मास्को – घनघोर संघर्ष जारी होने के दौरान यूक्रैन में शांतिसेना रवाना करने का प्रस्ताव पोलैण्ड ने दिया हैं| नाटो के सदस्य होनेवाले बाल्टिक देशों ने भी इसके लिए आवश्यक गतिविधियॉं शुरू की हैं| इसपर रशिया की तीखीं प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई हैं और विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने इसके कारण रशिया का नाटो से सीधा संघर्ष छिड़ जाएगा और इसके परिणाम बड़े भीषण होंगे, यह इशारा दिया| इसके बाद रशिया के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने अपने अस्तित्व के लिए खतरा निर्माण होने पर रशिया परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगी, ऐसी दहाड़ लगाई| इसपर परमाणु युद्ध में रशिया को विजय हासिल नहीं हो सकेगी, यह इशारा नाटो ने दिया हैं|
यूक्रैन के युद्ध के २८ वें दिन भी परमाणु युद्ध को लेकर दोनों ओर से दिए इशारें विश्व को दहला रहे हैं| पोलैण्ड ने यूक्रैन में शांति सेना भेजने का प्रस्ताव देकर रशिया को सीधी चुनौती देने की बात दिख रही हैं| बाल्टिक देशों ने इसकी गतिविधियॉं शुरू की हैं और रशिया ने इसका गंभीर संज्ञान लिया हैं| यूक्रैन में किसी भी प्रकार से नाटो के सैनिक तैनात किए गए तो इससे नाटो और रशिया का सीधा संघर्ष छिड़ जाए बिना नहीं रहेगा| यह बात काफी भीषण असर करनेवाली साबित होगी, ऐसा इसारा रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने दिया| रशिया की सरकार और राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस मुद्दे पर परमाणु युद्ध की धमकी दी|
हमारे अस्तित्व को खतरा निर्माण हुआ तो रशिया परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगी, यह इशारा पेस्कोव ने दिया| इससे पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशिया की ‘न्यूक्लिअर फोर्सेस’ को तैयार रहने के आदेश दिए थे| कुछ दिन पहलें रशिया ने अपनी जनता के लिए न्यूक्लिअर ड्रील यानी परमाणु हमले की पृष्ठभूमि पर क्या करना हैं, उसके अभ्यास का आयोजन किया था| इस वजह से रशिया द्वारा दी जा रही धमकी खोखली ना होने की बात स्पष्ट हो रही हैं| इस वजह से यूरोपिय देश काफी ड़रे हैं और यूक्रैन युद्ध संबंधित यूरोपिय देशों की भूमिका अब बदलने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं|
ऐसी स्थिति में नाटो ने परमाणु युद्ध के मुद्दे पर रशिया को इशारा दिया| कुछ भी हो, रशिया परमाणु युद्ध जीत नहीं सकती, ऐसा बयान नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने किया हैं|
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