अस्ताना – रशिया इसके आगे युक्रेन पर मिसाइल और भीषण हवाई हमलें नहीं करेगा, ऐसा ऐलान रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया है। लेकिन, युक्रेनयुद्ध में रशिया का नाटो से टकराव हुआ, तो फिर वह ‘वैश्विक आपदा’ साबित होगी, ऐसी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दी है। गुरुवार को ‘जी ७’ देशों ने रशिया की परमाणु धमकी पर, इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं, ऐसी चेतावनी दी थी। इसके बाद रशिया के राष्ट्राध्यक्ष का यह बयान सामने आया है।
अमरीका, कनाड़ा, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, इटली और जापान इन जी-७ देशों की बैठक में युक्रेन युद्ध पर चर्चा हुई। रशिया ने युक्रेन से तोड़े हुए चार प्रांत अब रशियन संघराज्य का हिस्सा बने हैं, ऐसा कहकर रशिया ने, इनकी सुरक्षा के लिए परमाणु हमला करने से हिचकिचाएगा नहीं, यह चेतावनी दी थी। इसपर ‘जी-७’ की इस बैठक में तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी। रशिया ने युक्रेन युद्ध में परमाणु हमला किया तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं, इसका अहसास ‘जी ७’ ने रशिया को कराया है। इसी बीच, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने, रशियन राष्ट्राध्यक्ष की परमाणु हमला करने की धमकी को अनदेखा नहीं कर सकते, ऐसा इशारा दिया है।
लेकिन, परमाणु हमला करने के बाद, ‘न्युक्लिअर आर्मागेडॉन’ यानी ‘परमाणु विनाश’ से बचने का मार्ग रशिया के सामने नहीं बचेगा, ऐसी चेतावनी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दी है। उनके इस बयान को पश्चिमी माध्यमों ने काफी अहमियत दी है। इस पृष्ठभूमि पर, कज़ाकस्तान के अस्ताना में हुई परिषद के दौरान आयोजित वार्तापरिषद में बोलते हुए रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने युक्रेन युद्ध पर अपनी भूमिका फिर से स्पष्ट की। रशिया को क्रिमिया से जोड़नेवाले पुल पर युक्रेन ने विस्फोट करवाया, यह आरोप लगाकर रशिया ने युक्रेन के शहरों पर सौ से भी अधिक मिसाइलों की बौछार की थी। लेकिन, आनेवाले समय में रशिया इस तरह से युक्रेन पर हमलें नहीं करेगा, ऐसा ऐलान राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया।
युक्रेन को नष्ट करना हमारा ध्येय नहीं है। इसी कारण, आनेवाले समय में युक्रेन पर मिसाइलों की बौछार एवं हवाई हमलें नहीं किए जाएँगे, फिलहाल रशिया का हमले का विचार नहीं हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने घोषित किया। साथ ही, युक्रेन पर कार्रवाई करने पर हमें जरा भी पछतावा नहीं हैं, यह कहकर पुतिन ने अपने इस निर्णय का समर्थन किया। भारत और चीन ये देश रशिया के सहयोगी हैं और उन्होंने युक्रेन युद्ध रोकने की प्रामाणिकता से कोशिश की थी। लेकिन, युक्रेन की सरकार ने, बातचीत ही नहीं करेंगे, यह निर्णय घोषित किया है, इसपर ध्यान आकर्षित करके, बातचीत की संभावना युक्रेन ने ही खारिज की है, इसका एहसास रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने कराया।
जर्मनी जैसे देश ने युक्रेन युद्ध में नाटो के पक्ष में खड़े रहकर, जर्मन जनता के हित से ज़्यादा नाटो को अहमियत दी, ऐसी आलोचना रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने की। इस निर्णय की कीमत जर्मन उद्योग क्षेत्र और जनता को चुकानी पड़ रही है, ऐसी फटकार पुतिन ने लगायी। कुछ दिन पहले ही रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने यह ऐलान किया था कि हम युरोपीय देशों को ईंधन मुहैया कराने के लिए तैयार है। लेकिन इस ईंधन आपूर्ति का स्वीकार करना है या नहीं, इसका निर्णय युरोपीय देशों को ही करना है, यह भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कहा था। ठंड़ का मौसम करीब होने के कारण, रशियन ईंधन वायु की कमी युरोपीय देशों को सताएगी और इस दौरान रशिया युरोप के विरोध में ईंधन का इस्तेमाल हथियार की तरह करेगा, ऐसें इशारें दिए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, रशिया युरोपीय देशों को ईंधन प्रदान करने के लिए तैयार होने का ऐलान करके राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने, अपने देश पर लगाए जा रहें आरोपों पर मुँहतोड़ जवाब दिया है। लेकिन, ईंधन की माँग काफी बड़ी होने के बावजूद, युक्रेन युद्ध की वजह से युरोपीय देशों को रशिया से प्राप्त हुआ यह प्रस्ताव स्वीकारना कठिन होता दिख रहा है।
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