चिनी राष्ट्राध्यक्ष के सौदी दौरे की वजह से अमरीका का प्रभाव खत्म नहीं होगा

- येमन में अमरीका के विशेषदूत का दावा

वॉशिंग्टन – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग अगले हफ्ते सौदी अरब का दौरा करके सौदी के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे। चीन के राष्ट्राध्यक्ष का यह दौरा सौदी पर बना अमरीका का प्रभाव खत्म होता दर्शाता है, ऐसा कुछ विश्लेषकों का कहना है। लेकिन, येमन में अमरीका के विशेषदूत टीम लेंडरकिंग ने यह दावा ठुकराया है। सौदी अरब ही नहीं, बल्कि खाड़ी क्षेत्र में प्रभाव कायम है, अमरीका यहाँ से कहीं भी नहीं जाएगी, ऐसा लेंडरकिंग ने कहा है।

अमरीकी प्रभाव

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने जुलाई महीने में सौदी अरब का दौरा किया था, इसकी याद लेंडरकिंग ने करायी। राष्ट्राध्यक्ष के इस सौदी यात्रा के ज़रिये, अमरीका इस क्षेत्र से कहीं भी नहीं जाएगी, ऐसा अहम संदेश दिया गया, ऐसा दावा लेंडरकिंग ने किया। सिर्फ सौदी ही नहीं, बल्कि इस क्षेत्र के सभी देशों के साथ अमरीका का सहयोग आगे भी जारी रहेगा। दूसरें देश के नेताओं ने सौदी की यात्रा करने से अमरीका का प्रभाव खत्म हुआ, ऐसें दावे करना गलत होगा, यह खुलासा भी लेंडरकिंग ने किया।

दूसरें देशों के नेताओं ने सौदी की यात्रा करना बिल्कुल ही आम बात हैं, ऐसा कहकर लेंडरकिंग ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष की सौदी यात्रा को अधिक अहमियत देना टाल दिया। लेकिन, मौजूदा समय में जारी गतिविधियों के मद्देनज़र चीन के राष्ट्राध्यक्ष का यह सौदी दौरा ध्यान आकर्षित करता है। जुलाई महीने में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने अपने सौदी दौरे में, सौदी समेत खाड़ी के ईंधन उत्पादक देशों के सामने कुछ माँगे रखी थीं। इसमें ईंधन उत्पादन बढ़ाने की माँग का भी समावेश था। सौदी एवं अन्य ईंधन उत्पादक देशों ने ईंधन का उत्पादन बढ़ाया तो ईंधन की कीमत कम होगी, यह अनुमान इसके पीछे था।

अमरीका का प्रभाव

युक्रेन युद्ध के जारी रहते, ईंधन की कीमतें उछाल पर हैं। इसी वजह से युक्रेन पर हमला करने के लिए रशिया को उकसानेवाली अमरीका के विरोध में पूरे विश्व में नाराज़गी की भावना बनी है। अमरिकी जनता भी ईंधन की कीमतों के उछाल से काफी परेशानी में है और इससे राष्ट्राध्यक्ष बायडेन को नुकसान पहुँच रहा है। ऐसी स्थिति में ईंधन की कीमते कम करने के लिए बायडेन को सौदी की सहायता की उम्मीद थी। लेकिन, सौदी ने उनकी यह माँग ठुकराई थी।

अपने प्रतिद्वंद्वी ईरान ते लिए अनुकूल नीति बायडेन प्रशासन अपना रहा है, ऐसी सौदी की भावना है। साथ ही येमन के विद्रोहियों के साथ सौदी के हुए संघर्ष में, बायडेन ने खुलेआम येमनी विद्रोहियों की ताकत बढ़ानेवाले निर्णय किए थे। साथ ही, सौदी अरब के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ये पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाकर, बायडेन प्रशासन ने सौदी के नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोला था। सौदी को अमरिकी हथियार प्राप्त ना हो, इसके लिए बायडेन प्रशासन ने कदम उठाएँ थे। बाद में इस निर्णय को बदला किया और बायडेन प्रशासन ने सौदी के साथ सुलह करने की कोशिश भी शुरू की। इसके लिए राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने सौदी का दौरा भी किया था। लेकिन, इससे अमरीका को विशेष लाभ प्राप्त नहीं हुआ। सौदी ने ईंधन का उत्पादन बढ़ाने की बायडेन ने रखी माँग से इन्कार ही किया। साथ ही, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के दौरे को विशेष अहमियत देने से भी सौदी ने इन्कार किया था।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की सौदी यात्रा के पीछे यह पृष्ठभूमि है। इसी कारण चिनी राष्ट्राध्यक्ष के सौदी दौरे की वजह से, अमरीका के सौदी पर बने प्रभाव का नुकसान होने के दावे किए जा रहे हैं। येमन में अमरीका के विशेषदूत ने यह दावे ठुकराने की कितनी भी कोशिश की, तो भी अमरीका और सौदी के बीच बनी दरार कम करने के लिए अमरीका को इससे कई ज़्यादा कोशिश करनी होगी, यह स्पष्ट दिख रहा है।

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