यूक्रेन की राजधानी किव और खार्किव प्रांत पर रशिया के मिसाइल हमले

मास्को/किव – यूक्रेन की राजधानी किव और खार्किव प्रांत में रशिया ने शनिवार को जोरदार मिसाइल हमले किए। इस दौरान दोनों शहरों की बुनियादी सुविधाएं और ऊर्जा प्रकल्पों को लक्ष्य किया गया। इसका असर दिखाई देने लगा है और यूक्रेन की आपाद यंत्रणा इस हमले से हुए नुकसान के कारण उभरी स्थिति को संभालने की कोशिश में जुटी होने की जानकारी सामने आ रही है। रशिया के हमलों की तीव्रता बढ़ रही है और ऐसे में संयुक्त राष्ट्रसंघ में रशिया की राजदूत विसली नेबेंज़िया ने यूक्रेन युद्ध पर सख्त चेतावनी दी। रशिया का उद्देश्य पूरा हुए बिना यूक्रेन युद्ध बंद नहीं होगा, ऐसा स्पष्ट इशारा रशियन राजदूत ने दिया।

किव और खार्किव

किव और खार्किव पर रशिया के इन मिसाइल हमलों की पूरी जानकारी अभी सामने नहीं आयी है, फिर भी खार्किव प्रांत के गवर्नर ने यहां पर रशिया के ‘एस-३००’ मिसाइलों के हमले होने का दावा किया है। इन मिसाइलों ने ऊर्जा प्रकल्प और उद्योग क्षेत्र को लक्ष्य किया, ऐसा उन्होंने कहा। इसी बीच राजधानी किव में बिना आबादी के क्षेत्र में रशियन मिसाइलें गिरीं। इससे लोगों के हताहत होने की घटना नहीं हुई, फिर भी बिजली सप्लाइ से जुड़े ठिकाने इससे प्रभावित होने का दावा किया जा रहा है। इसकी वजह से रशिया ने यूक्रेन की बुनियादी सुविधा प्रकल्प और ऊर्जा प्रकल्पों को लक्ष्य करने की तैयारी शुरू करने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। रशिया ने पहले भी यूक्रेन के उद्योग और ऊर्जा प्रकल्पों को लक्ष्य करने के लिए हमले किए थे।

इसी बीच, यूक्रेन पर रशिया के हमले आगे भी जारी रहेंगे, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त रशिया की राजदूत व्हिसली नेबेंज़िया ने दी है। यूक्रेन में मौजूद रशियन भाषिकों पर अन्याय हो रहा है। साल २०१४ में विद्रोह करके यूक्रेन की सत्ता हथियाने वाली सरकार ने रशियन भाषिकों पर अत्याचार करना शुरू किया था। जब तक रशियन भाषिकों को बचाने का उद्देश्य प्राप्त नहीं होता, तब तक रशिया शांत नहीं बैठ सकती। यह उद्देश्य राजनीतिक बातचीत के ज़रिये या युद्ध जैसे दोनों तरीकों से पूरा हो सकता है। राजनीतिक बाचीत सफल हुई तो यूक्रेन का युद्ध बंद होगा। लेकिन, ऐसा होने की संभावना नहीं है, इस लिए रशिया के यूक्रेन पर हमले आगे भी जारी रहेंगे, ऐसा राजदूत नेबेंज़िया ने कहा। यूक्रेन की सरकार नाज़ी जर्मनी का आदर्श सामने रखकर रशियन भाषिकों पर अन्याय कर रही है, यह आरोप भी रशियन राजदूत ने लगाया।

किव और खार्किव

यूक्रेनी जनता से रशिया का बैर नहीं हो सकता। लेकिन, साल २०१४ में विद्रोह करके यूक्रेन की सत्ता हथियाने वाले पश्चिमी देशों के हस्तकों के खिलाफ रशिया की जंग जारी रहेगी, ऐसा राजदूत नेबेंज़िया ने स्पष्ट किया। इसके अलावा मिन्स्क समझौते रशिया के खिलाफ यूक्रेन को हथियारों से लैस करने के लिए ही किया गया था, यह अब स्पष्ट हुआ है। यह कहकर नेबेंज़िया ने अमरीका और यूरोपिय देशों की कड़ी आलोचना की। साल २०१५ में रशिया और यूक्रेन का युद्धविराम कराने के लिए मिन्स्कि समझौता किया गया था। यह समझौता रशिया के खिलाफ यूक्रेन को हथियारों से लैस करने के लिए अवधि दी जाए, इसी मंशा से किया गया था, इसकी कबुली जर्मनी की पूर्व चान्सलर एन्जेला मर्केल ने दी थी। फ्रान्स के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष फ्रन्स्वा हॉलान्दे ने भी मर्केल के इस दावे का समर्थन किया था।

इसके बाद यूक्रेन का युद्ध अमरीका और नाटो ने ही करवाया है, ऐसी तीखी आलोचना रशिया ने की थी। साथ ही रशिया के खिलाफ यूक्रेन का इस्तेमाल प्यादे की तरह किया जा रहा है, यह बात मर्केल और हॉलान्दे की कबुली से स्पष्ट हुई है, यह आरोप भी रशिया ने लगाया था।

यूक्रेन में रशिया सिर्फ यूक्रेनी सेना से नहीं, बल्कि अमरीका और नाटो से लड़ रही है, ऐसे दावे रशियन नेता और राजनीतिक अधिकारी कर रहे हैं। साथ ही अमरीका ने यूक्रेन के लिए घोषित की हुई सैन्य सहायता पर ध्यान आकर्षित करके रशिया ने इसके खिलाफ अधिक आक्रामक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। यूक्रेन की राजधानी किव एवं खार्किव प्रांत पर मिसाइल हमले करके रशिया अपनी अधिक आक्रामक रणनीति का अहसास यूक्रेन को करा रही है। साथ ही अमरीका और नाटो के सदस्य देशों से यूक्रेन को दिए जा रहे हथियारों के भंड़ार को लक्ष्य करने की तैयारी भी रशिया ने करने के संकेत मिल रहे हैं।

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