वॉशिंग्टन/किव – रशियन फौज पूर्व यूक्रैन के डोनेत्सक प्रांत पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रही है, ऐसा दावा अमरीका और यूक्रैन ने किया है| अमरीका के रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने जानकारी साझा की है कि, रशिया के सैकड़ों सैन्य वाहन डोनेत्स्क प्रांत के इज़ियम शहर की ओर जाने की बात सामने आयी है| ऐसे में पूर्व यूक्रैन में जल्द ही बड़ा संघर्ष शुरू होगा, ऐसा यूक्रैन के रक्षा विभाग ने कहा है| इसी बीच रशिया ने मारिपोल में रासायनिक हमला करने का आरोप यूक्रैन सेना की ‘अज़ोव बटालियन’ ने लगाया|
पिछले हफ्ते रशिया किव के अलावा यूक्रैन के कुछ हिस्सों से पीछे हटी थी| इस जानकारी के साथ ही अब रशिया यूक्रैन मुहिम की फिर से रचना कर रही है, यह वृत्त भी प्रसिद्ध हुआ था| इसकी पुष्टी करनेवाली घटना पिछले कुछ दिनों से सामने आ रही है| यूक्रैन और अमरीका के रक्षा विभागों के दावे भी इसी का हिस्सा माने जाते हैं|
रशिया डोनेत्स्क में रवाना कर रहे दलों में, सैनिकों की आवाजाही करनेवाले वाहनों के साथ ही टैंक और तोपों की यातायात करनेवाले ट्रक्स एवं बख्तरबंद गाड़ियों का समावेश होने की बात अमरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कही| ‘रशियन दल पुख्ता कितना बड़ा है, इसका अनुमान अभी नहीं लगा है| लेकिन, रशिया डोनेत्स्क पर लक्ष्य केंद्रीत कर रही है| नई गतिविधियॉं रशिया सैन्य मुहिम फिर से बनाने के संकेत दे रही हैं’, ऐसा अमरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने कहा| यूक्रैन के रक्षा विभाग ने भी इसकी पुष्टी की है|
यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने पूर्व यूक्रैन के संघर्ष को लेकर नया इशारा दिया| पूर्व यूक्रैन में यूक्रैन की सेना रशिया को रोकने में नाकाम हुई तो रशियन फौज फिर से किव और करीबी इलाकों में हमले कर सकती है, ऐसा इशारा ज़ेलेन्स्की ने दिया| पूर्व यूक्रैन के साथ ही मारिपोल पर कब्ज़ा करने के लिए निर्णायक हमला हो सकता है, ऐसा ड़र यूक्रैन के अधिकारी ने व्यक्त किया है| अब तक के संघर्ष के दौरान मारिपोल में लगभग १० हज़ार से अधिक की मौत होने की जानकारी यूक्रैन के स्थानीय अधिकारी ने प्रदान की| इस शहर में तैनात यूक्रैन के अज़ोव्ह बटालियन ने मारिपोल में रासायनिक हमला होने का दावा किया है| लेकिन, रशिया ने यह दावा ठुकराया है|
इसी बीच, नाटो के सदस्य देशों ने रशियन सीमा से सटे इस्टोनिया में सैन्य अभ्यास शुरू किया है| ‘बोल्ड ड्रैगन’ नामक इस युद्धाभ्यास में ब्रिटेन, फ्रान्स, नेदरलैण्ड और इस्टोनिया के दो हज़ार से अधिक सैनिक शामिल हैं|
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