मास्को – मौजूदा स्थिति में रशिया के नियंत्रण में होनेवाले युक्रेन के झॅपोरिझ्झिआ परमाणु प्रकल्प की सुरक्षा का मुद्दा काफी संवेदनशील बना है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में रशिया के राजदूत ने यह चेतावनी दी है कि युक्रेन ने किए हमले की वजह से वहाँ पर परमाणु हादसा हो सकता है। यदि इस परमाणु ऊर्जा प्रकल्प में दुर्घटना हुई तो इसके लिए रशिया ज़िम्मेदार होगा, ऐसा बयान युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने किया है। इसपर रशिया से तीखीं प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है। झॅपोरिझ्झिआ में परमाणु हादसा हुआ, तो युरोपीय देशों में भी परमाणु प्रकल्प हैं और वहाँ पर भी परमाणु दुर्घटना हो सकती है, ऐसी धमकी रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने दी है।
युक्रेन की सेना झॅपोरिझ्झिआ परमाणु प्रकल्प पर हमलें कर रही है, हुए हमलों से यह प्रकल्प जैसे तैसे सुरक्षित रहा और परमाणु हादसा टली, ऐसा रशिया का कहना है। आनेवाले समय में यदि युक्रेन ने इस प्रकल्प पर हमला किया और इससे अनहोनी हुई, तो इसके लिए पूरी तरह से युक्रेन ज़िम्मेदार होगा, ऐसी चेतावनी रशिया बार बार दे रहा है। सुरक्षा परिषद में रशिया के राजदूत ने इसका अहसास कराया था। युक्रेन के पीछे खड़े रहनेवाले युरोपीय देशों को भी रशिया लगातार इस खतरे की कल्पना दे रहा है। लेकिन, वह इसकी गंभीरता को समझने के लिए तैयार नहीं, ऐसा रशिया के राजदूत ने कहा था। इसी बीच युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया पर ‘न्यूक्लिअर ब्लैकमेलिंग’ करने का आरोप लगाया है।
ऐसी स्थिति में झॅपोरिझ्झिआ के इस परमाणु प्रकल्प की सुरक्षा को अनदेखा कर रहें युरोपीय देशों को रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने कांपनेवाली चेतावनी दी। युक्रेन की सेना इस परमाणु प्रकल्प पर हमलें कर रही हैं। इसको लेकर रशिया दे रहे चेतावनियों को युरोपीय देश पूरी तरह से अनदेखा कर रहे हैं। आनेवाले समय में झॅपोरिझ्झिआ के इस प्रकल्प में यदि कोई परमाणु हादसा हुआ, तो इसकी हमें उम्मीद नहीं थी, यह कारण युक्रेन आगे कर सकता है। लेकिन, युरोपीय देशों में भी परमाणु प्रकल्प हैं और इन प्रकल्पों में भी परमाणु हादसा हो सकता है, ऐसें तीखें शब्दों में पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मेदवेदेव ने युरोपीय देशों को सुनाया।
झॅपोरिझ्झिआ परमाणु प्रकल्प को अगर असुरक्षित बनाते हैं, तो युरोपीय देशों के परमाणु प्रकल्पों की भी ऐसी ही स्थिति करेंगे, ऐसी चेतावनी रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष देते दिख रहे हैं। साथ ही, झॅपोरिझ्झिआ के परमाणु प्रकल्प पर हमला करके यहाँ से यदि रेडिएशन होता है, तो इसका ठिकरा रशिया पर फोड़ने की साज़िश पश्चिमी देशों ने बनाई है, ऐसी चर्चा बड़ें जोरों से शुरू हुई है। रशियन सांसद इस बात पर बराबर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मेदवेदेव ने, युरोपीय देशों में भी ‘परमाणु दुर्घटना होगी’ यह चेतावनी देना ध्यान आकर्षित करता है।
इसी बीच, अमरीका और युरोपीय देशों ने युक्रेन के लिए हथियारों की आपूर्ति बढ़ाई है और इससे युक्रेन की सेना की क्षमता बढ़ी, ऐसा दावा हो रहा है। युक्रेनी सेना ने रशियन सेना पर घातक हमलें करने से रशिया का भारी नुकसान हुआ, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, फिलहाल राजनीतिक स्तर पर रशिया झॅपोरिझ्झिआ के परमाणु प्रकल्प को लेकर युक्रेन-अमरीका समेत युरोपीय देशों को गंभीर चेतावनी दे रहा है। संयुक्त राष्ट्रसंघ और अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग रशिया के इन चेतावनी को गंभीरता से देख रहे हैं और झॅपोरिझ्झिआ के परमाणु प्रकल्प की सुरक्षा पर चिंता जता रहे हैं। लेकिन, इस प्रकल्प का निरीक्षण करने का प्रस्ताव रशिया ने ठुकराया है।
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