने स्पष्ट की|

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