रशिया ने यूक्रेन पर परमाणु हमला किया तो अमरीका-नाटो रशियन सेना तबाह करेंगे

- ‘सीआईए’ के पूर्व प्रमुख डेविड पेट्रॉस

वॉशिंग्टन – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर परमाणु हमला किया तो अमरीका और नाटो मिलकर रशियन सेना को तबाह करेंगे, ऐसा ‘सीआईए’ के पूर्व प्रमुख डेविड पेट्रॉस ने धमकाया है। यूक्रेन अब भी नाटो का सदस्य देश नहीं बना है, फिर भी रशिया द्वारा यूक्रेन पर परमाणु हमलों के परिणाम नाटो के सदस्य देशों को भुगतने पडेंगे। इस वजह से रशिया के परमाणु हमले के खिलाफ अमरीका और नाटो रशिया के खिलाफ निश्चितरूप से कार्रवाई कर सकते हैं, ऐसा इशारा पेट्रॉस ने दिया है। यूक्रेन युद्ध का पलड़ा घूम गया है और इसके कारण बेचैन हुई रशिया के राष्ट्राध्यक्ष चरम स्तर का निर्णय कर सकते हैं, ऐसी चेतावनी भी डेविड पेट्रॉस ने दी है।

यूक्रेन पर परमाणु हमला

यूक्रेन के चार प्रांत तोड़कर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यह प्रांत अब रशियन संघराज्य का हिस्सा होने का ऐलान किया। रशियन संसद ने भी इस निर्णय को मंजुरी दी है। तथा यूक्रेन की सेना ने रशिया के खिलाफ बहुत जोर लगाया है और रशियन सेना यूक्रेन के कुछ हिस्सों से वापसी कर रही है। यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेनस्की ने रशियन हमले के खिलाफ अपने देश को अधिक बेहतर तैयार किया। सैन्य भरती शुरू करके थोड़े से समय में सैन्य प्रशिक्षण देने के साथ सेना की गतिविधियों में भी यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया को पीछे छोड़ा, ऐसा दावा ‘सीआईए’ के पूर्व प्रमुख डेविड पेट्रॉस ने किया। इस वजह से रशिया को यूक्रेन में पीछे हटना पड़ रहा है, ऐसे दावे पेट्रॉस ने एक अमरिकी समाचार चैनल पर किए।

इस वजह से रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन बेचैन हैं और वे सीधे परमाणु युद्ध की धमकियाँ दे रहे हैं। उनकी इन धमकियों को काफी गंभीरता से देखने की जरुरत है। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने यूक्रेन पर परमाणु हमला किया तो इस पर प्रत्युत्तर दिए बिना अमरीका शांत नहीं रहेगी। अमरीका और नाटो मिलकर रशियन सेना को तबाह करेंगे, ऐसी चेतावनी पेट्रॉस ने दी। यूक्रेन नाटो का सदस्य देश नहीं है, फिर भी यूक्रेन पर परमाणु हमला हुआ तो इसके दुष्प्रभाव नाटो सदस्य यूरोपिय देशों पर भी पडेंगे। ऐसी स्थिति में अमरीका और नाटो को रशिया को प्रत्युत्तर देने का पूरा अधिकार होगा, ऐसा कहकर डेविड पेट्रॉस ने रशिया को परिणामों का अहसास कराया दिख रहा है।

इससे पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशिया के क्षेत्र पर हुए हमले को परमाणु हमले से प्रत्युत्तर दिया जा सकता है, ऐसी चेतावनी दी थी। खास तौर पर यूक्रेन से तोड़े हुए चार प्रांत अब रशियन संघराज्य का हिस्सा बने हैं और इन पर किए जानेवाले हमलों को रशिया पर हमला माना जाएगा। अपने क्षेत्र की सुरक्षा के लिए रशिया परमाणु हमला भी कर सकती है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने घोषित किया था। इसके बाद अमरीका ने रशिया तक गोपनीय संदेश भेजकर परमाणु हमले के खिलाफ इशारे दिए, ऐसे दावे कुछ अमरिकी अखबारों ने किए थे। लेकिन, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई थी। अब ‘सीआईए’ के पूर्व प्रमुख डेविड पेट्रॉस के ज़रिये रशिया को परमाणु हमले के खिलाफ खुलेआम धमकाया जा रहा है। इसके पीछे यूक्रेन का उत्साह बढ़ाकर यूरोपिय देशों को आश्वस्त करने की अमरीका की योजना होने की बात दिख रही है।

फिलहाल नाटो में यूक्रेन के समावेश को लेकर अमरीका की अंदरुनि सियासत में एवं नाटो के सदस्य देशों के बीच भी तीव्र मतभेद हैं। यूरोपिय देश यूक्रेन को जरुरत के अनुसार सहायता नहीं दे रहे हैं, यह आरोप लगाकर अमरीका ने इसके लिए यूरोपिय देशों पर दबाव बढ़ाया है। इसी बीच, रशिया की परमाणु युद्ध की धमकियाँ यूरोपिय देशों की धड़कनें बढ़ा रही हैं। जर्मनी जैसे नाटो के सदस्य देश का इसके खिलाफ बयान सामने आया है। यूक्रेन युद्ध का दायरा बढ़कर यह युद्ध अन्य देशों में नहीं फैलना चाहिये, ऐसा जर्मनी के रक्षामंत्री ने कहा है। ऐसी स्थिति में रशिया के परमाणु हमले की धमकी के खिलाफ अमरीका अधिक आक्रामक भूमिका अपनाती दिख रही है। यह बात यूरोपिय देशों की चिंता अधिक बढ़ाने का कारण बनी है।

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