‘ट्रॉपिकल ट्रम्प’ के तौर पर पहचाने जाने वाले ‘झैर बोल्सोनारो’ ब्राज़ील के नए राष्ट्राध्यक्ष

‘ट्रॉपिकल ट्रम्प’ के तौर पर पहचाने जाने वाले ‘झैर बोल्सोनारो’ ब्राज़ील के नए राष्ट्राध्यक्ष

रिओ दि जनिरो – पिछले १५ सालों से ब्राज़ील की सत्ता पर रहे वामपंथी विचारधारा के मोर्चे को झटका देकर ‘ट्रॉपिकल ट्रम्प’ के तौर पर पहचाने जाने वाले ‘झैर बोल्सोनारो’ ने राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव में जोरदार सफलता प्राप्त की है। कट्टर दक्षिण पंथी विचारधारा वाले बोल्सोनारो भूतपूर्व लष्करी अधिकारी हैं और उन्होंने वामपंथी मोर्चे के ‘फर्नान्डो हद्दाद’ से १० लाख से अधिक मत प्राप्त किए हैं। प्रचार के दौरान जानलेवा हमले का सामना करने वाले बोल्सोनारो की जीत लैटिन अमरिका भी दक्षिण पंथी विचारधारा की तरफ झुक रहा है, इसके संकेत देने वाली है।

‘ट्रॉपिकल ट्रम्प’, सफलता, झैर बोल्सोनारो, राष्ट्राध्यक्ष, प्रचार, world war 3, Brazil, अमरिकारविवार को २८ अक्टूबर को ब्राज़ील में राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव के लिए दूसरी और अंतिम फेरी के लिए मतदान हुआ। तब लगभग साढ़े दस करोड़ से अधिक नागरिकों ने अपना मतदाता हक निभाया। देश भर में ९० प्रतिशत से अधिक मतदान होने की वजह से लैटिन अमरिका के साथ साथ दुनिया भर के प्रमुख देशों का ध्यान इस चुनाव की तरफ था। परिणाम से पहले हुए सर्वेक्षण में बोल्सोनारो अग्रणी रहेंगे, ऐसे संकेत दिए गए थे।

परिणाम घोषित होते समय ही प्रतिस्पर्धी हद्दाद को उत्तर-पूर्व ब्राज़ील का प्रान्त छोड़कर अन्य किसी भी इलाके में आघाडी न मिलने की बात सामने आई। उत्तर-पूर्व इलाके को छोड़कर अन्य सभी इलाकों में बोल्सोनारो को मिली प्रतिक्रिया समर्थन चौकानेवाला साबित हुआ है। कुल मतदान में से ५५ प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त करके बोल्सोनारो ने राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव में बाजी मारी है।

ब्राज़ील के लष्कर में अधिकारी के तौर पर कार्यरत रहे बोल्सोनारो ने चुनावी अभियान के दौरान देश में प्रस्थापित व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाकर भ्रष्टाचार, अपराध और अतिरिक्त सरकारी हस्तक्षेप को लेकर अपने प्रचार में जोर दिया था। प्रस्थापितों के खिलाफ भूमिका और विविध मुद्दों पर कट्टर आक्रामक नीतियों के साथ किए हुए वक्तव्य करने से उनको ‘ट्रॉपिकल ट्रम्प’ की उपाधि दी गई है।

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बोल्सोनारो ने ब्राज़ील में १९६० से लेकर १९८० तक के लष्करी राजवट का समर्थन किया था। उसी समय अपराध खत्म करने के लिए देश के अधिकाधिक नागरिकों के हाथों में बंदूके देनी चाहिए, ऐसा वक्तव्य भी किया था। निजीकरण का समर्थन करने वाले बोल्सोनारो ने आने वाले समय में सरकारी उपक्रमों का निजीकरण करने की घोषणा भी की है। पिछले डेढ़ दशकों से वामपंथी विचारधारा को भरपूर समर्थन देने वाले ब्राज़ील ने परंपरागत व्यवस्था को विरोध के तौर पर बोल्सोनारो को जोरदार समर्थन देने का दावा विश्लेषकों ने किया है।

जीत के बाद बोल्सोनारो ने ईश्वर के प्रति आभार जताया है और मै ईश्वर के साक्षी से ब्राझिल को बदलने की शपथ लेने वाला हूँ ऐसा कहा है। बोल्सोनारो १ जनवरी को राष्ट्राध्यक्ष पद के सूत्र संभालने वाले हैं। अमरिका के साथ साथ सभी देशों ने उनका अभिनन्दन किया है।

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