वॉशिंग्टन – ‘कुछ ही दिनों में अमरिका के अस्पताल सैंकडो लोगों की मौत का तथा काफी लोगों को अज्ञात विषाणु की बाधा होने का ऐलान करेंगे। सॉंस द्वारा आसानी से शरीर में जानेवाले विषाणु विकसित किये गये है और उनका निर्माण भी शुरु हो गया है। शरीर में यह विषाणु जाने के बाद जल्द ही उसके लक्षण दिखनें शुरु होंगे। यह अमरिका ने दुनिया भर अमल किये हुए जुल्मी नीति के लिए चुनी गयी सजा है। अन्य उसे जैविक आतंकवाद ऐसे कहते है।’ ऐसे सीधे शब्दों में ‘आयएस’ इस आतंकवादी संगठन ने अमरिका के साथ पश्चिमी देशों पर जैविक आतंकवादी हमले करने की धमकी दी।
खाडी देशों में गतिविधियों का अभ्यास करनेवाले अमरिकी विचारमंच ने ‘आयएस’ द्वारा दी गयी धमकी की खबर प्रकाशित की है। कुछ दिन पहले ही ‘आयएस’ने ‘लोन वुल्फ बायोलॉजिकल अटॅक्स’ का आवाहन करनेवाला वीडिओ प्रसिद्ध किया था। उस में चुहा तथा विष्ठा के साथ ‘प्लेग’ का निर्माण करने की सलाह दी गयी थी। उसके बाद अब जैविक युद्ध के बारे में दुसरा वीडिओ प्रकाशित किया गया है।
वीडिओ में अमरिका के ‘सॅनफ्रान्सिको’ शहर की पृष्ठभूमी का इस्तेमाल किया गया है। इस शहर पर एक आदमी हरे रंग का धुआँ छोडते हुए दिखाया गया है। इस बीच, आप जिस हवा से सॉंस ले रहें हो, वही हवा अंदर लेने के लिए डर लगेगा, ऐसी स्थिती हम पैदा करेंगे। ऐसे शब्दों में धमकाया गया है। साथ ही अमरिकी यंत्रणाओं को मरे हुए लोगों के तुकडे एकसाथ लाने के लिए समय नही मिलेगा ऐसा भयावह हमला इस देश पर होगा, ऐसा ‘आयएस’ ने वीडिओ में धमकाया है।
अमरिका को धमकाने के बाद यूरोपीय देशों पर भी हमले की चेतावनी दी गयी है। उस में जैविक हथियार का उल्लेख ‘सायलेंट डिस्ट्रक्टिव्ह वेपन’ ऐसा किया गया है। दुनिया के सबसे खतरनाक जीवाणु तथा विषाणु लेकर उसे पानी में या हवा में छोड दो, ऐसी सूचना ‘आयएस’ द्वारा अपने समर्थकों को दी गयी है।
सन २०१६ में प्रकाशित हुए एक रिपोर्ट में ‘आयएस’ और अन्य आतंकवादी संगठन ‘जैविक हथियार’ पाने के लिए कोशिश कर रहे है, ऐसा दावा किया गया था। उसके बाद सन २०१७ में यूरोपीय संघ के आतंकवादविरोधी यंत्रणा के प्रमुख ने ‘आयएस’ और ‘अल कायदा’ जैसे आतंकवादी संगठन जैविक हमलों के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल कर सकते है, ऐसा डर जताया था।
‘मायक्रोसॉफ्ट’ नामक दुनिया के प्रसिद्ध कंपनी के प्रमुख बिल गेट्स ने पिछले साल ‘म्युनिक सिक्युरिटी कॉन्फरन्स’ के पृष्ठभूमी पर, आतंकवादी जैविक हथियारों का इस्तेमाल करके एक साल में करीब तीन करोड की आबादी को मौत के घाट उतार सकते है, ऐसे बताया था। आनेवाले समय में आतंकवादी संगणक की सहायता से उत्पत्तीसंबंधित अभियांत्रिकी का इस्तेमाल करते हुए देवी, फ्लू या उस से भी भीषण फैलनेवाले कृत्रिम विषाणू का निर्माण कर सकते है, ऐसी चेतावनी भी गेट्स ने दी थी।
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