डॉलर-यूरो-पौंड मुद्राओं ने विश्वस्नीयता खोई है

- रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

पौंड

मास्को – ‘पश्चिमी देशों ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक व्यवस्था की नींव कमज़ोर की है। अमरिकी डॉलर एवं युरो और पौंड स्टर्लिंग जैसी मुद्राओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के कारोबार के साथ ही निवेष एवं आरक्षित मुद्रा के तौर पर विश्वासार्हता खोई है। पश्चिमी देशों की नीति के कारण ही रशिया और अन्य कई देश अन्य मुद्राओं का इस्तेमाल करने की ओर रुख कर रहे हैं’, ऐसा दावा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन यह दावा कर रहे थे तभी, आनेवाले समय में रशियन अर्थव्यवस्था में ‘डी-डॉलराइजेशन’ की प्रक्रिया अधिक गतिमान होगी, ऐसा बयान रशिया के उप-वाणिज्यमंत्री इलिया तोरोसोव ने किया है।

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रशिया के व्लाडिवोस्तोक शहर में ‘ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम’ का आयोजन किया गया है। इस परिषद में बोलते समय राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशिया-यूक्रेन युद्ध के अलावा कई मुद्दों पर अपनी भूमिका रखी। ‘धीरे-धीरे हम विश्व के अविश्वस्नीय और खतरनाक मुद्राओं से दूरी बढ़ा रहे हैं। रशिया ही नहीं, बल्कि अमरीका के सहयोगी देश भी बचत और आदान-प्रदान के कारोबार में डॉलर का इस्तेमाल कम रहे हैं। इसके आँकड़े भी सामने आए हैं’, ऐसा पुतिन ने कहा। साथ ही उन्होंने चीन की मुद्रा युआन का समर्थन भी किया।

डॉलर का इस्तेमाल कम कर रहें देश अपना रुख चीन के युआन की ओर कर रहे हैं, यह दावा पुतिन ने किया। रशिया की प्रमुख ईंधन कंपनी ‘गाज़प्रोम’ ने भी चीन के साथ युआन-रुबल कारोबार करने के लिए हाल ही में समझौता किया था। इस पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। गाज़प्रोम कंपनी के प्रमुख एलेक्सी मिलर ने इस समझौते की खबर की पुष्टि की है। इसके अनुसार रशिया और चीन के ईंधन कारोबार में आगे से ५० प्रतिशत रुबल और ५० प्रतिशत युआन का इस्तेमाल होगा।

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इसी बीच पुतिन ने रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रशिया को नुकसान नहीं बल्कि लाभ ही हुआ है, यह दावा किया। ‘यूक्रेन युद्ध की वजह से रशिया का नुकसान नहीं हुआ और आगे भी नहीं होगा। बल्कि, रशिया की संप्रभुता की प्रक्रिया अधिक तेज़ और मज़बूत हुई है। इससे रशिया अंदर से अधिक मज़बूत होगी। रशिया के लिए अनावश्यक और हानिकारक एवं अड़चन निर्माण करनेवाले सभी मुद्दो से इन्कार किया जाएगा’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कहा। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन युद्ध की वजह से रशिया एवं वैश्विक स्तर पर भी ध्रूवीकरण होने की बात मानी।

पश्चिमी देशों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों की नीति पर भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने आलोचना की। पश्चिमी देशों का समुन्नत वर्ग अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए विरोध कर रहे देशों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। इन देशों की जनता भी परेशान है, इस पर पुतिन ने ध्यान आकर्षित किया। इसी के साथ प्रतिबंध लगाकर रशिया को अलग-थलग करना मुमकिन नहीं होगा, यह चेतावनी भी उन्होंने दी। रशिया एशिया एवं खाड़ी देशों के साथ सहयोग बढ़ाएगी, यह संकेत भी पुतिन ने इस दौरान दिए।

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