हा! रशिया अमरीका के खिलाफ युद्ध की तैयारी कर रहा है – संयुक्त राष्ट्र में रशिया के वरीष्ठ राजनीतिक अधिकारी की चेतावनी

हा! रशिया अमरीका के खिलाफ युद्ध की तैयारी कर रहा है – संयुक्त राष्ट्र में रशिया के वरीष्ठ राजनीतिक अधिकारी की चेतावनी

न्यूयॉर्क – ‘रशिया युद्ध की तैयारी कर रहा है’, ऐसा आरोप हालही में हुई बैठक में अमरीका ने किया था| अब मी ये ठोस कर कह रहा हुँ की, हा! रशिया युद्ध की तैयारी कर रहा है| अमरीका के हमले के खिलाफ रशियन जमीन और रशियन जनता की सुरक्षा करना संभव हो इसलिए रशिया युद्ध की तैयारी कर रहा है’, ऐसे थेट शब्दो में रशिया के वरीष्ठ अधिकारी ने अमरीका के खिलाफ संघर्ष के लिए रशिया तैयार होने की चेतावनी दी|

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने हालही में रशिया से एटमी समझौते से अमरीका पिछे हट रही है, ऐसी घोषणा की थी| अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने रशिया की यात्रा करते हुए ये बात रशियन राष्ट्रप्रमुख को सुचित की ये भी उजागर हुआ है| इस पृष्ठभूमी पर रशिया द्वारा आक्रामक चेतावनी दी जा रही है जिस में अमरीका को गंभीर नतीजे भूगतने होंगे, ऐसे धमकाया जा रहा है| साथही रशिया के वरीष्ठ अधिकारीयों द्वारा संयुक्त राष्ट्र जैसे व्यासपिठ पर खुलेआम युद्ध के लिए तैयार होने की चेतावनी सारी दुनिया का ध्यान बटौरने वाली साबित हो रही है|

‘रशिया द्वारा की जाने वाली सेना की तैनाती, भव्य युद्धाभ्यास ये घटनाएँ मतलब रशिया सर्वसंहारक युद्ध के लिए तैयारी कर रहा है, ऐसा चित्र पश्‍चिमी मिडिया द्वारा रेखित किया जा रहा है| वास्तव में ये चीजें सुरक्षा के लिए जरूरी है इसलिए की जा रही है| रशिया के रक्षा दल अपनी मातृभूमी, अपनी जनता, अपने मूल्यों की सुरक्षा के लिए तैयारी कर रहे है’, ऐसा रशियन विदेश मंत्रालय के अधिकारी आंद्रे बेलोसोव ने फटकारा|

अमरीका खुद की एटमी सज्जता बढ़ाकर रशिया समेत एटमी समझौते से क्यू पिछे हट रहा है, ये बडा प्रश्‍न है, ऐसे शब्दों में बेलोसोव ने अमरीका के फैसले पर आलोचना की| साथही उन्होंनें संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने ‘आयएनएफ’ समझौते पर रखे प्रस्ताव को किए विरोध पर भी नाराजगी जताई| साथही रशिया अमरीका से संघर्ष नहीं चाहता, ऐसा भी बेलोसोव ने कहा|

जहॉं रशियन अधिकारी खुलेआम युद्धसज्जता की चेतावनी दे रहे है, वहीं अमरीका ने भी युद्ध की जोरदार तैयारी शुरू की, ऐसा सामने आ रहा है| अमरीका का यूरोप में सबसे बडा बेस माने जानेवाले ‘रॅमस्टेन एअरबेस’ पर करीब १०० कंटेनर इतनी बडी मात्रा में हथियारों का जखीरा दाखिल हुआ है| वर्ष १९९९ के बाद किसी यूरोपीय देश में अमरीका ने इतनी बडी मात्रा में हथियार भेजने की ये पहली घटना है|

फिलहाल यूरोप में भव्य युद्धाभ्यास शुरू है, जिसके बाद अमरीका यूरोपीय देशों में सेना तैनाती बढ़ानेवाला है| ये हथियारों इसीका एक हिस्सा होंगे, ऐसा माना जा रहा है| साथही अमरीका ने प्रशांत महासागर के हवाई द्वीपों के करीब ‘एजिस’ इन अँटी बॅलिस्टिक मिसाईल सिस्टम का नया परीक्षण करने की घोषणा की है|

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