फिनलैण्ड के नाटो समावेश पर रशिया ने गंभीर परिणामों की चेतावनी दी

ब्रुसेल्स/मास्को – दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सैन्यकी गुटनिरपेक्षवाद की नीति अपनाने वाला फिनलैण्ड मंगलवार को नाटो का ३१ वां सदस्य देश बना। ब्रुसेल्स में फिनलैण्ड के विदेश मंत्री ने सदस्यता के अधिकृत दस्तावेज़ अमरीका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन को सौंप दिए। इस दौरान नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग भी मौजूद थे। फिनलैण्ड के समावेश की पृष्ठभूमि पर गंभीर परिणामों की चेतावनी दी गई है और उत्तर एवं पश्चिम सीमा पर सैन्य क्षमता अधिक बढ़ाने के संकेत दिए हैं।

गंभीर परिणामों की चेतावनी

‘पिछले ७५ सालों से नाटो ने अपने सदस्य देशों की कवच बनकर रक्षा की है। यूरोप को फिर से युद्ध ने घेरा है और इसी दौर में फिनलैण्ड ने नाटो की सदस्यता स्वीकारकर विश्व के सबसे सफल गठबंधन का हिस्सा बनने का निर्णय लिया’, इन शब्दों में नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने फिनलैण्ड के निर्णय का स्वागत किया। फिनलैण्ड के राष्ट्राध्यक्ष सोली निनित्सो ने सैन्य गुटनिरपेक्षता का दौर खत्म हुआ हैं, इन शब्दों में नाटो प्रवेश का समर्थन किया। साथ ही यह सदस्यता किसी भी देश के खिलाफ न होने का खुलासा भी किया।

गंभीर परिणामों की चेतावनी

पिछले वर्ष शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और नाटो ने यूरोप की सैन्य क्षमता बढ़ाने की गतिविधियां गतिमान की थीं। इसके तहत यूरोप के फिनलैण्ड और स्वीडन इन देशों पर नाटो का हिस्सा होने के लिए दबाव बनाया गया। रशियन हमले की वजह बताकर दोनों देशों की हुकूमतों ने नाटो समावेश को मंजूरी प्रदान की। इनमें से फिनलैण्ड मंगलवार को अधिकृत स्तर पर नाटो का सदस्य बना। लेकिन, स्वीडन की सदस्यता के लिए देरी होने के संकेत प्राप्त हुए हैं।

गंभीर परिणामों की चेतावनी

फिनलैण्ड और स्वीडन ने नाटो प्रवेश के लिए मंजूर करने के बाद रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने कड़ी चेतावनी जारी की थी। रशियन हुकूमत के अन्य नेताओं ने भी यही इशारा दिया था कि, यह दोनों देश रशियन मिसाइलों का लक्ष्य बनेंगे। इसके बावजूद दोनों देशों का नाटो प्रवेश तय होने से रशिया की तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी है।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष सर्जेई शोईगू ने रशियन सेना आगे के समय में जरुरी कदम उठाकर नाटो के विस्तार पर प्रत्युत्तर देगी, ऐसा कहा हैं। रशिया की उत्तर और पश्चिमी सीमाओं पर सैन्य तैनाती बढ़ने के संकेत भी उन्होंने दिए। रशिया के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने भी रशिया फिनलैण्ड के नाटो प्रवेश के खिलाफ आक्रामक कदम उठाएगी, ऐसी चेतावनी दी। फिनलैण्ड का नाटो प्रवेश रशियन हित और सुरक्षा के लिए खतरा होने के मुद्दे पर भी पेस्कोव ने ध्यान आकर्षित किया।

नाटो ने रशिया की दिशा में और एक कदम उठाकर अपनी नीति स्पष्ट की है, ऐसी प्रतिक्रिया रशिया के विदेश विभाग ने दर्ज़ की। फिनलैण्ड का नाटो प्रवेश रशिया और फिनलैण्ड के राजनीतिक संबंधों को नुकसान पहुंचाने का कारण बनेगा, यह इशारा भी रशियन प्रवक्ता ने दिया।

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