मॉस्को/किव्ह – रशिया और युक्रेन के प्रतिनिधि तुर्की में चर्चा कर रहे हैं। इस चर्चा को सफलता मिल रही होने का दावा माध्यमों ने किया है। पिछले 33 दिनों से चल रहा युक्रेन का युद्ध ख़त्म होने की उम्मीद निर्माण हुई है। इस कारण अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में ईंधन के दाम प्रति बैरल 100 डॉलर के नीचे आए थे। लेकिन युक्रेन पर कार्रवाई नहीं रुकेगी, ऐसी घोषणा रशिया ने की है। साथ ही, युक्रेन का हवाई बल अब बाकी नहीं रहा है, ऐसी घोषणा भी रशिया के रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगू ने की।
मंगलवार को युक्रेन के मायकोलेव्ह, खेरसॉन, ओडेसा और मारिओपोल शहरों पर रशिया ने हमले किए। ये हमले यानी ‘ब्लैक सी’ से युक्रेन को तोड़ने की रशिया की कोशिश है, ऐसा आरोप हो रहा है। उसी के साथ, युक्रेनी सेना की हवाई सुरक्षा यंत्रणा रशियन सेना ने उड़ा दी होने की खबर है। युक्रेन का हवाई बल रशिया ने ध्वस्त किया होने का ऐलान रशिया के रक्षामंत्री ने किया है। इसी कारण युक्रेन अमरीका और नाटो के सदस्य देशों से हवाई सुरक्षा यंत्रणा और विमानभेदी लाँचर्स की माँग कर रहा है, ऐसा बताया जाता है। रशिया की इस लष्करी कार्रवाई के जारी रहते ही, तुर्की के इस्तंबूल में रशिया और युक्रेन के प्रतिनिधि चर्चा कर रहे हैं।
इस चर्चा पर दुनिया का ध्यान लगा होकर, माध्यमों ने इस चर्चा को सफलता मिलने के दावे किए थे। इसका असर कच्चे तेल के दामों पर हुआ और पहली बार ये दाम प्रति बैरल 100 डॉलर्स के नीचे आए हैं। लेकिन रशिया ने यह चेतावनी दी है कि युक्रेन पर कार्रवाई इसके आगे भी जारी रहेगी और युद्ध अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है। अपनी सारी माँगे मान्य हुए बगैर रशिया युक्रेन पर की लष्करी कार्रवाई नहीं रोकेगी, ऐसा इस देश ने पहले ही स्पष्ट किया था। युक्रेन नाटो में सहभागी ना हो, यह रशिया की प्रमुख माँग अब युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की मान्य कर रहे हैं, जिससे दोनों देशों में सुलह होने की संभावना बढ़ी है। लेकिन रशिया एक ही समय पर चर्चा और लष्करी हमले कायम रखकर युक्रेन पर एक ही समय पर लष्करी और राजनीतिक स्तर पर दबाव बढ़ा रहा दिखाई दे रहा है।
इसीलिए मायकोलेव्ह, खेरसॉन, ओडेसा और मारिओपोल इन युक्रेन के शहरों पर हमले करनेवाले रशिया ने, युक्रेन की राजधानी कीव और चेर्निव्ह शहर के पास जारी लष्करी कार्रवाई कम करने की तैयारी की है। रशिया के उपरक्षामंत्री ने यह जानकारी दी होने का दावा किया जाता है।
इसी बीच, अमरीका युक्रेन का यह युद्ध अधिक ही भड़का रही होने का आरोप करनेवाले रशिया ने, अमरीका पर एक और गंभीर आरोप किया है। अफगानिस्तान में अमरीका की लष्करी मुहिम में सहभागी हुए 400 अफगानी जवानों को युक्रेन में तैनात करने की तैयारी अमरीका ने की है, ऐसा रशियन न्यूज़ एजेंसी ने कहा है। सिरिया और इराक इन देशों के आतंकवादियों को भी अमरीका ने युक्रेन में लड़ने के लिए भेजा, ऐसे आरोप कुछ रशिया समर्थक न्यूज़ एजेंसियों ने किए थे।
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