उत्तर कोरिया अमरीका पर क्षेपणास्त्र दागकर दुनिया को दहला देगा

- उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग-उन

सेऊल – ‘आज की दुनिया में जहाँ अन्य देश अमरीका के साथ चर्चा करने में और आँखों पर पट्टी लगाकर अमरीका की शरण में जाने में व्यर्थ समय गँवाते हैं, वहाँ इस पृथ्वी पर उत्तर कोरिया ऐसा एकमात्र देश है, जो ठेंठ अमरीका पर क्षेपणास्त्र हमला करके दुनिया को दहला दे सकता है’, ऐसी धमकी उत्तर कोरिया ने दी। इसके लिए अमरीका तक पहुँच होनेवाले क्षेपणास्त्रों के साथ ही हाइड्रोजन बम, अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल्स तथा हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र भी अपने पास होने का दावा उत्तर कोरिया कर रहा है।

अमरीका पर क्षेपणास्त्र

उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को अपनी शस्त्र सिद्धता की जानकारी सार्वजनिक की। ‘दुनिया में 200 से अधिक देश हैं। लेकिन केवल कुछ देशों के पास ही हाइड्रोजन बम, अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र तथा हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र हैं’, ऐसा कहते हुए उत्तर कोरिया ने यह दावा किया कि उनके पास आधुनिक समय का भीषण शस्त्र भंडार है। साथ ही, पिछले महीने भर में उत्तर कोरिया ने किए शस्त्र परीक्षण उल्लेखनीय साबित होते हैं। लेकिन हमारे देश को अधिक युद्धसिद्ध बनना है, ऐसा उत्तर कोरियन विदेश मंत्रालय ने घोषित किया।

इस पर अमरीका के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी। ‘उत्तर कोरिया अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए ख़तरनाक है’, ऐसा दोषारोपण अमरीका के विदेश मंत्रालय ने किया। साथ ही, उत्तर कोरिया यह अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु-अस्त्र-प्रसारबंदी विधेयक का उल्लंघन करनेवाला देश होने का आरोप भी अमरीका के विदेश मंत्रालय ने किया है। उसी के साथ, उत्तर कोरिया की लष्करी आक्रामकता को रोकने के लिए और इस क्षेत्र के अपने सहयोगी देशों की सुरक्षा के लिए अमरीका की सेना सिद्ध होने की चेतावनी अमरीका के विदेश मंत्रालय ने दी।

अमरीका पर क्षेपणास्त्र

जनवरी महीने से उत्तर कोरिया ने सात चरणों में अलग-अलग पहुँच होनेवाले क्षेपणास्त्रों का परीक्षण किया। इनमें शार्ट रेंज मिसाइलों से लेकर बैलिस्टिक तथा हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र का भी समावेश होने का दावा उत्तर कोरिया ने किया था। साथ ही, पनडुब्बी से दागे जानेवाले क्षेपणास्त्र का परीक्षण भी किया होने ऐलान उत्तर कोरियन हुकूमत ने पिछले हफ्ते में किया था।

इनमें से कुछ क्षेपणास्त्र जापान के सागरी क्षेत्र के पास गिरे थे। वहीं, ‘हॅसाँग-12’ क्षेपणास्त्रों के प्रक्षेपण के बाद अमरीका ने अपने पश्चिमी किनारे से यात्री विमानों की उड़ानें रद्द की थी। उत्तर कोरिया ने सन 2017 के बाद पहली ही बार प्रक्षेपित किए इस क्षेपणास्त्र की पहुँच में पैसिफिक महासागर क्षेत्र में स्थित अमरीका का गुआम द्वीप आता है। इसलिए इस क्षेपणास्त्र के परीक्षण के कारण कुछ समय के लिए तनाव पैदा हुआ था।

इसी बीच, उत्तर कोरिया द्वारा जारी परमाणु कार्यक्रम और क्षेपणास्त्र परीक्षण इनके लिए साइबर हमले तथा क्रिप्टो करेंसी से मिलने वाली निधि का इस्तेमाल किया जा रहा है, यह बात सामने आई है। उत्तर कोरिया के हैकर्स साइबर हमलों के माध्यम से लष्करी ‘सिक्रेट्स’ को चुराकर उनकी बिक्री कर रहे हैं, ऐसा आरोप हो रहा है। लेकिन अमरीका उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध ना लगाएँ, ऐसी माँग उत्तर कोरिया का समर्थक होनेवाले चीन ने की है।

English    मराठी

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info