तेहरान – सौदी अरब का सहयोग और बायडेन प्रशासन की सौम्य नीति के कारण आत्मविश्वास बढ़ने के अनुभव के कारण ईरान ने अब इस्रायल के शहर नष्ट करने की धमकी दी है। ‘इस्रायल ने ईरान के खिलाफ छोटीसी भी कार्रवाई की तो तेल अवीव और हैफा नामक इस्रायल के शहर नष्ट किए जाएंगे’, ऐसा इशारा ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने दिया है। कुछ ही घंटे पहले इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने ईरान एक आधुनिक समय का यहूदियों की ईर्षा करनेवाला ‘नाज़ी जर्मनी’ होने का गंभीर आरोप लगाया था।
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने यूरोप के तकरीबन ६० लाख यहूदियों को उत्पीड़न शिविरों में कैद करके उनकी क्रूरता से हत्या की थी। इतिहास के उन काले दिनों की याद में दुनियाभर में ‘हॉलोकॉस्ट रिमेंबरन्स डे’ मनाया जाता है। इस्रायल में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दूसरे विश्वयुद्ध की यह भीषण स्मृति ताज़ा की। ईरान आधुनिक समय का नाज़ी जर्मनी है, ऐसा आरोप प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने लगाया। नाज़ी जर्मनी की तरह ईरान से भी यहूदियों को खतरा होने की चेतावनी नेत्यान्याहू ने दी।
ईरान ने इससे पहले इस्रायल के विनाश और इस्रायल को विश्व के नक्शे से मिटाने की धमकियां भी दीं थीं। पिछले कुछ महीनों में तुर्की, ग्रीस और यूरोपिय देशों में इस्रायल और यहूदियों पर हमले करने की साज़िशों को नाकाम किया गया है। इसके पीछे ईरान के होने का आरोप इस्रायल की मोसाद के साथ संबंधित देशों की यंत्रणाओं ने लगाए थे। अमरिकी नेता और गुप्तचर यंत्रणाओं ने भी यहूदियों को होने वाले खतरे को लेकर आगाह किया था। ऐसी स्थिति में ईरान से यहूदियों को होनेवाले खतरे का ज़िक्र करके इस्रायल के प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ महीनों की गतिविधियों पर ध्यान आकर्षित किया।
मंगलवार को ईरान की राजधानी तेहरान में आयोजित सैन्य दिवस के अवसर पर राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने इस्रायली प्रधानमंत्री के आरोपों का जवाब धमकी से दिया। इस्रायल या अन्य किसी भी शत्रु ने ईरान पर हमला करने की गलती की तो सीधे इस्रायली शहरों को लक्ष्य किया जाएगा, यह घोषणा राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने की। दो दिन पहले ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस् के प्रवक्ता ने इस्रायल का विनाश होने की धमकियां दी थीं। इससे पहले भी ईरानी नेताओं ने इस्रायल के तेल अवीव और हैफा शहरों को ही लक्ष्य करने की धमकी दी थी। इनमें से तेल अवीव इस्रायल की आर्थिक राजधानी मानी जाती है।
पिछले कुछ महीनों की गतिविधियां ईरान इस धमकाने के पीछे है, ऐसा दावा किया जा रहा है। वर्ष २०१६ के मतभेदों को दूर करके ईरान और सौदी अरब ने आपसी संबंध सुधारने की कोशिश शुरू की है। जल्द ही दोनों देशों में फिर से दूतावास शुरू किए जाएंगे। सौदी ने पहल करने के बाद यूएई, बहरीन ने भी ईरान से चर्चा शुरू करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इससे खाड़ी के दो गुट मिल रहे हैं और इस्रायल ने ईरान को अलग करने के लिए अरब देशों के साथ किए अब्राहम समझौते को झटका लगने का दावा ईरान कर रहा है।
ऐसे में अमरीका का बायडेन प्रशासन ईरान के साथ परमाणु समझौता करने पर कायम है। ईरान ने परमाणु बम प्राप्त करने पर भी बायडेन प्रशासन का विरोध न होने के संकेत अमरीका ने दिए हैं। साथ ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए सैन्य कार्रवाई करने का विकल्प भी बायडेन प्रशासन ने निकाल दिया है। इससे ईरान का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। ईरान के नेता और सैन्य अधिकारी एवं हिज़बुल्लाह जैसे ईरान समर्थक संगठन एवं गाज़ापट्टी के हमास संगठन इस्रायल विनाश की लगभग एक जैसी धमकियां दे रही हैं।
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