बीजिंग – ‘ताइवान में आज़ादी समर्थक गुटों ने चीन को उकसाना जारी रखा और मर्यादा लांघी तो ताइवान पर निर्णायक कार्रवाई करने के अलावा अन्य विकल्प चीन के पास नहीं रहेगा’, ऐसी धमकी चीन के ‘ताइवान अफेयर्स’ विभाग के प्रवक्ता ने दी। नए साल की पृष्ठभूमि पर ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई र्इंग-वेन ने इशारा दिया था कि, चीन सैन्य साहस को बढ़ावा ना दे। साथ ही हाँगकाँग के मानव अधिकार एवं लोकतंत्र के मुद्दों पर ताइवान के राष्ट्राध्यक्ष ने आक्रामक भूमिका अपनाई थी। इसकी वजह से बेचैन हुए चीन ने ताइवान को यह धमकी दी हुई दिखाई देती है।
पिछले वर्ष से चीन ने ताइवान के हवाई एवं समुद्री सीमा में घुसपैठ बढ़ाई है। लड़ाकू विमान, बॉम्बर्स एवं विध्वंसक और पनडुब्बियाँ ताइवान के क्षेत्र में रवाना करके चीन ने ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई र्इंग-वेन की लोकतांत्रिक सरकार पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की है। यह चीन के ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ का हिस्सा माना जाता है। सीधे युद्ध किए बिना युद्ध जैसी स्थिति निर्माण करके तनाव बढ़ाने की कोशिश चीन इस ‘ग्रे ज़ोन युद्धनीति’ के माध्यम से कर रहा है। चीन समझता है कि, इससे ताइवान परेशान होगा, यह बात दिख रही है।
इस पृष्ठभूमि पर चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने नए साल की पूर्व संध्या पर ताइवान का जल्द ही चीन में विलय होगा, यह इशारा दिया था। इस पर ताइवान की स्थिति को लेकर चीन के शासक गलतफहमी में ना रहें, ऐसी फटकार ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई-र्इंग-वेन ने लगाई थी। साथ ही लोकतंत्र एवं आज़ादी के लिए कोशिश करना कोई अपराध नहीं होता, एकाधिकारशाही वाले चीन के सामने ताइवान कभी नहीं झुकेगा, इन शब्दों में ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ने चीन को लताड़ा था।
चीन के ‘ताइवान अफेयर्स’ विभाग की प्रवक्ता ज़ु फेंगलियान ने इस पर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। उन्होंने ताइवान को निर्णायक परिणामों की धमकी दी है। ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई और उनका दल ‘डेमोक्रैटिक प्रोग्रेस्वि पार्टी’ ने वर्ष १९९२ का चीन में विलयन के निर्णय को नाकारने से मौजूदा स्थिति उभरने का दावा फेंगलियान ने किया। लोकतंत्र की माँग, प्रक्षोभक गतिविधियाँ और विदेशी ताकतों के साथ चीन के खिलाफ सहयोग स्थापित करके राष्ट्रध्यक्षा त्साई ने ही यह तनाव बढ़ाया है, यह आरोप चीन की प्रवक्ता ने लगाया।
इसी बीच, पूर्व एशिया में तनाव के लिए ताइवान को ज़िम्मेदार करार देनेवाला चीन ताइवान के क्षेत्र की हवाई एवं समुद्री घुसपैठ को अनदेखा कर रहा है, ऐसी आलोचना अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइवान को मिल रहा समर्थन चीन की परेशानी बढ़ाने का अहसास यह विश्लेषक करा रहे हैं। ब्रिटेन ने ताइवान को लेकर चीन को सख्त इशारा दिया था। ऐसे में कुछ दिन पहले जर्मनी ने भी ताइवान के पक्ष में चीन की आलोचना की थी। इसके बाद बर्लिन में चीन के राजदूत ने जर्मनी की बड़ी आलोचना की थी।
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