‘मिशन शक्ति’ की सफलता से भारत ‘अंतरिक्ष महाशक्ति’ बना – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनकी घोषणा

‘मिशन शक्ति’ की सफलता से भारत ‘अंतरिक्ष महाशक्ति’ बना – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनकी घोषणा

नई दिल्ली – ‘भारत अंतरिक्ष महाशक्ति बना है’, यह ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने किया| अंतरिक्ष में ३०० किलोमीटर उंचाई पर सैटेलाईट नष्ट करके भारत ने अपने बेडे के लिए उपग्रहभेदी मिसाइल प्राप्त हुआ है, यह कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने यह देश के इतिहास में काफी अहम अवसर होने का ऐलान किया| ‘मिशन शक्ति’ नाम की बडी कठिनाई भरी मुहीम भारतीय वैज्ञानिकों ने केवल तीन मिनिटों में पूरी की| इस सफलता के साथ अंतरिक्ष में सैटेलाईट नष्ट करने की क्षमता रखने वाले अमरिका, रशिया एवं चीन के बाद भारत दुनिया का चौथा देश बना है| लेकिन, भारत की यह क्षमता सिर्फ रक्षा हेतू के लिए इस्तेमाल होगी, इसके जरिए हथियारों की स्पर्धा शुरू करना भारत का उद्देश्य नही है, यह संदेशा प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए कहा है|

वर्ष २००७ में चीन ने अपना ही उपग्रह नष्ट करके पुरी दुनिया को झटका दिया था| अंतरिक्ष में ८६५ किलोमीटर उंचाई पर उपग्रह नष्ट करके चीन ने हथियारों की स्पर्धा शुरू करने का आरोप हुआ था| इस वजह से भारतीय उपग्रहों की सुरक्षा भी खतरे में आने के दावे किए जा रहे थे| लेकिन, बुधवार के दिन प्रधानमंत्री मोदी इन्होंने भारत भी उपग्रह भेदी मिसाइल रखता है, यह ऐलान करके कहा की, कुछ ही मिनिटों पहले भारत ने इस मिसाइल का सफलता से परीक्षण किया है| यह पुरे भारत के लिए गर्व की बात है, यह प्रधानमंत्री मोदी ने कहा| यह उपग्रह विरोधी मिसाइल यानी ‘एण्टी सैटेलाइट मिसाइल – एसैट’ का निर्माण भारत में ही किया गया है और इसके लिए ‘डीआरडीओ’ के वैज्ञानिकों ने कडे परीश्रम किए है, इस जानकारी से प्रधानमंत्री ने अवगत कराया| जीवन के कई क्षेत्रों में उपग्रह का इस्तेमाल शुरू हुआ है| कृषि, शिक्षा, आपत्ति निवाण, हवामान एवं सुरक्षा ऐसी कई क्षेत्रों के लिए उपग्रहों का इस्तेमाल किया जा रहा है| इसीलिए उपग्रहों की सुरक्षा के लिए भारत ने प्राप्त की हुई यह क्षमता काफी अहम साबित होती है, यह दावा प्रधानमंत्री ने किया|

भारत ने ‘लोअर अर्थ ऑर्बिट’ का उपग्रह इस परीक्षण के दौरान नष्ट किया है और इससे अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन हुआ नही है| इससे हथियारों की स्पर्धा शुरू करने का भारत का उद्देश्य नही है, यह भरोसा प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दिलाया| भारत शांति बरकरार रखने पर विश्‍वास रखता है और भारत हथियारों की स्पर्धा के विरोध में हमेशा रहा है| इसके आगे भी भारत की यह भूमिका कायम रहेगी, ऐसा प्रधानमंत्री ने आगे कहा| इस दौरान, डीआरडीओ के प्रमुख जी.सतीश रेड्डी इन्होंने इस परीक्षण की वजह से देश की क्षमता में काफी बढोतरी हुई है, यह कहकर संतोष व्यक्त किया| वही, इस क्षेत्र के जानकार यह उपग्रहभेदी मिसाइल का परीक्षण यानी परमाणु परीक्षण की तरह ही अहम घटना होती है, यह दावा कर रहे है| भारत पर नजर रखनेवाले उपग्रह इसके आगे नष्ट करना मुमकिन होगा, यह कहकर इससे देश सुरक्षा और भी पुख्ता होगी, यह दावे तज्ञ कर रहे है| इस सफलता के लिए देश के वैज्ञानिकों का अभिनंदन किया जा रहा है, तभी इस मिसाइल का परीक्षण करने के लिए सरकार ने दिखाई इच्छाशक्ति की भी सराहना हो रही है| दो वर्ष पहले मिशन शक्ति की तैयारी शुरू की गई थी, यह जानकारी सामने आ रही है|

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