कजाकिस्तान में आपातकाल का ऐलान

- प्रदर्शनकारियों ने की १२ सैनिकों की हत्या

– राष्ट्राध्यक्ष के निवास स्थान को किया आग के हवाले
– रशिया के नेतृत्व में ‘सीएसटीओ’ का सैन्य दल रवाना

नूर सुल्तान – ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी के खिलाफ कजाकिस्तान में शुरू हुए प्रदर्शनों ने हिंसक मोड़ लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राजधानी नूर सुल्तान में राष्ट्राध्यक्ष कैसिम-जोमार्ट तोकायेव का निवास स्थान आग के हवाले किया। इसी बीच हिंसक भीड़ ने राजधानी नूर सुल्तान में १२ सैनिकों की क्रूरता से हत्या कर दी। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतें एवं हवाई अड्डे पर कब्ज़ा करने की कोशिश शुरू की। राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने इसे आतंकी हमला करार देकर देश में आपातकाल का ऐलान किया। साथ ही तोकायेव ने रशिया के नेतृत्ववाली ‘सीएसटीओ’ से सैन्य सहायता का आवाहन किया है और जल्द ही शांति सैनिकों का दल नूर सुल्तान में दाखिल हो रहा है।

आपातकाल

कोरोना की पृष्ठभूमि पर पिछले वर्ष आर्थिक संकट का सामना करनेवाले कजाकिस्तान सरकार ने नए साल के शुरू में ही नैसर्गिक ईंधन वायु की सहुलियत हटाई थी। कजाकिस्तान में नैसर्गिक वायु का बड़ी पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से कजाकिस्तान सरकार ने अब तक नैसर्गिक वायु के इस्तेमाल के लिए सहुलियत दी थी। लेकिन, कोरोना की वजह से देश की तिज़ोरी पर इसका भार पड़ने से राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव की सरकार ने यह सहुलियत हटाई।

इसके खिलाफ पिछले तीन दिनों से राजधानी नूर सुल्तान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे। लगभग १ हज़ार लोगों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में अब हज़ारों लोग शामिल हुए हैं और प्रदर्शनकारियों ने हिंसा शुरू की है। प्रदर्शनकारियों की माँगें स्वीकारके राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने अपना मंत्रिमंड़ल भी विसर्जित किया। साथ ही ईंधन की कीमत भी पहले से कम करने का ऐलान किया। इसके बावजूद राजधानी नूर सुल्तान समेत देश के अन्य शहरों में प्रदर्शन नहीं रुके हैं। बल्कि, इनकी तीव्रता बढ़ रही है।

आपातकाल

पिछले २४ घंटों के दौरान प्रदर्शनकारी अधिक हिंसक हुए हैं और राष्ट्राध्यक्ष का निवास स्थान एवं स्थानीय प्रशासकीय अधिकारियों के घरों को प्रदर्शनकारियों ने आग लगाई। कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सेना पर हमले किए और कई स्थानों पर सेना की गाड़ियों को आग लगाने के वीडियो सामने आए हैं। इस दौरान १२ सैनिकों की हत्या हुई। इनमें से तीन का गला काटा गया, यह जानकारी स्थानीय माध्यमों ने प्रदान की। इस हिंसा में १ हज़ार लोग घायल हुए हैं। ‘आंकियों के गिरोहों ने हमारे सैनिकों पर हमले किए हैं’, यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने लगाया है। इन आतंकियों को विदेशी हस्तकों ने प्रशिक्षित किया है, यह आरोप भी तोकायेव ने लगाया। इसके साथ ही कजाकिस्तान की स्थिति पर काबू पाने के लिए राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने रशिया से सहायता का आवाहन किया है।

रशिया के नेतृत्व में संगठित पूर्व सोवियत देशों की ‘कलेक्टिव सिक्युरिटी ट्रीटि ऑर्गनाइजेशन’ (सीएसटीओ) अपना सैन्य दल रवाना करे, यह माँग राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने की है। ‘सीएसटीओ’ ने राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव के आवाहन पर शीघ्रता से रिस्पान्स दिया है और रशिया, बेलारूस, आर्मेनिया, किरगिज़िस्तान तथा ताजिकिस्तान की सेनाएं शांति सैनिक के रूप में जल्द ही कजाकिस्तान के लिए रवाना होंगी, यह जानकारी आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाश्‍नियान ने साझा की।

आज कजाकिस्तान में अराजकता निर्माण करने की जो कोशिश हो रही है, वैसी ही या इससे अधिक भयंकर स्थिति यूरोपिय देशों में निर्माण हो सकती है, ऐसा इशारा यूरोपिय विश्‍लेषक एवं माध्यम दे रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से यूरोपिय देश र्इंधन की किल्लत का सामना कर रहे हैं। ठंड़ के मौसम में नैसर्गिक वायु की किल्लत और कीमतें बढ़ने की समस्या यूरोपिय देशों को भी सता रही है। कुछ दिन पहले पोलैण्ड, हंगेरी, चेक रिपब्लिक और जर्मनी में भी इसी को लेकर प्रदर्शन हुए थे, इस ओर यूरोपिय विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। समय पर ईंधन की समस्या का हल नहीं निकाला गया तो यूरोपिय देशों में कजाकिस्तान से अधिक भीषण अराजकता फैलेगी, यह इशारा यूरोपिय विश्‍लेषक दे रहे हैं।

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