किव/मास्को – यूक्रेन के ज़ौपोरिज़िया में स्थित परमाणु प्रकल्प पर यूक्रेन की सेना हमले कर रही है, ऐसा आरोप लगाकर रशिया ने इस मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की बैठक आमंत्रित की है। संयुक्त राष्ट्र संघ का परमाणु ऊर्जा आयोग सुरक्षा परिषद में यूक्रेन की उकसानेवाली हरकतों की जानकारी ले, ऐसी माँग संयुक्त राष्ट्र संघ में नियुक्त रशिया के वरिष्ठ अधिकारी दिमित्रि पोलियान्स्की ने की। पिछले कुछ दिनों में ज़ौपोरिज़िया के परमाणु प्रकल्प का मुद्दा काफी चर्चा का विषय बना है और इसमें कोई दुर्घटना हुई तो पूरे यूरोप को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पडेंगे, ऐसी चेतावनी रशिया ने दी है। यूक्रेन ने रशिया के इन आरोपों को ठुकराया है और प्रकल्प में हो रही गतिविधियों के लिए रशिया को ही ज़िम्मेदार करार देने की भूमिका भी अपनाई है।
फ़रवरी में यूक्रेन पर हमला करने के बाद कुछ ही हफ्तों में रशिया ने यूक्रेन के ज़ौपोरिज़िया परमाणु प्रकल्प पर कब्ज़ा किया था। यह प्रकल्प यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा प्रकल्पों में से एक है और यह प्रकल्प छह हज़ार मेगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता रखता है। इस प्रकल्प में भारी मात्रा में संवर्धित युरेनियम एवं परमाणु ईंधन का भंड़ार है। फिलहाल इस प्रकल्प में कंपनी के कर्मचारी ही मौजूद हैं।
यूक्रेन ने पिछले महीने दक्षिण यूक्रेन में रशिया ने कब्ज़ा किए क्षेत्र पर जवाबी हमले किए थे। इस पृष्ठभूमि पर कुछ दिनों में यह प्रकल्प चर्चा का विषय बना है। रशिया ने इस प्रकल्प में भारी संख्या में सेना एवं प्रगत रक्षा यंत्रणा तैनात की है। रशिया की इस तैनाती को नुकसान पहुँचाने के लिए यूक्रेन की सेना इस प्रकल्प के करीबी क्षेत्र को लक्ष्य कर रही है, ऐसा कहा जा रहा है। लेकिन, यूक्रेन एवं पश्चिमी यंत्रणाओं ने यह दावे ठुकराए हैं और रशिया ही इस प्रकल्प के करीब हमले करके इसका ठिकरा यूक्रेन के सिर फोड़ रही है, ऐसा कहा है। लेकिन, रशिया ने यह हमले यूक्रेन ही कर रहा है, यह भूमिका अधिक आक्रामक की है और सीधे सुरक्षा परिषद के सामने गुहार लगाई है। इस वजह से यह मामला अब गंभीर मोड़ लेता जा रहा है।
इसी बीच ज़ौपोरिज़िया परमाणु प्रकल्प में किसी भी तरह की दुर्घटना हुई तो रशिया सीधे अमरीका और ब्रिटेन पर परमाणु हमला करेगी, ऐसी धमकी रशिया के युरी कोट ने दी। कोट रशियन माध्यमों में सूत्रसंचालक का काम करते हैं और पुतिन के पुख्ता समर्थक के तौर पर जाने जाते हैं।
यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के साथ ही रशिया ने नाटो की यूरोप में परमाणु तैनाती की भी आलोचना की। नाटो ने स्वयं को ‘न्युक्लियर अलायन्स’ घोषित किया है और ‘नॉन न्युक्लियर’ देशों में परमाणु हथियारों की तैनाती जारी है। यह परमाणु हथियारों के प्रसार बंदी कानून का उल्लंघन है और इससे परमाणु संघर्ष का खतरा बढ़ा है, ऐसी चेतावनी रशिया ने दी है।
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