मास्को/किव – यूक्रेन युद्ध के १०० दिन पूरे हुए हैं और रशिया ने यूक्रेन के पूर्वीय क्षेत्र पर हमले तीव्र किए हैं। रशिया के हमलों की वजह से यूक्रेन हर दिन तकरीबन ६० से १०० सैनिक खो रहा है, ऐसी कबूली यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने दी। लेकिन, जल्द ही यूक्रेन को अमरीका के प्रगत हथियार प्राप्त होंगे और इससे यूक्रेन के विरोध की तीव्रता बढ़ेगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, हमारे सामने खतरा बढ़ा तो रशिया परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगी, इसे हमारे खिलाफ रणनीति बनाने वाले ध्यान में रखें, ऐसी चेतावनी रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने दी है।
अमरीका ने यूक्रेन को प्रगत हथियारों की आपूर्ति करने का निर्णय किया है। रशिया के हमले के सामने यूक्रेन की सेना की स्थिति काफी खराब हो रही है और ऐसे में अमरीका के इस निर्णय की अहमियत बढ़ रही है। साथ ही यूरोपिय देशों ने भी यूक्रेन को अधिक सैन्य सहायता प्रदान करने का निर्णय किया हुआ दिख रहा है। इस पर रशिया की नज़र है, इसका अहसास पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मेदवेदेव ने कराया। यूक्रेन युद्ध की ड़रावना बढ़ती गयी तो इससे परमाणु युद्ध छिड़ सकता है, ऐसे इशारे रशिया ने पहले भी दिए थे। पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मेदवेदेव ने फिर से पश्चिमी देशों को इस खतरे का अहसास कराया।
ऐसा हो ही नहीं सकता, इस भ्रम में कोई ना रहे, यह इशारा मेदवेदेव ने दिया। रशियन रक्षाबलों के प्रमुख राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन परमाणु हथियार का प्रयोग करने के आदेश जारी कर सकते हैं। रशिया पर परमाणु हमला हुआ तो इसका जवाब देने के लिए तुरंत परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है। साथ ही रशिया के खिलाफ परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं होने की स्थिति में भी यदि रशिया के अस्तित्व को खतरा निर्माण तो भी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष परमाणु हमले के आदेश जारी कर सकते हैं, यह बात मेदवेदेव ने स्पष्ट की। इस वजह से पहले कभी नहीं हुआ था, तो फिर आगे भी ऐसा नहीं होगा, इस गलतफहमी कोई ना रहे, ऐसा इशारा मेदवेदेव ने दिया।
रशिया के खिलाफ रणनीति बना रहे परमाणु युद्ध की संभावना पर सोचें, इसे अनदेखा ना करें, ऐसा मेदवेदेव ने आगे कहा। परमाणु युद्ध किसी के हित में नहीं होगा और रशिया इसका अहसास रखती है, ऐसा कहकर मेदवेदेव ने पश्चिमी देश इसके लिए रशिया को ना उकसाएं, यह आवाहन किया।
परमाणु युद्ध की भीषणता का अनुभव विश्व ने किया है। अमरीका ने ही इस परमाणु हमले को अंजाम दिया था, इसकी याद मेदवेदेव ने ताज़ा की। इससे पहले रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने इशारा दिया था कि, यूक्रेन संघर्ष परमाणु युद्ध में परिवर्तित हो सकता है। पश्चिमी देश इस खतरे को अनदेखा ना करें, यह चेतावनी भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दी थी। इसका अमरीका, नाटो के सदस्य यूरोपिय देशों पर विशेष असर नहीं पड़ा था। लेकिन, रशिया ने न्युक्लियर ड्रिल का आयोजन करके अपने इशारे खोखले ना होने की बात दर्शाई थी।
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