रशिया का पश्‍चिमी देशों के विरोध मे नए प्रतिबंधों का ऐलान

नए प्रतिबंधों का ऐलान

मास्को/स्ट्रासबर्ग – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने पश्‍चिमी देशों के विरोध में नए प्रतिबंधों का ऐलान किया| इसके अनुसार यूक्रैन को सहायता प्रदान कर रहें देशों को कच्चे सामान और अन्य उत्पादनों की निर्यात रोक दी जा रही है| इसके अलावा, पश्‍चिमी देशों के साथ किए समझौते भी रद करने की चेतावनी पुतिन ने दी| इसके बाद यूरोपिय महासंघ ने भी नए प्रतिबंधों के संकेत दिए हैं| इसमें रशिया से हो रही कच्चे तेल की आयात रोकने का प्रस्ताव है|

रशिया ने यूक्रैन के खिलाफ शुरू किए युद्ध के बाद अमरीका और यूरोप समेत मित्रदेशों ने रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाए थे| रशियन अर्थव्यवस्था पर हालाँकि इन प्रतिबंधों का असर हुआ है, फिर भी रशिया के यूक्रैन अभियान पर इसका ज्यादा असर नहीं हुआ है| उल्टा रशिया ने पिछले महीने में ही यूक्रैन के सेना अभियान का दूसरा चरण शुरू करके, अधिक आक्रामक हमलें शुरू किए हैं| दूसरी ओर पश्‍चिमी देशों के प्रतिबंधों का जवाब देने के लिए रशिया ने भी कदम उठाना शुरू किया है|

नए प्रतिबंधों का ऐलान

पोलैण्ड और बल्गेरिया जैसें देशों की ईंधन सप्लाई रोकना, रुबल मुद्रा से कारोबार करने पर जोर देना, रशिया से निर्यात हो रहें उत्पदानों से संबंधित नियमों में बदलाव करना, इन जैसें मुद्दों का इसमें समावेश है| लेकिन, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने अधिक कड़ी भूमिका अपनाकर पश्‍चिमी देशों को सख्त प्रत्युत्तर देने की तैयारी रखी है| मंगलवार को पुतिन ने हस्ताक्षर करके पारित किया कानून भी इसी का हिस्सा है|

इस कानून के तहत रशिया से प्राथमिकता से निर्यात हो रहा कच्चा सामान और उत्पादनों पर प्रतिबंध लगाएँ जाएँगे| साथ ही, रशिया ने किए समझौते भी रद किए जाएँगे| ये मुद्दे, यूक्रैन को सहायता प्रदान कर रहें पश्‍चिमी देश एवं कंपनियों के लिए लागू रहेंगे| इसकी सुचि अगले कुछ दिनों में सार्वजनिक होगी, ऐसा रशियन सूत्रों ने कहा| रशियन नागरिक एवं कंपनियाँ, प्रतिबंध लगाए देश, कंपनी या व्यक्ति के साथ कारोबार ना करें, यह भी इस नए कानून में दर्ज़ किया गया  है|

नए प्रतिबंधों का ऐलान

रशिया की इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि पर यूरोपिय महासंघ ने रशिया से आयात हो रहें कच्चे तेल पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव पेश किया| यूरोपिय कमिशन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन ने यह जानकारी प्रदान की| इस प्रस्ताव के अनुसार अगले छह महीनों में अलग अलग स्तर पर रशियन तेल की आयात बंद की जाएगी| पेट्रोलियन उत्पादन की आयात बंद करने के लिए इस साल के अन्त तक का समय दिया गया हैं|

हंगरी और स्लोवाकिया जैसें देशों को इससे अलग रखने के संकेत दिए गए हैं| इन दोनों देशों ने रशिया पर ईंधन संबंधित प्रतिबंध लगाने का तीव्रता से विरोध किया था और इसी कारण यह निर्णय किया गया, ऐसा कहा जा रहा है| यूरोपिय महासंघ फिलहाल रशिया से हर वर्ष १०० करोड़ बैरेल्स से भी अधिक कच्चे तेल की आयात करता है| यूरोप की कुल मॉंग में से २५ प्रतिशत से भी ज़्यादा कच्चे तेल की आयात रशिया से होती है| साल २०२१ में यूरोपिय महासंघ को, कच्चे तेल की आयात करने के लिए भारी ७३ अरब युरो से भी अधिक राशि का रशिया को भुगतान करना पड़ा था|

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