रशिया की पनडुब्बी से चार आन्तरमहाद्विपीय परमाणु अस्त्रों का परीक्षण

रशिया की पनडुब्बी से चार आन्तरमहाद्विपीय परमाणु अस्त्रों का परीक्षण

मॉस्को – रशिया ने अपनी प्रगत ‘बोरेय क्लास’ परमाणु पनडुब्बी से चार आन्तरमहाद्विपीय परमाणु अस्त्रों का परीक्षण किया होने का ऐलान किया। रशिया के रक्षा विभाग ने यह जानकारी दी होकर, परीक्षण के व्हिडिओ एवं फोटोग्राफ्स जारी किये गए हैं। तीन दिन पहले ही रशिया ने राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के नेतृत्व में ‘न्यूक्लिअर ट्रायड’ का परीक्षण किया होने की घोषणा की थी। उसके बाद, एक ही समय चार आन्तरमहाद्विपीय परमाणु अस्त्रों का परीक्षण करके रशिया ने, अमरीका एवं नाटो के खिलाफ़ आक्रामक नीति क़ायम रहेगी, ऐसे संकेत दिये हैं।

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शनिवार को रशिया के रक्षा विभाग ने, पैसिफिक महासागर का भाग होनेवाले ‘सी ऑफ ओखोत्स्क’ में ‘व्लादिमिर मोनोमॅख’ इस परमाणु पनडुब्बी से आन्तरमहाद्विपीय परमाणु अस्त्रों का परीक्षण किया होने का विडिओ एवं फोटोग्राफ्स जारी किये। एक ही पनडुब्बी से लगातार चार परमाणु अस्त्रों का परीक्षण पहली ही बार किया गया, ऐसा बताया जाता है। परीक्षण के लिए प्रगत ‘आरएसएम-५६ बुलावा’ परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल किया गया।

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रशिया के ‘पॅसिफिक फ्लीट’ ने किये इस परीक्षण में बुलावा क्षेपणास्त्रों ने पूरे पाँच हज़ार किलोमीटर्स की दूरी पर होनेवाले वायव्य रशियास्थित लक्ष्य को छेदा होने की जानकारी दी गयी है। यह भाग युरोपिय देश फिनलंड से क़रीब है, ऐसा बताया जाता है। बुलावा परमाणु अस्त्रों की पहुँच ८ से १० हज़ार किलोमीटर होकर, ‘व्लादिमिर मोनोमॅख’ इस पनडुब्बी में १६ बुलावा परमाणु अस्त्र तैनात किये गए हैं। एक के बाद एक ऐसे चार परमाणु अस्त्र प्रक्षेपित होकर उनके द्वारा नियोजित लक्ष्य छेदा जाना, यह बात परमाणुयुद्ध के कारण हो सकनेवाले संभाव्य सर्वनाश के झलक दिखानेवाली साबित होती है, ऐसा दावा रशियन न्यूज़ चैनल ने किया है।

पिछले साल अमरीका, रशिया के साथ के ‘आयएनएफ’ इस क्षेपणास्त्र समझौते से बाहर निकली थी। उसके बाद अगले दो महीनों में, रशिया और अमरीका के बीच हुए ‘न्यू स्टार्ट ट्रिटी’ की कालावधि ख़त्म हो रही है। प्रगत क्षेपणास्त्र और परमाणु अस्त्रों की संख्या पर नियंत्रण रखनेवाले इन समझौतों का रशिया द्वारा लगातार उल्लंघन किया जाने के आरोप अमरीका द्वारा किये गए हैं। लेकिन रशिया ने ये आरोप ठुकराये होकर, उल्टे अपनी क्षमता में बढ़ोतरी करनी है इसलिए इन समझौतों को खारिज करने की कोशिश अमरीका कर रही है, ऐसा दावा रशिया द्वारा किया जा रहा है।

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‘आयएनएफ’ का अन्त और ‘न्यू स्टार्ट ट्रिटी’ पर मँड़रा रहा साया, इस पृष्ठभूमि पर रशिया द्वारा लगातार प्रगत परमाणु अस्त्र तथा क्षेपणास्त्रों के आधुनिक संस्करणों के परीक्षण शुरू हुए हैं। इस वर्ष के आरंभ में ही रशिया ने, बहुत ही प्रगत ऐसे हायपरसोनिक क्षेपणास्त्रों के परीक्षण किये थे। उसके बाद जून महीने में रशिया ने नयी ‘न्यूक्लिअर डिटरंट पॉलिसी’ घोषित करके, परमाणु अस्त्रों के अलावा अन्य किसी भी पारंपरिक तरीके से किये हमले को परमाणुअस्त्रों से प्रत्युत्तर दिया जायेगा, ऐसी चेतावनी दी थी।

पिछले ही महीने रशिया ने ‘अँटी सॅटेलाईट वेपन’ समेत प्रगत हायपरसोनिक क्षेपणास्त्रों का परीक्षण किया होने की जानकारी दी थी। उसके बाद, कुछ ही दिन पहले रशिया ने ‘न्यूक्लिअर ट्रायड’ का परीक्षण करके, अपनी परमाणु क्षमता साबित कर दिखायी है।

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