यूक्रेन के अहम शहरों पर कब्ज़ा करने के लिए रशियन सेना आगे बढ़ी

किव – मारिपोल के बाद यूक्रेन का और एक शहर रशियन सेना के हाथ लगने की कड़ी संभावना जतायी जा रही है। सेवेरोडोनेत्स्क शहर में रशियन सेना ने प्रवेश करना शुरू किया है। वहां पर तैनात यूक्रेन के सैनिकों को लिशिचास्क की ओर भगाने की योजना पर रशियन सेना काम कर रही है। सेवेरोडोनेत्स्क की स्थिति काफी बिगड़ने की बात यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने भी स्वीकार की है, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही हैं। ऐसे में नाटो ने सीधी सहायता प्रदान किए बिना यूक्रेन की सेना रशियन सेना के सामने खड़ी नहीं हो सकेगी, ऐसा बयान यूरोपियन महासंघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने किया है।

रशियन सेना

रशिया ने यूक्रेन पर हमला करने के बाद यूक्रेन की सेना बड़े धैर्य से रशिया का मुकाबला कर रही है, ऐसे दावे पश्‍चिमी माध्यमों ने किए थे। यह युद्ध जितना लंबा चलेगा, उतनी ही मात्रा में रशिया की स्थिति खराब होगी, ऐसा पश्‍चिमी माध्यमों के साथ कुछ सामरिक विश्‍लेषक भी कह रहे थे। लेकिन, यह दावे पूरी तरह से गलत साबित हुए हैं और रशियन सेना यूक्रेन के शहरों पर कब्ज़ा करते हुए आगे बढ़ रही है, यह स्पष्ट दिख रहा है। मारिओपोल शहर पर कब्ज़ा करने के बाद रशियन सेना ने यूक्रेन के अन्य प्रमुख शहरों पर ध्यान केंद्रीत किया है। इसके लिए रशिया ने अतिरिक्त हथियार और सैन्य दल रवाना किए हैं।

रशियन सेना

सेवेरोडोनेत्स्क शहर में रशिया के सैनिकों ने प्रवेश करना शुरू किया है और जल्द ही मारिओपोल की तरह इस शहर पर भी रशिया कब्ज़ा करेगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इस वजह से रशिया को रोकने की ताकत यूक्रेन की सेना के पास बची नहीं है, यह बात फिर से साबित हो रही है। यहां पर रशियन सेना से लड़ना अधिकाधिक कठिन हो रहा है, इसकी कबूली यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने दी। रशियन तोपों के हमले की वजह से इन शहरों की बुनियादी सुविधाएं नष्ट हुई है। इसके अलावा इन शहरों के ९० प्रतिशत से अधिक इमारतों को नुकसान पहुँचा है, ऐसा बयान बड़े अफसोस के साथ यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

यूक्रेन की इस स्थिति के मद्देनज़र नाटो को रशिया के खिलाफ यूक्रेन को अधिक सहायता प्रदान करनी होगी, ऐसा बयान यूरोपिय महासंघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने किया है। लेकिन, किसी भी देश ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति की तो इसके गंभीर परिणाम हुए बिना नहीं रहेंगे, ऐसी चेतावनी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दी है। इस वजह से नाटो द्वारा यूक्रेन को हो रही सहायता पर काफी मर्यादा बनी है। इस वजह से यूक्रेन युद्ध का पलड़ा रशिया की ओर झुकता दिख रहा है। और कुछ हफ्ते यही स्थिति बनी रही तो यूक्रेन का कुछ हिस्सा रशिया अपने कब्ज़े में करेगी, ऐसी कड़ी संभावना सामने आ रही है। रशियन सेना इस योजना के अनुसार यूक्रेन में आगे बढ़ रही है, ऐसा आरोप पश्‍चिमी देश लगा रहे हैं।

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