मास्को – ‘रशिया का अस्तित्व और सुरक्षा की गारंटी ही इन परमाणु अस्त्रों के निर्माण की प्रमुख वजह है। फिलहाल परमाणु अस्त्र इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं। लेकिन, रशिया के बेड़े में नाटो सदस्य देशों से भी ज्यादा परमाणु अस्त्र मौजूद हैं और इसका अहसास उन्हें भी हैं’, ऐसी चेतावनी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दी। रशिया के परमाणु अस्त्रों की संख्या अधिक होने से ही पश्चिमी देश यह संख्या कम करने की कोशिश में दिखाई देते है, ऐसा दा भी पुतिन ने किया। साथ ही पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को लगातार हो रही हथियारों की आपूर्ति का मुद्दा उठाकर इससे नाटा रशिया-यूक्रेन युद्ध में खिंची जाने की संभावना बढ़ी है, यह इशारा भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दिया।
कुछ दिन पहले रशिया के पड़ोसी देश बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झांडर लुकाशेन्को ने ऐसा धमकाया था कि, हमारा देश परमाणु हथियार का प्रयोग करने से पहले आगे पिछे नहीं देखेगा। इसके बाद पुतिन के करीबी सर्गेय कैरागैनोव ने यह दावा किया था कि, अपने परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल करके रशिया मानव जाती को खतरनाक वैश्विक आपदा से बचा सकती हैं। इस दावे के बाद राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशिया के परमाणु अस्त्र बेलारूस में दाखिल होने की जानकारी भी साझा की थी।
इस पृष्ठभूमि पर पुतिन ने रशिया और नाटो के बेड़े में मौजूद परमाणु अस्त्रों की तुलना करना ध्यान आकर्षित करता है। ‘सेंट पीटर्सबर्ग फोरम’ में यह बयान करने से पहले रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने यह इशारा दिया है कि, रशिया-यूक्रेन युद्ध में नाटो खिंचे जाने की संभावना बढ़ी है। नाटो सदस्य देश यूक्रेन को उन्नत और बड़े हथियारों की लगातार आपूर्ति कर रहे हैं। करीबी समय में लड़ाकू विमान देने के मुद्दे पर भी बातचीत शुरू है। हथियारों की इस आपूर्ति के कारण नाटो भी इस संघर्ष में खिंची जाने का गंभीर खतरा है, ऐसा पुतिन ने कहा। पुतिन ने इससे पहले भी पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को लगातार हथियार प्रदान करने से रशिया-यूक्रेन युद्ध की तीव्रता बढ़कर यह युद्ध परमाणु युद्ध में तब्दिल हो सकता हैं, यह गंभीर चेतावनी दी थी।
इसी बीच यूक्रेन के शुरू ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ की पृष्ठभूमि पर दोनों देशों को काफी बड़ा जीवित नुकसान होने का दावा ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणा ने किया है। दो हफ्ते पहले ४ जून से यूक्रेन की सेना ने बहुचर्चित ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ शुरू किया है, ऐसा समझा जा रहा है। इस अभियान में डोनेत्स्क और झैपोरिझिआ प्रांत को लक्ष्य किया गया। पिछले १४ दिनों में इन प्रांतों पर जारी हमलों की तीव्रता बढ़ाई गई हैं और इसके लिए पश्चिमी देशों ने प्रशिक्षित किए नए दलों को उतारा गया है। साथ ही पश्चिमी देशों से प्राप्त हथियार और रक्षा यंत्रणाओं के इस्तेमाल करने को प्राथमिकता दी गई है।
रशिया के रक्षा विभाग ने यूक्रेन के नए अभियान में मात्र १० दिनों में करीबन ७,५०० सैनिक खोए हैं, ऐसा कहा था। इसमें मारे गए एवं घायल हुए सैनिकों का समावेश होने की बात रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने स्पष्ट की थी। रशिया ने साझा की हुई इस जानकारी की ब्रिटीश यंत्रणा ने जारी किए निवेदन से पुष्टि होती दिख रही है।
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